सीरवी समाज - मुख्य समाचार
Posted By : Posted By Mangal Senacha on 31 May 2010, 10:20:27
पाली। आपको अव्यवस्थाओं का आलम देखना हो तो जिले के सबसे बड़े अस्पताल बांगड़ अस्पताल आ जाइए। अस्पताल के वार्ड में व्याप्त अव्यवस्थाएं व दुर्लभ सुविधाएं लोगों के लिए मुसीबत बनी हैं। यहां आउटडोर के समय या इसके अतिरिक्त समय में पहुंच गए तो यहां पट्टी करने की सुविधा तक नहीं मिलती। अस्पताल का ट्रोमा सेंटर उद्घाटन का इंतजार कर रहा है और मरीजों को मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। जनऔषधि केन्द्र में सरकार ने दवाइयां उपलब्ध नहीं कराई। चौबीस घंटे खुला रखने के आदेश के बावजूद यह आउटडोर समय के बाद बंद हो जाता है।
नाम का पट्टी बंधन कक्ष
बांगड़ अस्पताल में आउटडोर समय के अतिरिक्त आपातकाल में आपको पट्टी करवानी हो तो अस्पताल के किसी वार्ड में ही जाना पड़ेगा। पट्टीबंधन कक्ष में आउटडोर के समय ही सुविधा मिलती है। उसके बाद यहां कोई नजर नहीं आता है। कक्ष का दरवाजा जरूर चौबीस घंटे खुला रहता है।
ट्रोमा का इंतजार
अस्पताल परिसर में करीब साठ लाख की लागत से ट्रोमा सेंटर तो बना दिया गया लेकिन स्टाफ स्वीकृत नहीं होने के कारण नया बना ट्रोमा सेंटर शो पीस बना हुआ है। अस्पताल में ट्रोमा वार्ड फिलहाल दूसरे वार्ड में अस्त-व्यस्त हाल में चलाया जा रहा है। इस वार्ड में मात्र बारह बेड लगे हैं। आपातकाल में अधिक मरीज आने पर उनको भर्ती करने तक की सुविधा अस्पताल प्रबंधन के पास नहीं है। फिलहाल उपलब्ध जगह में ही अस्त-व्यस्त हाल में वार्ड संचालित हो रहा है।
बर्न मरीजों के जीवन को खतरा
ट्रोमा सेंटर बनने के कारण पुराने ट्रोमा वार्ड को बर्न वार्ड के लिए तैयार किया गया है। पुराने बर्न वार्ड को आई थिएटर के रूप में बनाया गया है। करीब सात-आठ माह से बर्न के मरीजों को सर्जिकल वार्ड में भर्ती किया जा रहा है। जबकि नियमानुसार बर्न के मरीजों को आइसोलेटेड जगह पर रखा जाना अनिवार्य होता है। बर्न मरीजों के लिए एसी जरूरी होते हैं जबकि सर्जिकल वार्ड में मात्र दो कूलर काम कर रहे हैं। बर्न मरीजों के लिए यहां दो से चार बेड आरक्षित हैं। आइसोलेटेड वार्ड नहीं होने के कारण बर्न मरीजों में इंफेक्शन की आशंका रहती है।
शो पीस बना जनऔषधि केन्द्र
मरीजों को सस्ती दवाइयां उपलब्ध करवाने के लिए अस्पताल परिसर में जन औषधि केन्द्र तो खोल दिए गए लेकिन यहां न तो दवाइयां मिलती है और न आउटडोर के समय बाद यह खुला मिलता है। जबकि अस्पताल प्रबंधन ने जनऔषधि केन्द्र को चौबीस घंटे खोलने के निर्देश दिए हैं।
साभार - राजस्थान पत्रिका