
मनावर,मनावर तहसील के ग्राम गुलाटी में निवासरत सीरवी श्री लूणाजी काग क्षैत्र में वृक्ष मित्र के रूप में जाने जाते है। वर्ष 1990 में हरियाणा के करनाल जिले में दुधारू गाय खरीदने गये थे, वहा पर विभिन्न जातियों के वृक्षो को देख पर्यावरण की शुध्दता से अभिभूत होकर मन में यह संकल्प लिया की क्षैत्र के किसानो को प्रेरित कर अधिक से अधिक वृक्ष लगायेगें। पिछले 21वर्षो से इस कार्य में बेहद रूचि दर्शते हुए अब तक सैकडो किसानो को स्वयं द्वारा नर्सरी में विभिन्न जातियों के जिसमें आंवला, निलगिरी, सागौन, सुबबूल, चिकू, निम के पौधे तैयार कर प्रेरणा स्वरूप दिये गये।
पौधे देने के साथ उनके संरक्षणा की प्रेरणा देना भी नही भूलते थे। उनके दिये गये पौधे विभिन्न स्थानों पर आज 50 से 60 फिट तक वृक्ष देखे जा सकते है। इस उतकृष्ट कार्य को देखने हेतु आस्ट्रेलिया के एक दल ने नर्सरी का अवलोकन किया था। दल ने श्री काग को पर्यावरण सुधार की दिशा में एक रोचक कदम बताया ।
प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 1994 से तीन वर्ष तक 6000 रू. प्रतिमाह नर्सरी संचालन के लिए दिये गये। वर्ष 2000 में पर्यावरण व पौधे रोपण के क्षैत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए मनावर के अनुविभागिय अधिकारी तथा खण्ड़वा जिले की नेपा मिल ने भी सम्मानित किया।
जे.के. टायर कंपनी ने अपने ग्वालियर स्थित 11 एकड़ क्षैत्र में फैले कारखाने के समीप पेड़ लगाने के लिए आमंत्रित किया था।
श्री काग ने संपर्क में आने वाले प्रत्येक किसान को सलाह दी कि कृषि भूमि के 10 प्रतिशत भाग में वृक्षारोपण करे ।
क्षैत्र में पैधा रोपण करने की प्रेरणा ब्रहम्मलिन भी गजांनद जी महाराज बालीपुर वाले बाबा से मिली। अब तक क्षैत्र में 1 लाख 20 हजार पोधे दिये गये जिसमें से करीब 80 हजार पौधो ने विशाल वृक्ष का रूप धारण कर लिया है। उन्नत जाति के यह पौधे ५ वर्ष में तीस फिट लंबाई के वृक्ष बन जाते है।
राज्य शासन द्वारा 17 सितम्बर 2011 को बसामन मामा स्मृति में पर्यावरण सुधार में उत्कृष्ट कार्य के लिए तृतीय पुरस्कार दिया गया। इस संदर्भ में विभिन्न समाचार पत्रो में भी श्री काग के उत्कृष्ट कार्य व पर्यावरण दिशा में रोचक कदम को लेकर समाचार प्रकाशित हुए थे। इनकी सुन्दर कल्पना दुषित पर्यावरण को शुध्दता की ओर प्रेरित करती है। श्री काग निमाड़ क्षैत्र में क्षत्रिय सिर्वी समाज का नाम रोशन का उल्लेखनिय कार्य से सम्पूर्ण क्षैत्र में एक पहचान बनाई है।
श्री काग से पे्ररणा लेकर लोहारी के पत्रकार टीकमचंद पंवार ने राजीव गांधी जलग्रहण मिशन के सहयोग से लोहारी से गुजरने वाले बड़वाह-बड़ोदा मार्ग पर ग्राम के दो कि.मी. क्षैत्र में सैकड़ों नीम एवं गुलमोहर के पौधे लगाकर उनका पालन-पोषण कर विशाल वृक्षो का रूप दिया है जो राहगीरो एवं पर्यावरण विदो के लिए एक आकर्षण का केन्द्र बन गए है।
--- खेमराजजी बर्फा (पत्रकार, नई दुनिया)