सीरवी समाज - मुख्य समाचार

Posted By : Posted By Mangal Senacha on 05 Jul 2010, 10:17:17

पाली। दूध की गुणवत्ता में पहले की तुलना में काफी इजाफा होगा। जो दूध पहले तीन-चार घंटे बाद खराब हो जाता था, वह अब छह-सात घंटे तक खराब नहीं होगा। इतना ही नहीं, डेयरी प्लांट में दूध के केन खाली करने की समस्या भी नहीं रहेगी।
पाली जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ (पाली डेयरी) के राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत जिले की 43 दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों में बल्क मिल्क कूलर लगाने से यह सब संभव हो पाएगा। ये कूलर लगने के बाद गांवों से दूध लाने के लिए डेयरी को ढोल (दूध केन) की जरूरत नहीं पड़ेगी। समितियों से दूध मशीन की सहायता से सीधे इन्सोलेटेड टैंकरों में भरकर पाली डेयरी प्लांट लाया जाएगा और यहां पाश्चयूरीकृत कर बिक्री के लिए भेजा जाएगा।
जुड़ेगी 165 समितियां
डेयरी की ओर से जिले की 325 समितियों से दूध लाने के लिए पहले 26 बल्क मिल्क कूलर लगाए गए थे। वहां 101 समितियों का दूध एकत्र किया जाता है। अन्य समितियों में एकत्र दूध केन के माध्यम से लाया जाता है। इसमें पाली तक दूध लाने में चार से पांच घंटे लग जाते हंै। अब 43 समितियों में मिल्क कूलर लगने से 165 समितियों का दूध उन पर एकत्र होगा। इन समितियों तक दुग्ध उत्पादकों से दूध महज आधे-पौन घंटे में पहुंच जाएगा। इससे दूध में बैक्टीरिया उत्पन्न होने की आशंका पूरी तरह से समाप्त हो जाएगी।
शेष रहेंगी 59 समितियां
नए बल्क मिल्क कूलर लगने के बाद जिले में मात्र 59 समितियों के लिए फालना क्षेत्र में 17 बल्क मिल्क कूलर लगाने ही शेष रहेंगे। इनके लिए भी प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। उसके स्वीकृत होने पर डेयरी के ढोल पूरी तरह से गायब हो जाएंगे।
समितियों के लिए 20 बल्क मिल्क कूलर आ गए है। अन्य कूलर एक महीने में आ जाएंगे और समितियों में लगाने की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। शंभुसिंह राठौड़ प्रबंध निदेशक, पाली डेयरी