सीरवी समाज - मुख्य समाचार

Posted By : Posted By Mangal Senacha on 13 Jul 2010, 13:55:33

पाली। बाजार में चटकदार लाल रंग के सेव देखकर सबका मन ललचा जाता है, लेकिन आकर्षक बनाने के लिए इन सेवों पर लगाया गया पदार्थ आमजन के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर डाल रहा है। अधिक कमाई के फेर में फल विक्रेता सेव को चटकदार बनाने के लिए उन पर मोम जैसा कोई पदार्थ लगा रहे हैं। नाखून द्वारा या चाकू द्वारा उसे खुरचने पर यह पदार्थ उतरने लगता है। यह पदार्थ क्या है और कितना नुकसानदायक है। इसकी जानकारी चिकित्सा विभाग को भी नहीं है। 

नहीं होती सैम्पलिंग
चिकित्सा विभाग के सामने सेव की सैम्पलिंग के लिए भी संकट है। विभाग द्वारा सैम्पल जांच के लिए जोधपुर भिजवाया जाता है। ऎसे में सेव का सैम्पल लेकर उसे जांच के लिए भिजवाना विभाग के लिए मुश्किल भरा है। दूसरा सबसे बड़ा कारण फल बेचने वालों का पंजीयन का नहीं होना है। नगर परिषद द्वारा दुकानदारों का पंजीकरण नहीं किया जाता। पहचान नहीं होने से चिकित्सा विभाग द्वारा इन दुकानदारों या ठेलेवालों की सैम्पलिंग भी नहीं की जाती है। 

सेव को चमकाने तथा सुरक्षित रखने के लिए करते इसका उपयोग करते होंगे। वैक्स लगे सेव हैं तो आम आदमी को नहीं खरीदना चाहिए। इसकी शिकायत मिलेगी तो फूड इंस्पेक्टर को भेजकर जांच करवाएंगे। 
डॉ. युद्धवीरसिंह राठौड़, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी