सीरवी समाज - मुख्य समाचार

Posted By : Posted By Mangal Senacha on 30 Oct 2011, 10:54:43

पाली, रायपुर लूनी के किसानों को खरीफ की तरह रबी में भी प्रकृति पर निर्भर रहना होगा। वर्षा ऋतु में मेहबाबा की मेहरबानी से रायपुर लूनी बांध छलकने पर किसानों को रबी में सिंचाई के लिए भरपूर पानी मिलने की आस थी, लेकिन जिला प्रशासन, जल संसाधन विभाग, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग और किसानों के बीच 19 अक्टूबर को हुई बैठक में 60 प्रतिशत (150 एमसीएफटी) पानी देना तय हुआ है। यह भी एक पाण में। ऐसे में गेहूं की फसल बोने वाले किसानों को सिंचाई दो पाण पानी के लिए प्रकृति या निजी जलस्रोतों (कुओं आदि) पर निर्भर रहना होगा या कम पानी में होने वाली फसल बोनी होगी।
रायपुर-लूनी बांध से किसानों को मिलेगा पानी, 60 प्रतिशत क्षेत्र में होगी सिंचाई.
2573 एकड़ रहेगा प्यासा
रायपुर लूनी बांध का कमांड क्षेत्र 6435 एकड़ है। इसमें से सिंचाई के लिए 60 प्रतिशत क्षेत्र को पानी देने के बाद 2573 एकड़ क्षेत्र प्यासा रह जाएगा। इस कमांड क्षेत्र के किसानों को रबी की बुवाई करने पर कुओं या अन्य परंपरागत जलस्रोतों से सिंचाई करनी होगी।
करेंगे पानी का निरीक्षण
बांध से मुख्य नहर (10.50 किलोमीटर) तथा देवसागर व रायपुर माइनर (6-6 किलोमीटर ) से रायपुर, बिराटिया कलां, निलाम्बा, निमाज व दीपावास गांवों के क्षेत्र में सिंचाई होगी। क्षेत्र में तीन उपभोक्ता संगमों के अध्यक्ष निगरानी रखेंगे। नहर में पानी का ख्याल जल संसाधन विभाग करेगा।
पेयजल में डेड स्टोरेज शामिल
बांध से पेयजल के लिए जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग को 140 एमसीएफटी पानी दिया जाएगा। इसमें डेड स्टोरेज का 56.20 एमसीएफटी पानी शामिल है। जिसे विभाग को लिफ्ट कर पेयजल के लिए सप्लाई करना पड़ेगा। इसके अतिरिक्त शेष पानी का उपयोग किसानों से चर्चा करने के बाद किया जाएगा।
सहमति से हुआ निर्णय
जल वितरण का निर्णय प्रशिक्षु आईएएस जितेन्द्र सोनी की उपस्थिति में किसानों की सहमति से हुआ है। पानी एक नवम्बर को खोला जाएगा।
राजीव चौधरी, अधिशासी अभियंता, जल संसाधन विभाग, पाली।
साभार - दैनिक भास्कर