सीरवी समाज - ब्लॉग

सोशल मीडिया के महत्व को समझे सीरवी समाज अनमोल अवसर यूं न गवाएं
Posted By : Posted By seervi on 19 Aug 2019, 07:05:41

सोशल मीडिया के महत्व को समझे सीरवी समाज अनमोल अवसर यूं न गवाएं

वर्तमान समय में सोशल मीडिया सूचनाओं को आसानी से आदान-प्रदान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इसकी व्यापकता और कम समय में अधिक से अधिक लोगों तक जरुरी सूचनाएँ पहुंचाने की क्षमता तमाम लोगों के लिए बेहद सुविधाजनक है वहीं दूसरी तरफ उन्माद फैलाने वाले कुछ लोग इसका दुरुपयोग भी कर रहे हैं।

कुछ महीनों पहले मैं इलैक्ट्रॉनिक मिडिया तन्त्र से अनजान थी किताबों में ही ज्यादा व्यस्त रहती थी लेकिन अब इलैक्ट्रॉनिक मिडिया संसार के बारे मे थोड़ा जानने लगी हूँ, समाज का अपना कोई मीडिया नहीं था। समाज विकास के सम्बन्ध मे अपने विचार र्राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाना तो दूर... एक ही गांव में संवाद चिंतन तक नहीं हो पाता था।

मिशन के कुछ जुनूनी लोग अपना सुख छोड़, सामाज में पत्रिका का कार्य करते रहे, लेकिन समाज ने उनको सहयोग......रहा अब सोशल मीडिया की क्रांति ने हमें अपने समाज की सामाजिक वैचारिक जागृति मे परिवर्तन के लिए अनमोल मंच मिला है, जैसे "सीरवी समाज सम्पूर्ण भारत डॉट कॉम" हमारे समाज का एक बेहतरीन प्लेटफार्म है इसके महत्व को समझकर स्वजातीय बन्धु इसका भरपूर उपयोग कर रहे।

3 महिने पहले की बात है। मेने इस सामाजिक फेसबुक पेज पर इस प्लेटफार्म का पहला इंटरव्यू देखा तथा मैने वेबसाइट से सम्पर्क किया। अपने समाज में बहु-बेटियों व सामाजिक रितिवाजो के सुधार के क्रम मे मैंने भी अपने विचार समाज के सामने रखने की एक पहल की तथा गत माह इस के प्लेटफार्म के माध्यम से मुझे भी इंटरव्यू देने का अवसर मिला। मैंने मेरे विचार समाज के सामने प्रस्तुत किये। यह प्लेटफार्म शिक्षा से लेकर व्यापार, बहु-बेटियो के अधिकार, धर्म प्रचार से लेकर सत्ता के शिखर तक पहुंचने के लिए सोशल मीडिया का बहुत ही अच्छा माध्यम बनाया है।

लेकिन फिर भी हमारे समाज में कुछ लोग समाज विकास मे कुछ सेवा देने की बजाय सिर्फ दूसरो की आलोचना व कोसने में लगे हुए है जिससे अन्य समाज बन्धुओं मे अनावश्यक भ्रम फैलने के साथ ही स्वजातीय बन्धुओं का कीमती समय भी बर्बाद हो रहा है।

वेबसाइट के प्रतिनिधिगणो ने आगे आकर वेबसाइट निर्माण हेतु अपनी तरफ राशि एकत्रित कर हमारे समाज के वरिष्ठ नागरिको के दिशा निर्देशानुसार वेबसाइट का निर्माण किया तथा आय-व्यय का पूर्ण ब्योरा भी रखा जा रहा है। मितव्ययता की दृष्टी से सामाजिक वॉट्स एप ग्रुपो के साथ यूट्यूब चैनलों के माध्यम से अपना फर्ज निभा रहे हैं। फिर भी बिना जानकारी प्राप्त किये कुछ लोग वेबसाइट की प्रतिष्ठा पर अंगुली उठाकर प्रतिनिधिगणो का मनोबल गिराने का प्रयास किया जा रहा है।

समाज के युवाओं को वाट्सएप फेसबुक आदि पर असभ्य भाषा के साथ देखकर मैं बहुत निराश होती हूँ। अपनी विचारधारा का बौद्धिक स्तर पर शिष्टता से सामना करने की बजाय कुछ लोगो ने सिर्फ असभ्य अभद्र भाषा को ही अपना हथियार बना रखा है जिससे वैचारिक संघर्ष की बजाय आपस में ही लड़ झगड़ रहे हैं। पढाई लिखाई, काम धंधे, माता पिता के सपनों की कोई चिंता नहीं, बस 'जय श्री ....' का शाब्दिक जय...... कर सुबह सोशल मीडिया की बाजार में उतरते हैं दिनभर कभी वाटसप तो कभी फेसबुक, कभी लाइक्स का आंकड़ा देखने तो कभी गालियों की बौछारें करते हुए दिन भर जब भी देखो कहीं न कहीं नजर आ ही जाते है।

जिस स्वर्ण समाज की वैचारिक धारा को हम कुछ अच्छा लिखते है तो उक्त वैचारिक पोस्ट पर प्रतिक्रिया में कुछ लोग असभ्य भाषा के साथ तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर पूरी दुनिया में फॉरवर्ड कर लेते है, उन पर हमारे अधिकतर पढे लिखे लोग भी प्रतिक्रिया में दो शब्द लिखने की बजाय नजरअन्दाज कर इतिश्री कर लेते है।

अतः मेरा निवेदन है कि
हमारे समाज के पदाधिकारियों / समाज सेवको तथा राजनेताओं को समाज विकास के क्रम किये जा रहे कार्यो व स्वजातीय बन्धुओं के विचारो को संज्ञान मे लेकर योजना बनाते हुए कार्य करना चाहिए सामाजिक मंचो पर असभ्य तरिके से पेश आने लोगो के विरुद्ध कार्यवाही कर ऐसे गैर मर्यादित भाषा को पूर्णत प्रतिबन्धित किया जावे।

ताकि हमारे समाज की हम बेटियां भी अपनी बात को शालीनता के साथ समाज मे रखते हुए समाज विकास मे हम भी योगदान दे सके।

मेरा मकसद किसी भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है फिर भी भूल-वंश अगर मेरे शब्दों से किसी को ठेस पहुंची हो उसके लिए मैं क्षमा प्रार्थी हुँ।

आपकी अपनी समाज की बेटी
- सोनू सीरवी (पुणे)