सीरवी समाज - मुख्य समाचार
Posted By : Posted By Mangal Senacha on 03 Jun 2010, 10:53:00
रोहट, प्रस्तावित सिविल एयरपोर्ट पाली जिले के मांडावास में बनेगा या फिर नींबली ब्राह्मणान अथवा जोधपुर के नागौर रोड पर, इसको लेकर अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है, लेकिन इन स्थानों पर जमीनों के भाव जरूर बढ़ गए हैं। जानकार इसके पीछे भू तस्करों का हाथ होने से भी इनकार नहीं कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार सिविल एयरपोर्ट के लिए जोधपुर जिले के नागौर रोड तथा पाली जिले के नींबली ब्राह्मणान गांव के नामों की सूचना मिल रही थी। बुधवार को इसमें मांडावास गांव का नाम भी शामिल हो गया, जबकि वास्तविकता इसके विपरीत ही है।
मांडावास गए ही नहीं संभागीय आयुक्त : संभागीय आयुक्त 17 मई की शाम को अचानक रोहट पहुंचे व रात्रि विश्राम रोहट में करते हुए अगले दिन सुबह रोहट क्षेत्र के सिणगारी, सज्जनपुरा, गढ़वाड़ा व जैतपुर का दौरा करते हुए जालोर के लिए प्रस्थान कर गए। इस दौरान वे मांडावास नहीं गए। संभागीय आयुक्त व एसडीएम के बीच निंबली ब्राह्मणान गांव के पास एयरपोर्ट की कार्रवाई को लेकर औपचारिक बातचीत हुई।
एयरपोर्ट की स्वीकृति नहीं मिलने पर अन्य विकल्प के सुझाव पर एसडीएम ने 20 मई को संभागीय आयुक्त को मात्र सूचना के रूप में भूमि की उपलब्धता एवं नक्शा रिपोर्ट भिजवाई थी। एसडीएम इसके लिए 19 मई को तहसीलदार लियाकत अली तथा पटवारी को साथ लेकर मांडावास गए थे। भूमि की रिपोर्ट उपखंड प्रशासन द्वारा ही तैयार की गई थी, जिला प्रशासन द्वारा नही। साथ ही तहसील कार्यालय में मांडावास गांव के पास एयरपोर्ट के लिए किसी प्रकार की सूचना एवं रिपोर्ट भिजवाने पर अनभिज्ञता जाहिर की गई।
अफवाह के बाद खरीद -फरोख्त शुरू : इस अफवाह ने जमीनों के भाव रातों रात बढ़ा दिए हैं। भू तस्कर ऊंचे दामों में आस-पास की जमीनों को बिकवाकर चांदी कमा रहे हैं। इस ओर प्रशासन का अभी तक ध्यान नहीं गया है। आमजन को इस प्रकार के घटनाक्रम से फायदा पहुंचे या न पहुंचे भूमाफियाओं को इससे लाभ ही लाभ है। वास्तविक जानकारी न आने तक ये लोग अपना काम कर लेंगे, लेकिन तब तक शायद आम आदमी खुद को ठगा हुआ भी महसूस कर सकता है।
फिर यह क्या है : पाली तथा जोधपुर जिले के मध्य स्थित रोहट क्षेत्र पर भू तस्करों की विशेष निगाह है। वे यहां के भाव आसमान पर पहुंचाने के लिए हर संभव कोशिश में जुटे हैं। कभी यहां पर सेटेलाइट सिटी की सूचना मिलती है तो कभी सांसद द्वारा सेज के प्रस्ताव भिजवाने की भी बात होती है।
हकीकत है यह : जोधपुर से मांडावास 75 किमी दूरी पर है। मांडावास पाली जिले में है तथा इससे अन्य जिलों की कोई सीमा नहीं लगती है। ऐसे में यहां एयरपोर्ट बनने की सूचना को अंतिम निर्णय नहीं माना जा सकता।
न तो प्रस्ताव मिला और न हुई भूमि चिह्नित
जानकारी के अनुसार मांडावास में सिविल एयरपोर्ट निर्माण की सूचना हवा हवाई नजर आ रही है। उपखंड अधिकारी कार्यालय में एयरपोर्ट के लिये जर्मन विशेषज्ञों के आने की भी कोई सूचना नहीं है और न ही एयरपोर्ट के लिए कोई प्रस्ताव मिला। यहां तक कि भूमि चिह्नित करने की कोई जानकारी भी अधिकारी नहीं बता पा रहे हैं।
निंबली ब्राह्मणान गांव के पास एयरपोर्ट बनने की स्वीकृति या निरस्त होने की किसी प्रकार की जानकारी हमारे पास नहीं है। मांडावास के लिए जर्मन विशेषज्ञों के आने की भी सूचना गलत है।
- चुनाराम विश्नोई, एसडीएम रोहट
-- साभार - दैनिक भास्कर --