सीरवी समाज - मुख्य समाचार

##मारवाड़ जंक्शन से 30 किलोमीटर दूर जोजावर से 8 किमी दूर आया हुआ ग्राम है- धनला ।
Posted By : 26 Aug 2023, 12:17:49गोविंद सिंह पंवार रोबड़ी
##मारवाड़ जंक्शन से 30 किलोमीटर दूर जोजावर से 8 किमी दूर आया हुआ ग्राम है- धनला । इस गांव के चारों ओर आखर कोलपुरा, मामावास गुड़ा दुर्गा, ईशाली, जाणूंदा आदि गांव है 36 कौम की बस्ती में लगभग ढ़ाई हजार घर है जिनमें सीरवी समाज के अलावा राजपूत, राजपुरोहित, देवासी, मीणा, मेघवाल बाहुल्य में है अन्य क़ौम भी यहां निवास करते हैं। सीरवी समाज की दो बडेर है जिनमें एक जूनी बडेर एवं दूसरी नवी बडेर कहलाती है, इस बार आई माता जी के धर्म रथ भैल का बधावा नवी बडेर में किया गया, यहां पर सीरवी समाज के 202 घर है, जिनमें सर्वाधिक लचेटा गोत्र के120 घर हैं, अन्य में गहलोत, काग, देवड़ा, हाम्बड़, राठौड़, परिहार और खंडाला है। यहां पर श्री आई माताजी मंदिर बडेर की प्राण प्रतिष्ठा 1990 में वैशाख सुदी दशम को परम पूज्य दीवान साहब माधव सिंह जी के कर कमल से संपन्न हुई थी।इस बडेर के पास हाल और बरामदा है अंदर की तरफ चौक और हाल भी है लेकिन आज के दिन बुनियादी सुविधाओं का अभाव है लघु शंका निवारण के लिए भी इधर-उधर दूसरों के घरों में जाना पड़ता है, भविष्य के लिए अब यहां पर बहुत बड़ा सभा भवन बनकर तैयार हो गया है जो 70 × 2800 फिट का दो मंजिला भवन है जो सभी सुविधाओं से युक्त होगा। इस भवन निर्माण के लिए अलग से कमेटी है जिसके अध्यक्ष लच्छाराम जी लचेटा, सचिव चुन्नीलाल जी सीए साहब, कोषाध्यक्ष नगाराम जी परमार एवं सह कोषाध्यक्ष सज्जाराम जी गहलोत है, इस भवन निर्माण में चुन्नीलाल जी सीए साहब उम्मैद राम जी और रमेश कुमार जी का भामाशाह के रूप में बहुत बड़ा सहयोग रहा है धनला की विशेष बात यह है कि यहां पर बडेर दो है लेकिन कोटवाल जूनी बडेर से श्री भेराराम जी सवाजी चोयल तथा जमादारी नवी बडेर से मांगीलाल जी भानाजी लचेटा है, जूनी बडेर में पुजारी संत जमुना दास है नवी बडेर में भी पुजारी रामदास संत है इनके द्वारा मात्र पूजा हो रही है पुजारी में माताजी के प्रति पूर्ण भाव नहीं है अतः सीरवी समाज से निवेदन किया गया है कि दोनों बडेर में अपने समाज के बड़े बुजुर्गों द्वारा सेवा की जाए तो अति उत्तम रहेगा। सीरवी समाज की जुनी बडेर में लगभग 300 घर है जिन में चोयल, बरफा, काग, गहलोत, सेपटा, राठौड़, हाम्बड़, सोलंकी, मुलेवा भायल एवं पंवार परिवार है इस बडेर की प्राण प्रतिष्ठा को एक अरसा बीत गया है यहां पर पुरानी बडेर की तस्वीर में लिखे सन अनुसार 82 वर्ष पूर्व विक्रम संवत 1998 में प्रतिष्ठा हुई है। यहां पर भी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है अब यहां पर पिछले एक वर्ष से श्वेत मार्बल में नए मंदिर का निर्माण कार्य जोरो से चल रहा है यहां पर निर्माण कमेटी के अध्यक्ष तारा राम जी बरफा सचिव जगदीश जी बरफा एवं कोषाध्यक्ष हरजीराम जी गहलोत है। धनला में सरकारी नौकरी में सर्वप्रथम राजारामजी पोस्टमैन रहे, लच्छाराम जी लचेटा 11वर्ष पूर्व अध्यापक पद से सेवानिवृत हो गए हैं वर्तमान में डॉक्टर हनुमान जी भायल बीकानेर में अपनी सेवाएं दे रहे हैं, डॉक्टर सुनील जी बर्फा (एमएस) पाली में सेवा दे रहे हैं और डॉक्टर सुनील चोयल मणिपाल हॉस्पिटल पुणे में सेवा दे रहे हैं गुड़िया बरफा अध्यापक के रूप में जोधपुर में कार्यरत है। धनला चूंकि बड़ा कस्बा है व्यापार व्यवसाय में यहां पर सर्वप्रथम हीरोबा चोयल की दुकान हुआ करती थी इस समय सीरवी समाज के 10- 12 दुकान हैं धनला के अलावा अहमदाबाद सूरत, मुंबई, बडौदा, वलसाड, वापी, पुणे, बेंगलुरु, हैदराबाद, चित्तौड़, जामनगर, हरिद्वार, बद्दी बावल- हरियाणा आदि जगहों पर सीरवी बंधु धनला का नाम रोशन कर रहे हैं। धनला से सर्वप्रथम मेघाराम जी लचेटा, पेमाराम जी लचेटा एवं हीरोबा चोयल ने भावी पीढ़ी के लिए मुंबई का रास्ता दिखाया, मुंबई महानगर में सीरवी समाज के दूसरे सीए के रूप में सन 1983 में श्री चुन्नीलाल जी लचेटा ने धनला गांव का नाम रोशन किया, आपने अखिल भारतीय सीरवी महासभा महाराष्ट्र प्रान्त के प्रथम अध्यक्ष पद को सुशोभित किया। इसी प्रकार ढगलाराम जी काग, चिमना राम जी काग ने बेंगलुरु, मांगीलाल जी चोयल ने हैदराबाद में अपनी सफलता के झंडे गाड़े। इस समय अमित जी लचेटा सीए, करण चोयलUSA में सॉफ्टवेयर इंजीनियर महेंद्र जी चोयल सूरत में सीए एवं धनला गांव की बेटी सुमित्रा सूरत में सीए है। मारवाड़ जंक्शन की राजनीति के केन्द्र विधायक के रूप में राजस्थान में पहचान बनाने वाले केसाराम जी काकू मूलत धनला के ही रहने वाले हैं यहां से जैपाराम जी चोयल ने चार बार सरपंच पद पर रहते हुए गांव की सेवा की, आपके अलावा पेमाराम जी चोयल भी यहां से सरपंच रहे। वेनाराम जी बरफा पूर्व पंचायत समिति सदस्य, ग्राम सेवा सहकारी समिति के पूर्व अध्यक्ष, दुग्ध उत्पादन सहकारी सेवा समिति के पूर्व अध्यक्ष रहे, वर्तमान में आपकी धर्मपत्नी जमुना देवी दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति की अध्यक्ष है। इस गांव से सीरवी समाज में बहुत अच्छे भामाशाह रहे हैं जिन्होंने हर संस्था में दानवीरता का परिचय दिया है बाबूलाल जी पुत्र श्री सज्जाराम जी चोयल ने अपनी मातोश्री की याद में एक वर्ष तक सीरवी समाज के लिए भोजन शाला का संचालन किया था। इस प्रकार एक गांव दो बडेर वाले गांव धनला का गौरव शाली इतिहास और भविष्य सुनहरा है। श्री आई माताजी से धनला गांव की खुशहाली की कामना करते हैं-दीपाराम काग गुड़िया।