सीरवी समाज - मुख्य समाचार

Posted By : Posted By Mangal Senacha on 30 Oct 2011, 10:57:23

बड़वानी। इस वर्ष बारिश अच्छी होने के बाद भी किसान फसलों की सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं। साथ ही किसानों के सिर पर रबी का सीजन खड़ा है और बिजली नहीं मिलने से किसान त्रस्त हंै। विद्युत वितरण कंपनी द्वारा घोषित नए शेड्यूल के अनुसार भी किसानों को बिजली नहीं मिली रही है। बिजली नहीं मिलने से किसान न तो कपास व अन्य फसलों को पानी दे पा रहे हैं और न ही रबी की बुआई की तैयारी कर पा रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में तो हालत और भी बदतर बने हुए हैं, जहां किसानों को बिजली मात्र 5 या 6 घंटे ही दी जा रही है। इसमें भी लोड शेड करने के नाम पर विद्युत कटौती की जा रही है। बिजली के झटकों में किसान अटके हुए हैं। वर्तमान में रबी फसलों की तैयारियों में किसान लगे हुए हैं।
किसान खेतों को तैयार करने में जुट गए और फिर गेहूं और चने के साथ अन्य फसलों की बुआई का दौर प्रारंभ होगा। इस समय किसानों को बिजली नहीं मिल रही है। बिजली समस्या से निपटने के लिए कई बार किसान सड़को पर उतरे और ज्ञापन, आवेदन, आंदोलन किए लेकिन फिर भी स्थिति में कोई सुधार होता नहीं दिखाई दे रहा है। स्थिति जस की तस बनी हुई है। ग्रामीण क्षेत्रों में दी जा रही बिजली का शेड्यूल 9 घंटे है उसमें भी डेढ़ घंटे प्रदाय कम कर दिया गया है। साथ ही जो बिजली प्रदाय 6 घंटे होना था उस दौरान भी बिजली कटौती कर दी जाती है। नर्मदा बेल्ट के किसानों ने बताया कि खेतों में पानी आने से पहले ही बिजली चली जाती है। जो शेड्यूल है उसके हिसाब से सतत बिजली प्रदाय किया जाना चाहिए।
कम वॉल्टेज बनी समस्या
किसानों के अनुसार बिजली प्रदाय तो कम हो ही रहा है,कम वॉल्टेज होने से भी वे परेशान हैं। कम वॉल्टेज में बिजली पंप जवाब दे रहे हैं। आए दिन पंप खराब हो रहे हैं और किसान आर्थिक नुकसान उठा रहे हैं। वॉल्टेज कम होने से भी सिंचाई कार्य प्रभावित हो रहा है।
सुधार होने के आसार
फीडर नहीं चल रहे हैं। किसानों को डेढ़ घंटे कम बिजली दी जा रही है। 6 घंटे बिजली प्रदाय के दौरान भी बिजली कटौती हो जाती है। कंपनी स्तर से कटौती हो रही है। नवंबर में बिजली प्रदाय में सुधार होने के आसार हैं।
- जेआर कनखरे, कार्यपालन यंत्री विविकं
साभार - पत्रिका