सीरवी समाज - ब्लॉग

मायड़ भाषा रा हैताळू , प्रस्तुति :- मंगलाराम सीरवी बर्फा
Posted By : Posted By Manohar Seervi on 27 Jul 2020, 11:53:11

मायड़ भाषा रा हैताळू
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मने म्हारी मायड़ भाषा मारवाड़ी बोली रो घणो है गुमान ।मनेआ बोले घणी चौखी लागे ।जिकी बोली में आपो अपणी मां सूं बात करां , जिकी बोली में आपणा सगळा संस्कार रेवे ,जिकी भाषा आपा रे रु रु में बसियोड़ी वे , वा मायड़ भाषा कैविजे ।आपाणी मायड़ भाषा राजस्थान री मारवाड़ी बोली घणी मीठी बोली है ।राजस्थान में घणी बोलियां बोली जावे ।कैवत है - तीन कोस पाणी पलटे बारह कोस बोली ।अपोणे मारवाड़ में भी १२कोस पछे लहजो बदळ जावे ।सबने आपरी बोली ने लहजो हकरो लागे ।अपाणी मारवाड़ी बोली सगळा मे फैलियोडी है ।जटे नी पूगी गाडी वटे भी पुगिया मारवाडी ।
आपा कमावण कारज मारवाड़ छोड परदेशा में बस गिया ।परदेश री बोली भाषा ने भी अपणे जरुरत रे मुजब सीखणी पडसी , बोलणो पडसी ।पण आपाने अपणी भाषा अरु संस्कृति ने नी भूलणो है ।केई मिनख आपरे मायड भाषा में बोलण सू शरम करे अरु विलायत री भाषा बोलण मे गरभ करे ।मायड भाषा बोलण वाळो ने गिंवार हमजे ।मायड भाषा रो निरादर करणो , मां बाप रो निरादर करणो सरीखो है ।जको आपरी भाषा तजे वाने केवे भांड , निज भाषो भाखता आवे जिणने लाज ।देश री गधेडी ने पुरबली चाल ।भाषा आपणी बोलिये पछे थे पावो मान।
दूजो परदेशा रा वाशिंदा सूं अपोने सीख लेवणी है ।वे कितरा भी शिक्षित वेगा पण आपरी क्षैत्र री भाषा ने नी भूले । वे आपरी कन्नड तमिल तैलगू मलयालम मराठी बंगाली जिको भी भाषा वे आपरी भाषा मे बडी चावसूं बोले ।बडा बडा औहदा माथे बैठा आलाअफसर अर नेता लोग चाव सू आपरी मायड भाषा वापरे ।
अपाणा मरुधर देश री परंपरा अरु संस्कृति भारत रा दूजा परदेशाय सूं न्यारी है ।
मधुर मधुर भाषा म्हारी ,मीठो मीठो बोल ।
शबद शबद मे ईमरत बसे ।बोल सके तो बोल ।।
भाषा तो मायड भली , आवे समझ सूं ढंग ।
भाली लागे भाखतो अपणायत रो रंग ।।
अपोने अपोणी मायड भाषा सूं हेत राखणो है ।अपोणी संस्कृति ने बणायोड़ी राखणी है।
केसरिया बालम आवोनी पधारो म्हारे देश ।।
जय राजस्थान जय मारवाड ।।
जय जगदम्बे आद भवानी आईमात की ।
✍️आपरो हैताळु -मंगळाराम बरफा।
मरुधर में बिलाडा ।हाल बैगलुरु।।

प्रस्तुति :- मंगलाराम सीरवी बर्फा