सीरवी समाज - मुख्य समाचार

Posted By : Posted By Mangal Senacha on 19 Aug 2010, 10:49:59

उदयपुर,मेवाड़ को मारवाड़ से बड़ी रेल लाइन से जोड़ने की योजना अगले कई सालों तक फाइलों में ही दबी रहेगी। इस रेल मार्ग के आमान परिवर्तन का रेलवे बोर्ड का फिलहाल कोई इरादा नहीं है। यह खुलासा सूचना के अधिकार के तहत उत्तर पश्चिम रेलवे के निर्माण खंड से मांगी गई जानकारी में हुआ। बांसवाड़ा निवासी राजस्थान ट्राइबल एरिया विकास समिति के अध्यक्ष गोपी राम अग्रवाल को यह सूचना उत्तर पश्चिम रेलवे के लोक सूचना अधिकारी ने उपलब्ध कराई है। सूचना में बताया गया है कि निर्माण की लागत हर साल 15 फीसदी बढ़ रही है। इस परियोजना का 1997 से 99 के मध्य पहली बार सर्वे हुआ था। 2002 में परियोजना की लागत 551 करोड़ रुपए थी जो नौ सालों में बढ़ कर 1000 करोड़ से अधिक हो गई है।
पूर्व रेल मंत्री लालूप्रसाद यादव ने नाथद्वारा तीर्थ को गुजरात, मुंबई तथा मध्य प्रदेश से बड़ी रेल लाइन से जोड़ने के लिए मावली से 16 किमी बड़ी लाइन डालने की मंजूरी दी थी। नाथद्वारा से रेलवे स्टेशन 8 किमी दूर होने से 33 करोड़ रुपए खर्च करने का उपयोग नहीं है। राजसमंद जिले के कांकरोली, आमेट, देवगढ़ आदि बड़े कस्बे रेल सुविधा से वंचित हैं। 2009 तक मैं रेल मंत्रालय सलाहकार समिति की सदस्य थी, तब भी मारवाड़ तक आमान परिवर्तन के लिए लड़ती रही थी। वर्तमान में क्षेत्रीय विधायक के नाते भी मेरा प्रयास जारी है।
किरण माहेश्वरी, विधायक, राजसमंद
सैन्य परिवहन के लिए जरूरी
मारवाड़ का बाड़मेर, जैसलमेर क्षेत्र पाकिस्तान बॉर्डर पर स्थित है। सामरिक कारणों से सैन्य सामान या फौजियों के परिवहन का सस्ता व सुलभ रेल मार्ग मावली मारवाड़ रेल खंड साबित हो सकता है। एक दशक पूर्व सर्वे में रेलवे ने सुझाव दिया था कि आमान परिवर्तन की आधी लागत रक्षा मंत्रालय वहन करे तो काम लक्ष्य समय में शुरू होकर समाप्त हो सकता है। इस सुझाव पर द्विपक्षीय समझौता नहीं हो सका।