सीरवी समाज - मुख्य समाचार

##सोजत नगर से 12 किमी दूर सोजत रोड से 4 किमी दूर भैसाणा,रेंदडी,आलावास,सियाट, सोजत रोड़, धुंधला और संवराड़ के मध्य मात्र 550 घर की वह बस्ती जिसने सीरवी समाज के गौरव को बढ़ाया और पूरे राजस्थान में पहला IAS अधिकारी बनाने का श्रेय पाया उस गांव का नाम हैं- सिसरवादा।
Posted By : 15 Sep 2023, 09:18:25गोविन्द सिंह पंवार रोबड़ी
##सोजत नगर से 12 किमी दूर सोजत रोड से 4 किमी दूर भैसाणा,रेंदडी,आलावास,सियाट, सोजत रोड़, धुंधला और संवराड़ के मध्य मात्र 550 घर की वह बस्ती जिसने सीरवी समाज के गौरव को बढ़ाया और पूरे राजस्थान में पहला IAS अधिकारी बनाने का श्रेय पाया उस गांव का नाम हैं- सिसरवादा। सिसरवादा में सीरवी और राजपूत जाति का बाहुल्य है। इनके बाद में देवासी, मेघवाल, सरगरा, माली, घांची, जाट, कुम्हार, दर्जी, वैष्णव, ब्राह्मण आदि जाति के लोग रहते हैं जिनमें 125 घर सीरवी समाज के हैं। सीरवी समाज में भी चोयल गौत्र का डंका है लगभग 100 घर चोयल गौत्र के हैं, बचे हुए में काग, बरफा, मुलेवा, देवड़ा और सोलंकी है। यहां पर श्री आई माताजी मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा विक्रम संवत २०४९ की चैत्र सुदी तेरस, दिनांक 15 अप्रैल 1992 को जति मोती बाबा जी के कर कमलों से संपन्न हुई थी बाद में बडेर के आगे पोल बनाई गई तथा गजानन जी और हनुमान बालाजी को विराजमान किया गया तब पुनः प्राण प्रतिष्ठा की तरह विशेष आयोजन रखा गया। यह आयोजन विक्रम संवत् २०६८ मिगसर सुदी छठ दिनांक 30 नवंबर 2011 को रखा गया जिसमें श्री आई माताजी के धर्म रथ भैल और आई पंथ के धर्मगुरु परम आदरणीय दीवान साहब श्री माधव सिंह जी का भव्य बधावा किया गया। आपके कर कमलों से यह प्राण प्रतिष्ठा संपन्न हुई। वर्तमान में यहां पर कोटवाल श्री लच्छाराम जी चोयल, जमादारी श्री लकमा राम जी चोयल और पुजारी श्री नारायण लाल जी चोयल अपनी सराहनीय सेवाएं दे रहे हैं। सरकारी नौकरी में इस गांव का नाम स्वर्णाक्षरों में अंकित है सीरवी समाज को सर्वप्रथम IAS बनाने का गौरव इस गांव ने प्राप्त किया। इस गांव के श्री कानाराम जी चोयल पुत्र श्री गेनाराम जी चोयल 2012 बैच के प्रथम सीरवी IAS है। आप अलवर जिला परिषद के सीईओ, डूंगरपुर के जिला कलेक्टर, माध्यमिक शिक्षा बीकानेर के आप पूर्व में निदेशक रहे, AGRICULTURE COMISNIOR RAJASTHAN जयपुर रहे और वर्तमान में एक बार पुनः पूरे राजस्थान के शिक्षा विभाग के सिरमौर पद निदेशक माध्यमिक शिक्षा बीकानेर राजस्थान के पद पर आसीन है। आपके आईएएस बनने के बाद सीरवी समाज के लिए ये एक नई राह खुली जिस पद के लिए सीरवी सपना भी नहीं देखते थे एवं इस पद का मिलना असम्भव मान रहे थे जिसे सर्वप्रथम आपने सम्भव कर दिखाया और समाज की प्रतिभाओं में एक नई उम्मीद जगाई। और प्रतिभाओं ने भी आपसे हौंसला पाया, आपके निर्देशन में और प्रतिभाओं ने मेहनत प्रारंभ की और सफलता प्राप्त करनी प्रारंभ की है, आप वर्तमान में बिना प्रचार किये नींव के पत्थर बन काबिल प्रतिभाओं को तराश रहे हैं, और उनका सभी तरह से सहयोग कर उन्हें अपनी इच्छानुसार योग्यता के आधार पर RAS और IAS बनाने में तन मन धन से लगे हुए हैं। आपने सीरवी समाज पर जो एहसान किया है वह अविस्मरणीय है, आपका मानना है कि दुनिया बाईसवीं सदी में चल रही है और आज भी कई कुरीतियों को लिए हुए सीरवी समाज उन्नीसवीं सदी की सोच लिये हुए हैं। गांवों में आज भी गंगा प्रसादी ( मौसर) करना शान समझा जाता है, किसी भी समारोह में दिन भर अफ़ीम की मनुहार चलती है, आज-कल आपस में दिखावे की होड़ लगी हुई है और आवश्यकता है वहां धन का सदुपयोग नहीं करते हैं और धन का दिखावे में दुरुपयोग करते हैं।आज दक्षिण भारत की करीब करीब हर बडेर में लाखों और करोड़ों का फंड पड़ा है जिसका उच्च सेवा प्रशिक्षण हेतु सदुपयोग किया जा सकता है लेकिन इस तरफ अभी तक किसी का भी रुझान देखने में नहीं आ रहा है। आज मंदिरों से कुछ राशि का सहयोग मिल जाता है और अगर समाज से प्रतिभाएं मिल जाए तो उन्हें तैयार कर दक्षिण भारत के हर राज्य में पांच पांच IAS, IPS आपका और आपके समाज का नाम रोशन करते हुए आपकी सेवा कर सकते हैं।इस बार बंगलौर से पहले IPS कैलाश जी ने दक्षिण भारत से खाता खोला है जो सराहनीय है। इस गांव से ओगड़राम जी और बींजाराम जी चोयल रिटायर्ड फौजी है, गणपत लाल जी चोयल अभी फौज में है, पुनाराम जी चोयल सेवानिवृत पोस्ट मास्टर है, भेनाराम जी चोयल सेवानिवृत पोस्टमैन है, श्री नरेश जी चोयल संवराड़ में कम्प्यूटर अनुदेशक के पद पर सेवा दे रहे हैं। स्थानीय ग्राम के अंग्रेजी माध्यम महात्मा गांधी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में जोजावर निवासी लेकिन बिलाड़ा वासी उर्जावान, मेहनती और कर्मठ शिक्षक श्री अर्जुन लाल जी सीरवी प्रधानाचार्य के पद पर गांव की सेवा कर रहे हैं। ग्राम पंचायत भैंसाणा से सर्वप्रथम स्वर्गीय गिरधारी लाल जी चोयल सरपंच रहे, आपके पश्चात खींवाराम जी चोयल सरपंच रहे। श्रीमती दाकू देवी धर्मपत्नी श्याम जी चोयल दो बार जनप्रतिनिधि रुप में जिला परिषद सदस्या एवं पंचायत समिति सदस्या रही। व्यापार व्यवसाय में चेन्नई, बेंगलुरु, मुंबई, पुणे, हैदराबाद, सूरत आदि नगरों में सीरवी बंधु अपनी सफलता के झंडे गाड़ रहे हैं। यहां से सर्वप्रथम दक्षिण भारत में जाने वालों में सूजाराम जी चोयल चेन्नई, कालूराम जी बरफा बेंगलुरु, सोनाराम जी बोहराराम जी चोयल सूरत, अमराराम जी, सोहनलाल जी और मोहनलाल जी चोयल हैदराबाद गए। श्री श्याम जी चोयल कई बरसों से गांव में डेयरी का सफलतम संचालन कर रहे हैं। गांव में विकास कार्य में श्री मांगीलाल जी चोयल ने विद्यालय में कमरा निर्माण करवाया, श्री खींवाराम जी चोयल और श्री सूजाराम जी चोयल ने विद्यालय में कमरा निर्माण करवाया। सूजाराम जी और टीकम जी चोयल ने गांव के मुख्य द्वार का निर्माण करवाया। यहां के पनजी बा माने हुए पंच रहे जो आसपास के एरिया में प्रसिद्ध थे,आप मेहमानों की सेवा के लिए सदैव तत्पर रहते थे इसलिए सिसरवादा का नाम किसी समय पनजी बा का सीसरवादा कहलाता था। पर अब अब पूरे भारतवर्ष में कानाराम जी कलेक्टर साहब का सिसरवादा कहलाता है और बरसों तक कहलायेगा। छोटा गांव सिसरवादा जहां चोयलों का डंका। यहां से फौजी बन देश सेवा करते हैं रणबंका।। कानजी है अनमोल रत्न नाम कियो बड़ भारी। समाज की आंखों के तारे आशा आपसे सारी।। धिन धिन है मात पिता आपके संतान ऐसी पाई। प्रतिभाओं को निखारने की अब बेला है आई।। कुरीतियों को मिटाएं, शिक्षा की जोत जगानी है। सीरवी समाज को सिरमौर बनाने की अब आवश्यकता आई है।। सिसरवादा गांव से पूरे भारतवर्ष के सीरवी समाज को प्रेरणा लेते हुए आगे बढ़ने की आशा और अपेक्षा के साथ सिसरवादा गांव की पुण्य भूमि को नमन करते हुए गांव की खुशहाली की मां श्री आई माताजी से कामना करता हूं- दीपाराम काग गुड़िया।