सीरवी समाज - ब्लॉग

मैं देख रहा हूँ कि समाज के युवाजन अपनी खोई हुई शक्ति को संगठित कर रहे हैं : हीराराम सीरवी गहलोत
Posted By : Posted By Manohar Seervi on 07 Jan 2021, 05:50:45

सीरवी समाज के यूवा साथियों को मेरा सादर नमस्कार।

जय माँ श्री आईजी सा।
मैं देख रहा हूँ कि समाज के युवाजन अपनी खोई हुई शक्ति को संगठित कर रहे हैं।वे अपने भीतर की ऊर्जा की महत्ता को जान रहे हैं। जिस समाज-राष्ट्र का युवा अपनी अंतर्निहित ताकत-क्षमता-ऊर्जा को समझ लेता है,उस समाज व राष्ट्र का उत्थान हो जाता है। कहते है कि यूवा शक्ति देश और समाज की रीढ़ होती है. युवा देश और समाज को नए शिखर पर ले जाने की सामर्थ्य रखते हैं। युवा समाज-राष्ट्र का वर्तमान हैं, तो भूतकाल और भविष्य के बीच का मजबूत सेतु भी युवा ही हैं।इसी मजबूत सेतु से हम बड़ी से बड़ी मंजिल को पा सकते है। युवा राष्ट्र-समाज के जीवन मूल्यों के प्रतीक हैं।  युवा गहन ऊर्जा और उच्च महत्वकांक्षाओं से भरे हुए होते हैं. उनकी आंखों में भविष्य के इंद्रधनुषी स्वप्न होते हैं। समाज को बेहतर बनाने और राष्ट्र के निर्माण में सर्वाधिक योगदान युवाओं का ही होता है।
मुझे अपने समाज के युवाओं की शक्ति-क्षमता-ऊर्जा पर पूर्ण भरोसा है,लेकिन मंजिल केवल भरोसे से ही नही पाई जा सकती है। मंजिल को पाने के लिए बहुत सी विधाओं की आवश्यकता होती है।बुजुर्गों के मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है।
सही दिशा और सही राह न ही तो नाव अपने गंतव्य तक नही पहुँच पाती है।
आप सभी ऊर्जावान युवा जनो को सफलता के लिए कुछ संकल्प लेने होंगे।
प्रथम संकल्प:- सभी युवा संगठन के प्रति समर्पित हो।
द्वितीय संकल्प:- संगठन में मिली जवाबदेही के प्रति निष्ठावान हो और अपना सर्वश्रेष्ठ कर्तव्यकर्म करे।
तृतीय संकल्प:- विराट सोच और विशाल सहृदयता से संगठन के प्रति सकारात्मक सोच रखे।
चतुर्थ संकल्प:- व्यर्थ और अनावश्यक कार्यो में अपनी ऊर्जा का क्षय न करे।
पंचम संकल्प:- अपने साथियों के साथ उच्च कोटि की समन्वयता,सहकारिता और सामंजस्यता हो।
यह पांच संकल्प हर युवा दिल से लेवे और माँ श्री आईजी को हर कार्य समर्पित करके आगे बढ़े।
मैं यह सब अपने लम्बे अनुभव से लिख रहा हूँ। जिस कार्य की जिम्मेदारी मिले, उसे श्रेष्ठ से श्रेष्ठतम करके देवे। संगठन में स्वार्थ को कोई जगह नही हो। स्वार्थवाद से युक्त संगठन सदा असफल ही होते है।
मेरा आप सभी को एक सुझाव है कि आप सीरवी समाज के पहले से ही युवा संगठन- "सीरवी नवयुवक मंडल-राजस्थान है उसे नव विस्तार कर "अखिल भारतीय सीरवी नवयुवक मंडल" खड़ा करे और उसे नव शक्ति प्रदान करे।
हम सबको संगठित रहना है।संगठन में ही शक्ति है। बिखरे हुए तिनको से रस्सी बनाई जाती है तो शक्तिशाली हाथी को भी बांध देती है।हम सबको बिखरे हुए नही रहना है,संगठित रहना है।संगठन की एकता से समाज को नव दिशा मिलेगी।हम सबको अपनी समाज को हर क्षेत्र में आगे बढ़ाना है। छोटी-छोटी बातों को बड़ा नही करना है। छोटी मनोवृतियों से हम बड़े लक्ष्य कदापि प्राप्त नही कर पायेंगे।
हम सबको हर उस युवा और समाजी का दिल से अभिनंदन करना है जिनके दिल के कोने में ही सही एक समाजहित की सोच हो। याद रखिये आपके सच्चे कर्तव्यकर्म ही समाज को जोड़ने का कार्य करेंगे।यदि आप सभी सही राह पर और सही दिशा में गतिमान हो तो लोग आपके साथ चलेंगे।अतः आप विराट सोच रखे,एक दूसरे को नीचा दिखाने के कार्य न करे। कई बार कुछ न कहने से मौन रहना फलीभूत हो जाता है।समाजहित में मौन रहना भी सीखे।
आप सभी ऊर्जावान युवाजनों को मेरी दिल से हार्दिक शुभकामनाएं।??
आप सबकी राह आसान हो।आपका लक्ष्य पूर्ण हो।आप सभी यशस्वी बनो।
ऐसी ही मंगलमयी शुभकामनाओ के साथ।

सदैव आपका शुभचिंतक
हीराराम सीरवी गहलोत