सीरवी समाज - मुख्य समाचार
Posted By : Posted By Mangal Senacha on 23 Aug 2010, 10:12:40
जोधपुर। दस करोड़ लोगों की राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में मान्यता दिलाने के लिए मंगलवार को राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति की नई दिल्ली में राष्ट्रपति को ज्ञापन देगी। समिति के अंतरराष्ट्रीय संयोजक प्रेम भंडारी ने सोमवार को यहां संवाददाताओं से बातचीत में यह जानकारी देते हुए कहा कि संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर राज्य सरकार ने विधानसभा की ओर से 2003 में संकल्प प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजा था।
इसके बावजूद अब तक मान्यता नहीं मिली। अब राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति का एक दल मंगलवार शाम छह बजे राष्ट्रपति को ज्ञापन देने जाएगा। प्रतिनिधिमण्डल में समिति के राष्ट्रीय संयोजक अभिषेक मनु सिंघवी, पूर्व केन्द्रीय राज्यमंत्री जगदीश धनकड़, राष्ट्रीय सलाकार पद्म मेहता, जेएनवीयू कुलपति भंवरसिंह राजपुरोहित, कोटा विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. एन.एम. दाधीच, मेहरानगढ़ के महानिदेशक महेन्द्रसिंह नगर, शिक्षाविद कमल मेहता, समिति संस्थापक एलडी कविया व प्रदेश संयोजक प्रो. कल्याणसिंह शेखावत भी शामिल होंगे।
समिति पदाधिकारियों ने कहा कि यदि ज्ञापन के बावजूद राजस्थानी भाष्ाा को अनुसूची में शामिल नहीं किया गया तो राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जनचेतना कार्यक्रम चलाएंगे। इस अवसर पर प्रदेश संयोजक प्रो. कल्याणसिंह शेखावत, राष्ट्रीय सलाकार पदम मेहता समेत राजस्थानी भाषा आंदोलन समिति के कई सदस्य मौजूद थे।
इसलिए मिले मान्यता
-एक हजार वर्ष प्राचीन भाषा है।
- केन्द्रीय साहित्य अकादमी से मान्यता प्राप्त है।
-साहित्यकार विजयदान देथा और सीपी देवल को पद्मश्री पुरस्कार तक मिल चुका है।
-यूजीसी की ओर से राजस्थानी में बीए, एमए और एमफिल कोर्स चलाए जा रहे हैं।
-आकाशवाणी और दूरदर्शन पर राजस्थानी में समाचार प्रसारित होते हैं।
- संस्कृति मंत्रालय, सूचना व प्रसारण मंत्रालय में राजस्थानी भाषा के विशेषज्ञ हैं।
- अमरीका में ओबामा प्रशासन ने मारवाड़ी बोली (राजस्थानी) को मान्यता दी है।
- साभार - पत्रिका.कॉम