सीरवी समाज - मुख्य समाचार
Posted By : Posted By Mangal Senacha on 07 May 2010, 12:20:28
जयपुर. प्रदेश के 300 और उससे अधिक बच्चों की क्षमता वाले स्कूलों के लिए शुरू की गई जलमणि योजना में अब आरओ लगाने के स्थान पर टांके बनाए जाएंगे। इनको रैन वाटर हार्वेस्टिंग के जरिए भर कर साल भर उपयोग किया जाएगा। इस योजना में केंद्र सरकार ने 40,000 रुपए प्रति स्कूल देने की मंजूरी दी है। टांकों को बनाने में एक लाख रुपए का खर्च आने की संभावना है, इसमें बाकी पैसा राज्य सरकार वहन करेगी।
योजना का नया रूप मंजूर: प्रदेश की करीब 1800 स्कूलों में ये टांके बनाए जाएंगे। शुक्रवार को यहां हुई बैठक में केंद्र सरकार के राजीव गांधी पेयजल मिशन के कमल मजूमदार ने जलमणि योजना के इस नए रूप को मंजूरी दे दी। राज्य के जल संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव रामलुभाया ने योजना को नए रूप में बैठक के दौरान रखा। बैठक में पीएचईडी के मुख्य अभियंता और राज्य भर से आए अतिरिक्त मुख्य अभियंता भी मौजूद थे। राज्य में 35,000 गांव-ढाणियां खारेपन और फ्लोराइड की समस्या से ग्रसित है।
कई इलाकों में नाइट्रेट की मात्रा भी अधिक पाया जाता है। इन गांवों में से 300 से अधिक बच्चों वाली स्कूलों में आरओ लगाकर शुद्ध पानी देना तय हुआ था। केंद्र ने ही इस योजना को प्रस्तावित किया था। इसके लिए केंद्र ने पहले 40,000 रु. देने की बात कही और बाद में सिर्फ 20,000 रुपए देने पर ही सहमति दी थी। राज्य सरकार 40,000 रुपए प्रति आरओ देने की मांग कर रहा था। वहीं कंपनियां पांच साल के मेंटेनेंस की शर्त के चलते इस राशि में आरओ लगाने के लिए तैयार नहीं हुई।
केंद्र के अफसर 20,000 रुपए में आने वाले सिर्फ टेरो फिल्टर वाले आरओ लगाने पर जोर दे रहे थे, जबकि खारे पानी और फ्लोराइड वाले पानी के लिए ऐसे फिल्टर की कोई उपयोगिता नहीं रह जाती। राज्य के जल संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव और मुख्य अभियंता (ग्रामीण) वी.के. माथुर इस बारे में कई बार पत्रों और केंद्र के अफसरों के साथ बैठकों में राशि बढ़ाने का आग्रह कर चुके थे। केंद्र सरकार में सुनवाई नहीं होने पर राज्य में इस योजना को स्थगित ही कर दिया गया था।
केंद्र सरकार ने जलमणि योजना के नए रूप को मंजूरी दे दी है। इसमें रैन वाटर हार्वेस्टिंग और टांके बनाकर उसमें एकत्र करेंगे। इस पर जल्दी काम शुरू करेंगे। - वी.एन. माथुर, मुख्य अभियंता (ग्रामीण),पीएचईडी
साभार - दैनिक भास्कर