सीरवी समाज - ब्लॉग

आलेख:-सीरवी समाज की अच्छाइयां-सबसे जुदा । - प्रतिभागी - 8 -श्रीमती - प्रेमलता / भगवान सोलंकी शिक्षा - एम. ए. बी. एड पता - कुक्षी जिला धार म. प्र.
Posted By : Posted By seervi on 15 Sep 2019, 07:05:39

??सीरवी समाज की अच्छाइया सबसे जुदा ??
हम सभी जानते है की समाज के बिना हमारा कोई अस्तित्व नहीं है | समाज हमारे जीवन का एक अटूट हिस्सा है | हमारे कई क्रियाकलाप समाज पर ही निर्भर करते है देखा जाए तो समाज हमारे लिए एक दर्पण का कार्य करता है जिसमें हम अपने प्रतिबिंब को देख सकते है | समाज में संघटन होता है, अनुशासन होता है, नैतिक मूल्य होते है | परम्पराए व रीती रिवाज़ होते है | एक विकसित समाज से ही एक विकसित राष्ट्र की कल्पना की जाती है | एक विकसित समाज राष्ट्र को उन्नति के उच्च शिखर तक पहुँचाता है | अपने कर्तव्यो व अपने दायित्वो का उचित निर्वहन करते हुए पुरे राष्ट्र में अपनी पहचान बनाता है | ऐसी ही एक पहचान बनाई है हमारे सीरवी समाज ने | सीरवी समाज की अछाईयो ने पुरे भारत वर्ष को मोहित कर दिया है | एक ऐसा समाज जिसका व्यवसाय मात्र अब खेती करना नहीं रह गया है, बल्कि हमारे समाज ने अपने कार्यों के बल पर, हर क्षेत्र में अपना परचम लहराया है | चाहे वह खेलकूद से सबंधित हो, व्यवसाय से संबंधित हो या शिक्षा से सम्बंधित हो | हर क्षेत्र में सीरवी समाज ने अपने शक्ति पुंज को दर्शया है |
सीरवी समाज की ??अच्छाईया एक नजर में ??
1.बहु बेटी एक समान - हमारे समाज में बहु को भी उतना ही दर्जा व मान सम्मान दिया जाता है जितना उस परिवार में एक बेटी को | विवाह के पश्चात भी बहु यदि पड़ना चाहती है तो उसकी इच्छा अनुसार उसे उचित शिक्षा दिलाई जाती है जिससे एक बहु को भी जीवन में स्वावलम्बी बनने का व अपने पैरों पर खड़े होने का एक सुनहरा अवसर प्राप्त होता है |
2.बेटा बेटी एक समान - घर परिवार में व हमारे समाज में बेटा व बेटी में कोई भेदभाव नहीं किया जाता है | परिवार में जितना अधिकार एक बेटे का होता है उतना ही अधिकार एक बेटी का भी होता है | बेटे के समान ही बेटी को भी शिक्षा का पूरा अधिकार है | हमारे समाज में बेटियों को भी पड़ा - लिखाकर आत्मनिर्भर बनाया जाता है ताकि पड़ लिखकर वह भविष्य में आने वाली मुश्किलों ka डटकर सामना कर सके |
? न ही कोई भेदभाव बेटा ओर बेटी में
लक्ष्मी का रूप है बेटी इस सृष्टि में ?
3. अमीर - गरीब एक समान - हमारे समाज में अमीर व गरीब में कोई भेदभाव नहीं किया जाता है | समाज में जितना सम्मान एक अमीर व्यक्ति का होता है उतना ही सम्मान एक गरीब मजदूर का भी होता है | रूढ़िवादिता, जातिवाद, अमीर - गरीब का कोई भेदभाव हमारे सीरवी समाज में कही देखने को नहीं मिलते है ओर जहाँ ये सब नहीं वही एक आदर्श समाज कहलाता है |
?न तेरा न मेरा, न कोई उच नीच
सीरवी समाज देता है, इस बात की सिख |?
4. एकता की मिसाल - हमारा सीरवी समाज एकता की एक मिसाल है | सीरवी बंधुओ में आपसी भाईचारा कूट - कूट कर भरा है | सभी बंधु सभी सामाजिक कार्यों में अपने व्यक्तिगत कार्य छोड़कर अपनी सहभागिता निभाते है | एकता के बल पर ही हमारे समाज में ऐसे बड़े - बड़े कार्य हुए है की लोगों की आँखे फटी की फटी रह जाती है |
?एकता की मिसाल है सीरवी समाज
सबमे लाजवाब है सीरवी समाज ?
4. मातृ देवो भव, पितृ देवो भव - दुनिया में कई ऐसे दृश्य हमें देखने को मिलते है जहाँ माता - पिता का कोई आदर नहीं किया जाता है उन्हें महत्वहीन मना जाता है लेकिन हमारा समाज माता - पिता को देवता की दृष्टि से देखता है | माता - पिता को घर व आंगन की शोभा माना जाता है | माता - पिता को देवता मानने की अवधारणा जिस समाज में हो वह समाज कैसे फलीभूत नहीं होगा |
?माता - पिता देवता के समान है
इनसे ही समाज में हमारी पहचान है | ?
हमारे समाज ने अपनी सभ्यता, अपनी संस्कृति, अपनी वेशभूषा व अपने रहन - सहन से एक अलग पहचान बनाई है | इसका बखान करने के लिए शायद पन्ने कम पड़ जाए |?सीरवी समाज एक श्रेष्ठ समाज की पहचान है
समाज से ही जग में हमारा नाम है |?
कृति - प्रेमलता सोलंकी