सीरवी समाज - मुख्य समाचार

Posted By : Posted By Mangal Senacha on 30 Jul 2010, 06:23:31

मुंबई। राजाराम महाराज की ६८ वीं समाधि उत्सव के अवसर पर आंजणा समाज के तत्वाधान में विशाल सत्संग जागरण व सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता मीडिया विशेषज्ञ मंगल सैंणचा (बैंगलोर) थे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता सैंणचा ने कहा कि सीरवी और आंजणा समाज का जातीय स्वभाव एक जैसा है। एक ओर जहां सीरवी समाज की आराध्य देवी श्री आईमाता हैं वहीं दूसरी ओर आंजणा समाज की आराध्य देवी आंजणी माता हैं। खास बात यह है कि दोनो ही समाज पैत्रककार्य कृषि है व सांस्कृतिक परमंपरा से जुडे रहने के कारण आज भी कृषि के धनी है। और अब व्यसाय में सफल हो रहे हैं। इस तरह दोनों समाज ने देश में अपनी एक अलग पहचान बनायी है। साथ ही अपने पूर्वजों की चली आ रही परंपरा का परचम लहराया है। ऐसे में दोनों समाज को आज भी संगठित रहने की आवश्यक्ता है। आज जहां समाज का बडा समूह पाश्चात्य सभ्यता की ओर आकर्षित हो रहा है। वहीं ये दोनो समाज अपनी कृषि कार्य में पूर्ण समर्पण भाव से रत रहने के कारण भौतिकता की चकाचौंध से दूर हैं। कार्यक्रम के दौरान समाज के कई श्रेष्ठ -जनों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर समाज के सैंकडों प्रबुद्ध, युवा माता-बहनें एवं बंधु उपस्थित थे। इस अवसर पर पिछले दिनों शिकारपुरा में प्रतिष्ठा महोत्सव पर प्रमुख चढ़ावेे का लाभ लेने वाले समाज सेवी हंसराज धूणिया भायंदर व जिन लोगों ने भी शिकार पुरा प्राण प्रतिष्ष्ठा में सहयोग दिया है। उन सभी लाभार्थियों का बहुमान किया गया है। इस अवसर पर समारोह में बोली लेने वाले तिलोकराम करवड़, इंदाराम तरक (भूजल विभाग प्रयोगशला पाली), वेनाराम काग, राजाराम काग, हरीराम तरक ने इस कार्यक्रम के चढ़ावे लिये। इस अवसर पर कार्यक्रम के अंत में प्रसाद वितरण किया गया। कार्यक्रम का संचालन मंगलाराम बग ने किया।
साभार - प्रात:काल, मुंबई