सीरवी समाज - मुख्य समाचार

Posted By : Posted By lalaram kag on 04 May 2010, 10:58:38

श्री आईजी विद्यापीठ संस्थान जवाली द्वारा प्रकाशित शैक्षणिक ज्ञानवर्धक सकारातम्क सोच से आबद्ध श्री आई ज्योति पत्रिका के दूसरे अंक में प्रकाशित सदगुरु स्वरुपा श्री आई माताजी लेख की दूसरी कड़ी में लेखक ने बहुत ही प्रभावी लेखनी से माताजी की आध्यात्किम जीवनोपयोगी सार्थक विचारधारा को प्रस्तुत कर यकिनन सर्वसाधारण के लिए प्रेरणात्मक अवबोध का सृजन किया है।
आई माताजी का व्यावहारिक महत्व उनकी मेहनतकश वर्ग के लिए शुद्ध सरल आचरण, पारिवारिक सौहार्द में बढ़ोतरी करने के साथ साथ जीवन को माता-पिता और घर-परिवार में नैतिक आचरण की सीख अनमोल हैं।
आई माताजी के चिन्तन को विभिन्न विद्वानों के विचारों से तुलनात्मक रुप से तौलकर उनके चिन्तन के समानान्तर रखने पर आईजी का दर्शन सर्वसाधारण के लिए सीधा और अनुकरणीय है। जो पालन में सबसे सरल आचरण के साथ उपयोगितापूर्ण है।
कहना न होगा कि यह लेख सार रुप में आईजी के महत्व का सम्पूण सारांश प्रस्तुत कर पाने में सफलता के करीब है। विद्वान लेखक को बधाई।


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