सीरवी समाज - मुख्य समाचार

##सोजत नगर से 10 किमी, सोजत रोड से 6 किमी, मारवाड़ जंक्शन से 16 किमी की दूरी पर सिसरवादा, संवराड़, रिसाणिया, खारिया सोडा, मामावास, रेन्दडी के मध्य बसा हुआ गांव जहां श्री आई माताजी द्वारा परचा दिखाया और भैंसों के पत्थर बनाए वह गांव है- भैंसाणा।
Posted By : 15 Sep 2023, 09:16:26गोविन्द सिंह पंवार रोबड़ी
##सोजत नगर से 10 किमी, सोजत रोड से 6 किमी, मारवाड़ जंक्शन से 16 किमी की दूरी पर सिसरवादा, संवराड़, रिसाणिया, खारिया सोडा, मामावास, रेन्दडी के मध्य बसा हुआ गांव जहां श्री आई माताजी द्वारा परचा दिखाया और भैंसों के पत्थर बनाए वह गांव है- भैंसाणा। श्री आई माताजी की आरती में भी गाया जाता है कि भैंसाणा में कीना भाटा। भैंसाणा में छत्तीस कौम के लगभग 450 घर है जिनमें सीरवी, देवासी, राजपूत, मेघवाल, कुम्हार, ब्राह्मण, सुथार,नाथ,दमामी और हरिजन यहां निवास करते हैं। सीरवी समाज के लगभग 100 घर है जिनमें बरफा, परिहार,काग, सोलंकी, सानपुरा, पंवार और गहलोत गौत्र है। यहां श्री आई माताजी मंदिर बडेर की प्राण प्रतिष्ठा विक्रम संवत २०६१ की जेठ सुदी छठ दिनांक 25 मई 2004 को श्री आई माताजी के धर्म रथ भैल और परम पूज्य दीवान साहब माधव सिंह जी के कर कमलों से संपन्न हुई थी। वर्तमान समय में यहां पर कोटवाल श्री कालूराम जी सानपुरा, जमादारी श्री वोराराम जी पंवार और पुजारी श्री ताराराम जी गहलोत अपनी सराहनीय सेवाएं दे रहे हैं। भैंसाणा से सरकारी नौकरी में श्री शिवलाल जी परिहार कम्पाउन्डर बगड़ी और श्री श्रवण कुमार जी परिहार कम्पाउन्डर मुसालिया सेवा दे रहे हैं श्री जगदीश जी बरफा 33 वर्षों से एडवोकेट के रूप में पाली एवं अब मारवाड़ जंक्शन में अपनी सराहनीय सेवाएं दे रहे हैं। दक्षिण भारत में भेराराम जी बरफा सीए की पढ़ाई पूरी कर रहे हैं। इस पंचायत में सिसरवादा के सीरवी सरपंच रहे पर भैंसाणा से केवल इस समय श्री रुपाराम जी सानपुरा उप सरपंच हैं बाक़ी किसी ने कोई राजनीति नहीं की है। यहां से व्यापार व्यवसाय में सूरत, पूना, हैदराबाद, बंगलौर और चेन्नई में सीरवी बंधुओं ने सफलता पाई है। यहां से सर्वप्रथम दक्षिण भारत जाने वालों में स्वर्गीय माधुराम जी बरफा, ताराराम जी गहलोत, डायाराम जी,अखाराम जी, लादूराम जी बरफा एवं पूनाराम जी ने बंगलौर, अमराराम जी, धन्नाराम जी परिहार ने चेन्नई, डायाराम जी, नेनाराम जी, चिमनाराम जी काग एवं भरतजी बरफा ने सूरत, पुखाराम जी पंवार हैदराबाद एवं रुपाराम जी मोतीराम जी काग ने सूरत में सफलता पाई। दक्षिण भारत में संगठनों के पदाधिकारी की जानकारी प्राप्त नहीं हो पाई है अतः कोई पदाधिकारी का नाम नहीं है। भैंसाणा गांव में श्री आई माताजी ने विश्राम किया था जिस स्थान पर विश्राम किया उस स्थान पर मंदिर का निर्माण करवाया जा चुका है,यह भूखंड 100 गुणा 30 फीट आकार का है। जिसमें आगे मंदिर बनाया गया है पीछे अन्य उपयोग हेतु भूमि छोड़ी हुई है। उस भूखंड को मंदिर निर्माण के लिए श्री केसाराम जी, चुतराराम जी,नदाराम जी और माधुराम जी बरफा द्वारा दीवान साहब के आदेश को शिरोधार्य कर निशुल्क सीरवी समाज को भेंट कर सराहनीय कार्य किया है सीरवी समाज भैंसाणा बरफा परिवार का आभारी रहेगा। अम्बापुर से नारलाई,डायलाणा, भैंसाणा, सेहवाज, सोजत नगर हनुमान बालाजी मंदिर,बिलोजी की ढाणी बिलावास,जीजी पाल बिलाड़ा,हामड़ों की डांग बिलाड़ा,सौ हलों द्वारा बुवाई गई ज्वार स्थल बेरा भडाट (बड़ा अरहट ) रनिया बेरा, रोहित दास जी का चमत्कारी जोड एवं नर्मदा किनारे हरिदास जी के समाधि स्थल तक में सभी स्थान विकसित हो रहे हैं सिर्फ भैंसाणा बाक़ी रहा था, इसलिए परम पूज्य दीवान साहब भैंसाणा के तालाब की पाल पर शानदार श्री आईजी वाटिका को मूर्त रूप देने में लगे हुए हैं,इस कार्य में इंजीनियर श्री नेमाराम जी सियाट अपना अमूल्य समय दे रहे हैं। आने वाले समय में भैंसाणा एक अच्छे तीर्थ स्थल और पर्यटकों का आकर्षण स्थल बने, यही तैयारी चल रही है तब श्री आई माताजी के विश्राम स्थली मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा सम्पन्न होगी। इस श्री आई जी वाटिका के विकास हेतु सम्पूर्ण सीरवी समाज भैंसाणा ने कमर कसी है लाखों की लागत में तैयार होने वाले इस स्थल के लिए अन्य गांवों से भामाशाह भी आगे आ रहे हैं। यहां के भामाशाहों में सीरवी श्री वोराराम जी पंवार द्वारा शमसान में द्वार का निर्माण करवाया है,श्री भीका महाराज जी परिहार बेरा सुनारिया वाले अकेले दम पर श्री आई माताजी गौ शाला का संचालन कर रहे हैं।आपको सभी लोग पूरा सहयोग कर रहे हैं। मां श्री आई माताजी के इस चमत्कारी परचे वाले गांव भैंसाणा में श्री आई माताजी धर्म रथ भैल का भव्य बधावा किया गया शाम को संध्या आरती में भी काफी संख्या में श्रद्धालु माताऐं बहने एवं बांडेरु उपस्थित रहे,रात में माताओं बहनों द्वारा दस बजे तक हरजस किये गये एवं बाद में रात सवा बारह बजे तक धर्म सभा में पूर्ण मनोयोग से श्री आई माताजी के इतिहास को सुना एवं प्रसन्नता व्यक्त की। चमत्कारी स्थल भैंसाणा में श्री आई जी वाटिका के शीघ्र विकसित हो कर विश्राम स्थल पर मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की कामना करते हुए गांव भैंसाणा की खुशहाली की मां श्री आई जी से कामना करता हूं - दीपाराम काग गुड़िया।