सीरवी समाज - ब्लॉग

समाज में महिलाओ के लिए घूँघट पर एक विचार - नैमाराम बर्फा, महेश्वरम, तेलंगाना
Posted By : Posted By seervi on 29 Sep 2019, 04:33:53

मेरे समाज में आज भी घूँघट निकालने के लिए बाध्य किया जाता है ना सिर्फ गाँव में बल्कि बड़े शहरों में भी आज की पढ़ी लिखी नए विचारो की लडकिय हाथ भर का घूँघट निकाल रही है, आखिर में गुलामी का भार कब तक उठाएगी ? हमारे समाज की पढ़ी लिखी लडकिया जो नए जमाने के साथ कदम मिला कर आगे बढ़ना चाहती है उन्हें ये रुढ़िवादी विचारधारा वापस उसी कीचड में घसीट रही है जब लडकिया ये सब बंदिशे भाव झेल नहीं पाती और घटती है तथा उनके माँ बाप उन्हें कुछ ऐसी महिलाओं का उदाहरण देकर हिम्मत बंधाते है चुप चाप जी रही है अफ़सोस की बात है की आज के लड़के जो खुद को हॉलीवुड की दुनिया के करीबी मानते है वो भी इसका विरोध नहीं करते, जो अच्छे से जानते है की घूँघट एक कुप्रथा (अनाचार) है और एक गुलामी की निशानी है, बदलाव के लिए बड़ी बड़ी बाते नहीं बड़ा जिगर होना चाहिए l लडकियों को खुद अपनी स्थिति बदलनी होगी बिना किसी रुकावट में उसके लिए किसी ना किसी को तो पहल करनी ही पड़ेगी l
इस पर समाज विचार करे

नैनाराम बर्फा (नेमीचंद बर्फा)
महेश्वरम, हेदराबाद, तेलंगाना
9739631455