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आप फेसबुक या व्हाट्सएप समूहों में एक चित्रकार की कहानी अवश्य पढ़ी होगी जो एक चित्र बनाकर चौराहे पर इस आशय से टांग दिया कि इसमें जो कमियां हों, निशान लगा दे : मनोहर सीरवी राठौड़
Posted By : Posted By Raju Seervi on 13 Mar 2021, 14:08:52

आदरणीय आत्मीय जन
सादर अभिवादन।

आप फेसबुक या व्हाट्सएप समूहों में एक चित्रकार की कहानी अवश्य पढ़ी होगी जो एक चित्र बनाकर चौराहे पर इस आशय से टांग दिया कि इसमें जो कमियां हों, निशान लगा दे। सुबह से शाम तक हजारों निशान अपने ज्ञान को प्रदर्शित करने हेतु लग गये। परन्तु उसी चित्र को हूबहू उस आशय से दूसरे दिन टांगा गया कि इसमें जो कमियाँ हो, उसे सुधार देवें तो दो दिन तक उसमें कोई सुधार नहीं किया गया। इससे यह सीख़ तो मिलती है कि कमियाँ निकालने वाले खूब है; समाधान या सुधार का रास्ता सुझाने वाले बिरले ही हैं।

ठीक उसी तरह हमारे समाज की भी हालत है। अपनी कमी ढूंढने के बजाया दूसरों की कमियाँ को ढूंढ-ढूंढकर उसे छोटा या अपराधी बनाने या अपमानित कर अपने को ज्ञानी एवं बड़ा तथा अनुभवी एवं न्यायप्रिय एवं निष्पक्ष प्रदर्शित करने की होड़ सी लगी है परन्तु आत्मीय समाधान सुझाने वालों की कमी सी लगती है। यह प्रमाणित है कि गलतियाँ उसी से होंगी जो काम करेगा, जो कुछ करेगा ही नहीं, वह दूसरे की कमी निकालकर ही अपनी कमी जाहिर कर देता है। अच्छे लोगों में भी कमियाँ है तथा बुरे लोगों में भी अच्छाईयां हैं। दोनों के बीच अपनत्वपूर्ण सामंजस्य बेझाते हुए समाधान निकालना ही सामाजिक पदाधिकारियों की जिम्मेदारी है न की समाज में सही गलत का भेद कर दो भागों में बांटना। यह मानवीय स्वभाव है कि हम, अपना-पराया, पक्ष-विपक्ष पहचान कर ही अच्छाईयों या बुराइयों को उजागर करते है, निष्पक्षता से नहीं। इससे समाज के विकास की गति धीमी होती है।

आइये, हम सब मिलकर समाज की अच्छाईयों को उजागर करें ताकि बुराईयाँ अपने आप दूर हो जाँय वरना बुराईयाँ तो लगभग सभी में कुछ न कुछ हैं ही जिसे हर आदमी खुद ही अनुभव कर रहा होगा।

आपका ही
मनोहर सीरवी राठौड़ सुपुत्र श्री रतनलाल जी राठौड़ जनासनी-साँगावास (मैसूरु)
सम्पादक, सीरवी समाज डॉट कॉम