सीरवी समाज - मुख्य समाचार

Posted By : Posted By Mangal Senacha on 28 Apr 2010, 11:40:19

अजमेर. महिला सशक्तिकरण के दौर में अजमेर जिले ने आज एक नया अध्याय लिखा गया। मायापुर ग्राम पंचायत की महिलाओं ने जिले की महिला अफसरों की अगुवाई में ही, दो सौ साल पुरानी परंपरा बदली। महिलाओं ने ग्राम की हथाई पर चौपाल में शिरकत की और गांव की समस्याओं पर चर्चा की।
हथाई पर महिला की वर्जना के मद्देनजर गांव वालों ने ग्राम पंचायत भवन में चौपाल का आयोजन रखा। प्रशासनिक अमला जब वहां पहुंचा तो नियम आड़े आ गया कि चौपाल का आयोजन तो गांव की हथाई पर होना ही अनिवार्य है। एसडीएम भारतीय प्रशासनिक सेवा प्रशिक्षु अधिकारी शरण दीप कौर ने नियम के तहत ही हथाई पर चौपाल आयोजित करने की बात कही। कुछ गांव वालों ने पहले तो हथाई पर महिलाओं के बैठने की परंपरा का हवाला देकर इसका हल्का विरोध किया।
एसडीएम ने मौके की नजाकत देख कर कलेक्टर श्रीमती मंजू राजपाल से मशविरा करने के बाद हथाई पर चौपाल करने का फैसला लिया। तब गांव वाले भी परंपरा को त्याग कर हथाई पर चौपाल के लिए राजी हो गए। विरोध की आशंका को देखते हुए मांगलियावास से संबंधित थानाधिकारी को बुलाया गया। संयोग से वहां भी प्रशिक्षु आईपीएस प्रीति जैन लगी हुई हैं।
वह भी मौके पर पहुंच गई, फिर क्या था, पूरा गांव चौपाल तक पहुंचा। जहां पंच-पटेल बैठ कर गांव की समस्याओं पर चर्चा करते थे वहां बुधवार की रात करीब डेढ़ घंटे तक सरपंच कमला रावत के साथ एसडीएम शरण दीप कौर, थानाधिकारी प्रीति जैन, दो महिला पटवारी लक्ष्मी देवी व सुनीता के साथ वार्ड पंच शांति देवी, रमती देवी, सोहनी समेत उप सरपंच मोहन सिंह रावत ने समस्याएं सुनी। गांव के मदन फौजी ने चौपाल में जानकारी दी कि यहां बाल विवाह का आयोजन पिछले बरसों से नहीं हो रहा है।
कुछ ग्रामीणों ने बीट के सिपाही रामकरण के बारे में शिकायत कर उसे हटाने की मांग की। गांव वालों का यह भी कहना था कि ग्राम सेवक राम नारायण जा दम के पास मायापुर के साथ पीसांगन व भवानी खेड़ा ग्राम पंचायत का अतिरिक्त प्रभार होने के कारण काम समय पर नहीं हो पाते है। सरपंच रावत ने कहा कि स्कूल उच्च प्राथमिक से माध्यमिक तो हो गया लेकिन उसमें न तो हेड मास्टर है और न ही चपरासी।
ऐसे में बच्चों की पढ़ाई का नुकसान हो रहा है। ग्रामीण चौपाल में जब बिजली की समस्या की शिकायत कर रहे थे, उसी समय लाइट भी गुल हो गई। महिला अफसरों ने समस्याएं सुनने के बाद मौके पर ही कुछ का समाधान किया और कुछ के लिए जल्दी ही कार्रवाई करने का आश्वासन भी दिया।
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