सीरवी समाज - ब्लॉग

रिश्तेदार बन कर जिओगे तो रिश्ता तीर्थ बन जायेगा - प्रस्तुति - मंगला राम बर्फा बिलाड़ा {बैगलुरू}
Posted By : Manohar Seervi on 02 Jan 2020, 12:18:50

व्यक्ति अगर रिश्तेदार बनकर जियेगा तो रिश्ता तीर्थ स्थल बन जायेगा । परिवार रिश्तेदारों से बनता है।दावेदारों से नहीं ।यदि रिश्तों को तीर्थ नहीं बनाया तो कितनी भी तीर्थ यात्राएं कर लो कुछ फल प्राप्त होने वाला नही है। परिवार वह सुरक्षा कवच है जिसमें रह कर व्यक्ति शांति का अनुभव करता है। अगर आपके रिश्ते में पूरी तरह से विश्वास , ईमानदारी , और समझदारी है तो जीवन में आपको वचन, कसम, नियम और शर्तों की कभी जरूरत नहीं पड़ेगी ।रिश्ते में आपसी समझ होना आवश्यक है।अत: अपने रिश्तों में दावेदारी नहीं करें , रिश्तों को तीर्थ बनाने का प्रयास करें । व्यक्ति के जीवन में व्यक्तिगत समस्याएं कम होती है और संम्बंधो से उत्पन्न समस्याएं अधिक है। जब रिश्तों की मर्यादाएं टूट जाती है, तो बहुत कुछ समाप्त हो जाता है। रिश्ते आपसी सामंजस्य से बनते है।जहां वादा होता है वहां रिश्ता होता है और जहां दावा होता है वहां रिश्ता नहीं होता है। जब तक रिश्तों को निभाना नहीं सीखेंगे हम अपने जीवन में धर्म नहीं कर पायेंगे ।रिश्तों के रास्ते ही धर्म आता है। सौभाग्य आता है ।
एक जमाना था जब परिवार में कितने ही लोग होते थे और परिवार हंसता खेलता था और एक दूसरे से जुड़ा रहता था ।आज परिवार कितने छोटे हो गयें है और टूटते जा रहे है, हमारे रिश्ते बिखरते जा रहे है । एक बाप कितने चाव से घर की आधार शिला रखता है लेकिन आज उस आधार शिला की ईंटें इतनी कमजोर हो गयी है कि जितना मर्जी सींमेंट लगा लो , वो आपस में झुड़ने वा काम ही नहीं लेती ।क्या हो गया है हमको ? क्यों ऐसा कर रहें है हम। बातें तो हम बहुत करते हैं , लेकिन खुद पे आये बदलाव को बिल्कुल नजर अंदाज कर रहें हैं।कोई बुरा नहीं होता ,बुरा वक्त होता है जो हमारे अंदर बुराई के बीज पैदा करता हैं ।जब बारिश रुक जाती है तो सूरज बादलों का सीना चीर कर हमे फिर से रोशनी देता है।खुद को ऐसा सूरज बनायें कि आपकी गर्मी में भी लोगों को चांद सी ठंडक महसूस हो ।जो हुआ वो क नासमझी थी और उसके लिए किसी को भी दोष मत दो । उसे बस रास्ते का पत्थर समझ कर हटायें और अपनी मंझिल की तरफ बढते रहें ।जिंदगी बहुत खुबसूरत है। इसलिए मुस्कुराइए और सारे गम ऊूल जाइए ।ऊपर वाला आप पर आशीष के फूल बरसायेगा ।