सीरवी समाज - मुख्य समाचार
Posted By : Posted By Mangal Senacha on 03 Nov 2011, 11:13:00
जोधपुर। इंटरनेट यूजर्स के साथ-साथ साइबर क्राइम भी बढ़ा है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के अनुसार देश में साइबर क्राइम के ग्राफ में 90 फीसदी इजाफा हुआ है। क्राइम के मामलों में पकड़े जाने वालों में करीब पचास फीसदी से अधिक 18-30 वर्ष तक की आयु के युवा शामिल हैं, जिसमें अधिकतर छात्र इंजीनियरिंग से जुडे हैं। 17 अक्टूबर 2000 में साइबर लॉ लागू हुआ था।
आंध्रा में 350 फीसदी बढ़ा
एनसीआरबी की जारी रिपोर्ट में 2009 में देश में साइबर क्राइम के 696 मामले थे। 2010 में यह मामले बढ़कर 1322 तक पहुंच गए। एक वर्ष में सबसे ज्यादा वृद्घि आंध्रप्रदेश में 350 फीसदी हुई। राजस्थान में एक वर्ष में साइबर क्राइम में 100 फीसदी की वृद्घि हुई है। प्रदेश में 2009 में आईटी एक्ट के 28 मामले थे, जो 2010 में 55 तक पहुंच गए। रिपोर्ट में साइबर क्राइम सिटी में पुणे को पहले स्थान दिया गया है। पुणे में 2009 के मुकाबले में 2010 में 625 फीसदी वृद्घि हुई है। जयपुर में जहां 2009 में साइबर क्राइम में एक भी मामला दर्ज नहीं हुआ था, वहीं 2010 में 27 दर्ज किए गए।
कहां है समस्या
विदेशों के मुकाबले भारतीय पुलिस को अब भी साइबर क्राइम रोकने में एक्सपर्ट नहीं माना जाता। साइबर क्राइम से निपटने के लिए ठोस इतंजाम अब तक नहीं हुए हैं। साइबर क्राइम के बारे में लोगों में जागरूकता भी कम है। वहीं पुलिस भी जांच से बचने के लिए साइबर क्राइम के मामले दर्ज करने से परहेज करती है।
सावधानी ही बचाव
नेशनल साइबर सिक्योरिटी एलायंस-इंडिया के मुख्य सलाहकार अभिषेक धाबाई ने सुझाव दिया कि साइबर क्राइम रोकने के लिए आवश्यक है कि लोग अपने इंटरनेट पासवर्ड आदि किसी को न बताएं। ई-मेल पर आने वाली किसी भी अनजाने व्यक्ति की मेल को चेक करने से पहले जांच लें कि उसके साथ वायरस या ट्रोजन तो नहीं है। रूपए कमाने के लालच में अनजाने मेल पर विश्वास न करें।
अपराध का तरीका
अरबों रूपए लॉटरी में जीतने का झांसा देकर खाते में कुछ रकम जमा कराने के लिए कहा जाता है।
फोन रिचार्ज कूपन खरीदने का झांसा
सोशल नेटवर्किग साइट पर फर्जी अकाउंट खोलना
ई-मेल हैकिंग के जरिए
इंटरनेट के जरिए धमकी देकर अथवा बरगलाना
फर्जी ई-मेल भेजकर मदद के नाम पर रूपए मांगना
नेट बैकिंग के जरिए किसी के खाते से रूपए निकालना अथवा डाटा चोरी करना
रजनीश अग्रवाल