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समाज के लोकप्रिय/भजनों के कलाकार/मंच संचालक/आदरणीय श्री घीसाराम जी चोयल सीरवी
Posted By : 25 Sep 2023, दुर्गाराम पँवार
*समाज के लोकप्रिय/भजनों के कलाकार/मंच संचालक/आदरणीय श्री घीसाराम जी चोयल सीरवी* किसी कवि ने क्या खूब लिखा है कि -- \'\'बिना काम के मुकाम कैसा? बिना मेहनत के, दाम कैसा ? जब तक ना हासिल हो मंजिल, तो राह में, रही आराम कैसा ? यह हर उस व्यक्ति के लिए सफलता का बड़ा मूलमंत्र है जो पुरुषार्थ को साथ लेकर दॄढ इरादों से मंजिल की धुन में आगे बढ़ते रहते है। ऐसे व्यक्ति ही जीवन में सफलता को अर्जित करते है। संक्षिप्त जीवन परिचय: स्पष्टवादी, संघर्षशील, समाज के सक्रिय एवं जागरूक जोशीले व्यक्तित्व के धनी,समाज सेवी, मिलनसार,शिक्षाविद, धर्म,संस्कृति के विचाररक, व्यवहार कुशल, दृढ निश्चयी एवं समाज सेवा में तत्पर रहने वाले आदरणीय श्री घीसाराम चोयल सुपुत्र श्री केराराम जी माताश्रीमती रतनी देवी सीरवी। मूलनिवासी/गांव ठाकरवास,तहसील मारवाड़ जंक्शन, पाली। आपका जन्म 15 जुलाई 1966 विक्रम संवत 2025 गांव ठाकरवास में सादारण किसान परिवार में हुआ।आपकी प्रारम्भिक शिक्षा कक्षा 5 वीं तक अपने गांव ठाकर वास में की,इसके बाद कक्षा 6 से 11 वीं तक सुमति शिक्षा सदन गांव राणावास में अध्ययन हुआ।आप क्लास टॉपर भी रहते। दसवीं बोर्ड में 23 वा स्थान रहा लेकिन नीड कम मेरिट में छात्रवृत्ति मिली।त्तपचात पाली बांगड़ महाविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई की,विद्यालय व महाविद्यालय में आप जब भी सांस्कृतिक कार्यक्रम होते तो हर स्तर पर बेहतरीन प्रदर्शन प्रस्तुत करते, इसके बाद आपने राजकीय महाविद्यालय अजमेर से M.A अंग्रेजी और राजनीति विज्ञान में शिक्षा ग्रहण की,आप उसी राजकीय महाविद्यालय के छात्र उपाध्यक्ष पद भी रहे,आप अंग्रेजी/विज्ञान के अलावा मनोविज्ञान व दर्शन शास्त्र में भी अधीस्तानक M.A की शिक्षा ग्रहण की,त्तपचात राजस्थान विश्व विधायल से LL.B की डीग्री ली।आपको भाषण रत्न आचार्य तुलसी महामहिम राष्ट्रपति ज्ञानी जैलसिंह जी के द्वारा सम्मानित किया गया, आपने शिक्षा के साथ साथ आप खेलों में खो-खो ओर हॉकी में भी आपने उत्कृष्ट प्रदर्शन और प्रतिनिधित्व किया,आप सन 1992 में सरकारी सेवा में तृतीय श्रेणी के शिक्षक बने,सन1996 में 2nd ग्रेड के शिक्षक बने,आपका सन 1999 में पहली बार सामाजिक स्तर पर धार्मिक स्थल जिजीवड डायलाना की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में संचालन के रूप में चढ़ावे की बोलियों से समाज मे प्रवेश किया, त्तपचात श्री आईमाताजी की छोटी, बड़ी प्राण प्रतिष्ठा में महोत्सव में सेवाएं प्रदान करते रहे,आपने शुरू से अबतक मंच संचालन ओर चढ़ावे की बोलियों के लिए मध्यप्रदेश कुक्षी, चेन्नई, महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्राप्रदेश,कर्नाटक, तेलगांना, हिमालय उत्तराखंड सभी जगहों पर चढ़ावे की बोलियां भी लगाई व सांस्कृतिक विरासत में आपने भजन संध्या के कार्यक्रम भी अनेकों किए,आपने भजन संध्या की कैसेट कृष्णा महेश एवम युकी में भी रिकॉर्ड है,जैसे बिलाड़ा में जावणा आई ने मनवाना खूब प्रसिद्ध सॉन्ग हुआ जो आज भी चल रहा है।कृष्ण बलराम के अलावा रामदेव बाबा,चेतावनी व गुरु महिमा भी खूब चले,बाबा रामदेव जी की नामचीन प्राण प्रतिष्ठा गुड़िया में आपके द्वारा करवाई गई।। सरकारी सेवा में सन 2006 में पदोउन्नति सिर्फ समाज सेवा के लिए छोड़ी,डायलाना ट्रष्ट ओर नवयुवक मंडल का पंजीयन कराया जो आप इस संस्थान के वर्तमान में सह सचिव भी है ।सन 2015 में व्याख्याता अंग्रेजी के पद पर जॉइन कर उप प्रिंसिपल खिंवाड़ा,वर्तमान में आप महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय खिंवाड़ा में प्रिंसिपल के पद पर कार्यरत है। आपने सांस्कृतिक कार्यक्रमों में शुरू से अबतक तक संचालक व भजन कलाकार के रूप में इस प्रकार से निम्नलिखित है डायलाना जिजीवड से शुरू होकर भगवानपूरा, मालसबावडी, कंटालिया, सारंगवास, हरियामाली, बोरनाडी,मुसालिया, मामावास,सुरायता, कुशाल पूरा, कानेचा, सीवास,घेनरी, देवली, भीमालिया, कराड़ी,बांता, कलापीपाल की ढाणी, इन्द्रो का ढाणी, जोजावर, खिंवाड़ा, सहित अनेकों कार्यक्रम लगभग 125 मंदिर में भाग लिया, प्रवास मै मद्रास के ट्रिप्लीकेन,पड़डपे, तंडियारपेट,मंडीपाक्कम,चिकपेट बंगलोर, विकोटा, हैदराबाद में जिडीमेडला,अलमसगुडा, उप्पल समाशाबाद,पुणे की बिबेनवाड़ी,कासरवाड़ी विसरान्तवाडी,बड़गांव चेरी , गुजरात की अंकलेशर,भरूच नवसारी और गांधीधाम,मध्यप्रदेश कुक्षी, सतलाना, छोटा दलपुरा,राजगढ़,लूणी,माधोपुरा, मेवाड़ में पिपली अहिरान,बुशी,सोडावास, प्रतापगढ़, करमावास आदि जगहों पर किया।आपके बारे में जितना उल्लेख करें उतना कम है। आपका समाज के लिए सुझाव है की मेरे जैसे बहुत से भजनों के कलाकारों को,मंच संचालक, नृत्य,सिंगर,ओर भी अन्य सांस्कृतिक समन्धित समाज के होनहार प्रतिभाएं बहुत से है उनको समाज के बड़े कार्यक्रम में मौका देना चाहिए।। जरूर वो बेहतरीन प्रदर्शन करेंगे।। यह एक गौरव का विषय जो समाज मे इतने प्रतिभाएं है। समाज को आपकी उपलब्धिया पर अत्यंत गर्व है। और आप पदीय कर्तव्यों के साथ साथ समाज के कार्यक्रम में जिम्मेदारियो का निर्वहन भी आप बखूबी कर रहे हैं। आदरणीय श्री घीसाराम जी चोयल की इस उपलब्धि पर चेत बंदे पत्रिका परिवार/सीरवी समाज डॉट कॉम/राष्ट्रीय सीरवी किसान सेवा समिति व अखिल भारतीय सीरवी समाज की ओर से बहुत बहुत हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं।। हम सब के लिए गर्व का पल।माँ जगत जननी का आशीर्वाद सदैव आप पर बना रहे। प्रस्तुति/दुर्गाराम पँवार।