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कोरोना बचाव ही उपचार है देवेंद्र सीरवी सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी । जिला धार ,मध्य प्रदेश ।
Posted By : Posted By seervi on 02 Apr 2020, 06:14:37

जय श्री आईजी री सा
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?? हमारे सामाजिक परिवेश में बहुत सारी ऐसी बीमारियां होती है जो खाने-पीने और छूने से फैलती है। वर्तमान समय में कोरोना विषाणु जनित रोग जो चल रहा है वह भी एक छूत की बीमारी ही है ।
सीरवी समाज में काफी लंबे समय से एक कुप्रथा चली आ रही है सहभोज यानी कि साथ में बैठकर एक ही बर्तन में भोजन करना।
सह भोज को मैं कुप्रथा इसलिए कह रहा हूं क्योंकि इससे केवल मात्र नुकसान ही है चाहे वह भौतिक रूप से हो या फिर चाहे आध्यात्मिक रूप से ।
भौतिक रूप से नुकसान का मतलब हमारे अमूल्य मानव शरीर को इस प्रथा द्वारा होने वाली बीमारी से है।
कोरोना रोग के अलावा भी ऐसी बहुत सारी छुआछूत की बीमारियां कम्युनिकेबल डिसीज है जो मात्र साथ में बैठकर भोजन करने से होती है हां यह अलग बात है कि उन बीमारियों का इनक्यूबेशन पीरियड काफी लंबा होता है और वह हमारे शरीर पर कोरोनावायरस की तरह तुरंत असर ना डाल कर बहुत लंबे समय बाद असर डालती है यानी कि हमको बीमार करती है।
जैसे - कोलेरा हेपेटाइटिस ए टाइफाइड कोरोना वायरस अन्य।
इस प्रकार के सभी रोग मुख्य रूप से सहभोज से ही होते हैं, इनके लक्षण बहुत महीने और सालों में आते हैं और हमको उसका कारण पता नहीं चल पाता है यह बीमारी कहां से आ गई जबकि इसका कारण सहभोज है।
बीमारी फैलाने वाली इस प्रथा की मैं निंदा करता हूं।
धर्म शास्त्रों में भी इस प्रकार से भोजन करना वर्जित है।
पश्चिमी राजस्थान और सीरवी समाज के अंदर ही मैंने इस प्रथा को देखा है।
कुछ और स्थानों को छोड़कर यह सह भोज की कुप्रथा कहीं पर भी नहीं है।
मेरा निवेदन समाज के बुद्धिजीवियों से मात्र इतना सा है, की सहभोज की इस कु प्रथा को बंद करवाया जाए, जिससे अनावश्यक बीमारियां नहीं फेलै।
समाज के सभी लोगों को सहभोज को व्यक्तिगत स्तर पर त्याग देना चाहिए ।
लेखक- देवेंद्र सीरवी
सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी ।
जिला धार ,मध्य प्रदेश ।