सीरवी समाज - मुख्य समाचार

Posted By : Posted By Mangal Senacha on 14 Jun 2010, 12:38:59

बिलाड़ा,वर्षों से क्षेत्र की प्यास बुझाने और सिंचाई का प्रमुख जरिया रहे जसवंत बांध की सार-संभाल शुरू हो गई है। जल्द ही बांध पर कंट्रोल रूम बनाया जाएगा और वायरलेस सेट स्थापित किया जाएगा। जसवंत सागर बांध की पाळी का पुनर्निर्माण होने के बाद सिंचाई विभाग गंभीरता से इसका रख रखाव कर रहा है । बांध के भरने के दौरान सहायक अभियंता व विभागीय कर्मचारी 24 घंटे गश्त पर रहेंगे। बांध की सुरक्षा के सभी उपाय किए जा रहे हैं।
सात हजार कट्टे मिट्टी भरवाई जाएगी :
संभाग में सबसे ज्यादा भराव क्षेत्र वाले जसवंत सागर बांध के पुनर्निर्माण के बाद सिंचाई विभाग उसकी सार संभाल में जुट गया है। गत वर्ष पानी के बहाव से हुए कटाव की मरम्मत नरेगा के अंतर्गत की जा रही है। बांध के लबालब भरने या उस पर चादर चलने की स्थिति में पाळ के कटाव को रोकने के लिए सात हजार कट्टे मिट्टी भरवाने की स्वीकृति ली गई है। कट्टे नवनिर्मित बांध की पाळ के विभिन्न हिस्सों पर रखे जाएंगे। बांध की मजबूती के लिए कट्टे काम आएंगे।
झाडिय़ों को कटवाया जा रहा है :
जसवंत सागर बांध की तरह क्षेत्र के जालिवाड़ा एवं बिराई की सुरक्षा एवं लबालब भरने की स्थिति में पाळ के विभिन्न हिस्सों के रख रखाव का कार्य भी विभाग करवा रहा है । पाळ के अंदरूनी हिस्से में उग आई झाडिय़ों को कटवाया जा रहा है । पाळ में चूहों द्वारा बनाए बिलों को भी भरा जा रहा है।
जल स्तर बढ़ाया जाएगा :
नौ नदियों एवं निन्यानवे बाळों के पानी से बांध भरने पर इसका गेज 24 फिट तक पहुंचता है । विभाग द्वारा लगाए गए गर्डर में शीशम के मजबूत पाट लगाए जा रहे हैं। बांध की भराव क्षमता 24 फीट से बढ़ कर 26 फीट हो जाएगी। बांध की चादर बहने से लूनी नदी का उद्गम होता है और यह पानी विभिन्न बांधों को भरते हुए बालोतरा के रास्ते आगे बढ़ता हुआ कच्छ के रण तक पहुंचता है।
नहीं मिल सकेगा 12 गांवों को पानी : बांध के लबालब भरने पर पूर्व में 12 गांवों की जमीन में सिचाई के लिए पानी दिया जाता था। लेकिन वर्ष 2007 के जुलाई माह में बांध की पाळ टूट जाने एवं पानी के बहाव से 12 गांवों को पानी पहुॅंचाने वाली मुख्य नहर ही बह गई । इसकी न तो मरम्मत की गई और न ही दुबारा बनानें का प्रयास विभाग ने किया । इस नहर के न होने से 12 गांवों में सिंचाई नहीं हो सकेगी,जबकि भावी गांव के लिए बनी नहर यथावत है ।
रखरखाव पर जोर दे रहे हैं :
जसवंत सागर बांध की पाळ का पुनर्निर्माण होने के पश्चात विभाग गंभीरता से रख रखाव कर रहा है । बांध के भरने के दौरान वे स्वयं एवं विभागीय कर्मचारी लगातार 24 घंटे गश्त पर रहेंगे । सुरक्षा के लिए सभी उपाय किए जा रहे हैं। बांध पर कंट्रोल रूम स्थापित कर वायरलेस सेट स्थापित किया जाएगा।
नंदकिशोर बालोटिया, सहायक अभियंता ,सिंचाई विभाग बिलाड़ा ।