सीरवी समाज - मुख्य समाचार
Posted By : Posted By Mangal Senacha on 13 Oct 2011, 17:50:21
नई दिल्ली, क्राइम ब्रांच ने 12 राज्यों में फर्जी जॉब रैकेट की मास्टरमाइंड और नकली आर्मी अफसर को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि इन्होंने एक हजार उम्मीदवारों से 10 करोड़ रुपये ठगे हैं, हालांकि इनसे महज पांच लाख 19 हजार रुपये ही बरामद किए गए हैं। डीसीपी (क्राइम ब्रांच) ने बताया कि इस रैकेट की मास्टरमाइंड अर्चना सिंह (45) और खुद को आर्मी में मेजर बताकर ठगी करने वाले रविंद्र चौहान को इंस्पेक्टर के.पी. सिंह और एसआई राजेंद्र सिंह ने गिरफ्तार किया है।
अर्चना असम के जोरहाट की रहने वाली है। उसके पिता वहां ठेकेदारी करते थे। पैसे की तंगी में आकर वह ठगी करने लगी थी। चार साल पहले वह जोरहाट में असम रायफल्स की भर्ती हुई थी। उसमें अर्चना ने सांठगांठ कर 3-4 उम्मीदवारों की भर्ती करा दी थी। हर उम्मीदवार की भर्ती पर उसे 15-15 हजार रुपये मिले। अगले साल असम रायफल्स की भर्ती के दौरान वह कूच बिहार पहुंची। उसने रकम ज्यादा उम्मीदवारों से ले रखी थी, जबकि उनमें से भर्ती कम उम्मीदवार ही हुए। फिर वह जालसाजी करने लगी।
अर्चना ने दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, यूपी, असम, मेघालय, मणिपुर, नागालैंड और हैदराबाद में अपने एजेंट बना लिए। ये एजेंट हर उम्मीदवार से 25 हजार से एक लाख रुपये के बीच रकम अडवांस लेकर उन्हें गुवाहाटी या जोरहाट ले जाते थे। वहां फर्जी डॉक्टरों से मेडिकल करवाने के बाद फर्जी परीक्षा लेकर वापस भेज दिया जाता था। इसके बाद फर्जी नियुक्ति पत्र की फोटोस्टेट भेजकर अपॉइंटमेंट लेटर के लिए पहले दो लाख रुपये भेजने के लिए कहा जाता था। यह रकम आते ही यह रैकेट अंडरग्राउंड हो जाता था।
इस रैकेट को चलाने के लिए अर्चना ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की फर्जी मुहर और कागजात तैयार कराए। इस मंत्रालय में भी नौकरी देने के बहाने भी बेरोजगारों को ठगा गया। इस ठगी में रविंद्र चौहान अर्चना का मददगार था। डीसीपी के मुताबिक इन्होंने करीब एक हजार उम्मीदवारों से 10 करोड़ रुपये ठगे हैं। इनमें से तीन करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी चौहान ने की है। उसके पिता राष्ट्रीय रायफल्स में नायब सूबेदार थे।
साभार - NBT