सीरवी समाज - मुख्य समाचार
Posted By : Posted By Mangal Senacha on 25 Apr 2010, 13:03:09
आज दिनांक ३०.१२.२०१० को सीरवी किसान छात्रावास, बडेर के पीछे, बिलाडा में समाज सुधार के परिपेेक्ष में पूर्व निर्धारित कार्यक्रम अनुसार धर्म गुरू दीवान साहब के मुख्य अतिथ्य में व श्री धन्नाराम जी लालावत, अध्यक्ष परगना समिति, बिलाडा की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में श्री गेनाराम जी परिहार, अध्यक्ष परगना समिति रायपुर,, श्री पीथाराम जी राठौड, अध्यक्ष परगना समिति सोजत पूर्व, एवं परगना समिति जैतारण व सोजत पश्चिम, के पदाधिकारियो/ प्रतिनिधियों, बिलाडा परगना समिति क्षैत्र के समस्त गांवों के पंच, कोटवाल व सैकडों की तादाद में सामाजिक कार्यक्रर्ता व नवयुवक मण्डल के पदाधिकारियों की उपस्थिति में समाज सुधार के विभिन्न बिन्दुओं पर विस्तृत विचार-विमर्श पश्चात् निम्न निर्णय पारित किये गये :-
१. मायरा, बिन्दवागा, लेहरखा - शादी या अन्य अवसरों पर लाये गये पेरावणी (वेश), मायरा इत्यादि बधावा करने के बाद उनका प्रदर्शन न करा कर सीधे ही घर में सम्बंधित को सूची सहित सौंप दिये जायेंगे।
२. औढनी/वेश - शादी व अन्य अवसरो जिसमें ढूंढ, व्रत उजवणा, झडुला, आणा, दसोटन, बलुन्धा पर ५०/-रूपये प्रति ओढनी व १००/-रूपये प्रति वेश के हिसाब से राशि का निर्धारण किया गया है। सभी रिश्तेदार वेश व ओडनी न लाकर राशि भेंट करेंगे
३. शादी दिन मे - शादी को सादगी से सम्पन करने हेतु , दिन में भी शादी करने की छुट दी जाती है।
४. लडकी की दुबारा शादी - किसी भी कारण/परिस्थितियांवश लडकी की दुबारा रीति रिवाज अनुसार शादी करने की छुट दी जाती है। बच्चों वाली महिला की दुसरी शादी न कर पूर्व रीति-रिवाज अनुसार ही रहे।
५. घोडी - शादी में वधु पक्ष को घोडी लाने की छुट रहेगी।
६. पुरस्गारी - विभिन्न आयोजनो में पुरस्गारी करने में आ रही समस्या को देखते हुए यथा संभव सभी के लिए बूफे/बफर (खडे खडे रहकर खाने) व्यवस्था की छुट दी जाती है।
७. सोभ - सभी अवसरो पर सोभ की राशि २०/- रूपये निर्धारित की जाती है।
८. ढुंढ - बच्चे की ढुंढ तथा झडुला पर बच्चे के नाना व भुआ ही कपडे (वेश ) लाएंगे अन्यों को निर्धारित राशि १००/-रूपये देना ही निश्चित किया गया।
९. धर्म बहन - कोई भी व्यक्ति अपने समाज व अन्य समाज की महिला को धर्म बहन नही बनाएगा।
१०. बाहरवा दिन का निर्धारण - मृत्यु पर बाहरवा की रस्म हेतु ७ दिवस या अधिकतम ९ दिवस की अवधि का निर्धारण किया जाता है, जिसमें रविवार या मंगलवार आने पर एक दिन पहले का निर्धारित करना होगा। तथा इसमें किसी प्रकार का पंचक का प्रभाव की गणना नही की जायेगी।
११.कांण/बैठक की अवधि :- काण/बैठक मृत्यु के ३ दिन की अवधि तक रहेगी, रविवार/मंगलवार होने पर इस अवधि को एक दिन आगे बढाया जा सकेगा तथा शेष सभी काण/बैठने वाले आने वाले खिजमतियां (बाहरवे ७ या ९ दिन) के दिन ही काण/बैठक हेतु आएंगें।
१२. मृत्युभोज/बाहरवां - मृत्युभोज में परगना स्तर से पूर्व में तय अनुसार दाल-बाटी के साथ सादगी से सम्पन्न करना होगा ।
१३. मृत्युभोज प्रवास स्थान पर - प्रवासी व्यक्ति को किसी के भी मृत्यु पर सिर्फ एक जगह पर ही मृत्युभोज का आयोजन सादगी के साथ सम्पन्न करना होगा, या तो प्रवास स्थान पर या मूल निवास स्थान पर।
१४. सोग - सोग की प्रथा बाहरवा/खिजमतिया के दिन में ही दोपहर बाद सादगी के साथ सम्पन्न करनी होगी।
ःःः गोपाराम पंवार 09929717343 ःःःःः