सीरवी समाज - मुख्य समाचार

##मेवाड़ और मारवाड़ की सीमा बनाता आसपास के क्षेत्र का बड़ा बाजार और राजघराने का कस्बा है - जोजावर।
Posted By : 24 Aug 2023, 08:46:32गोविंद सिंह पंवार रोबड़ी
##मेवाड़ और मारवाड़ की सीमा बनाता आसपास के क्षेत्र का बड़ा बाजार और राजघराने का कस्बा है - जोजावर। यह गांव तहसील मुख्यालय मारवाड़ जंक्शन से 35 किमी, देसूरी से 35 किलोमीटर एवं सोजत से 55 किलोमीटर की दूरी पर अरावली की सुरम्य पहाड़ियों की तलहटी में स्थित है।यह कस्बा लगभग ढाई हजार घरों की बस्ती है जिसमें सीरवी समाज के अलावा राजपूत, जैन देवासी, मीणा, मेघवाल और रेगर समाज का बाहुल्य है,अन्य 36 कौम इस कस्बे में निवासरत है। जोजावर कस्बे में सीरवी समाज के लगभग 200 घर है जिनमें पंवार,खंडाला, मुलेवा, चोयल,भायल, बरफा, हाम्बड़, अगलेचा,काग,राठौड़ और सोलंकी गौत्र के परिवार निवास करते हैं इनमें से अधिकांशतया आसपास के गांवों से आकर पिछले कुछ वर्षों में बसे हैं एवं जमीन खरीद कर बैरों पर निवास करते हैं। जोजावर आसपास के क्षेत्र का बाजार है इसलिए यहां पर सभी तरह के व्यावसायिक प्रतिष्ठान है जिसमें सीरवी समाज के भी लगभग35-40व्यापारिक प्रतिष्ठान है। यहां पर श्री आई माताजी का भव्य मंदिर बना हुआ है पास में सभा भवन है इनके अलावा नीचे टीन शेड लगा हुआ है सामने चारदीवारी किया हुआ बड़ा चौक है, मंदिर बहुत ही सुन्दर बना हुआ है, जिसकी प्राण प्रतिष्ठा आई पंथ के धर्मगुरु परम पूज्य दीवान साहब माधव सिंह जी के कर कमलों से दिनांक 5 मई 2014, विक्रम संवत 2071में वैशाख सुदी छठ को संपन्न हुई थी। इस बडेर के कोटवाल वोराराम जी पंवार, जमादारी रामलाल जी पंवार है लेकिन उनके बाहर रहने से रुपाराम जी पंवार उनका कार्य भार सम्हाल रहे हैं, पुजारी रतनपुरी स्वामी है। इस गांव से नौकरी में सर्वप्रथम कूपाराम जी पंवार ट्रेजरी ऑफिसर रहे, आपका निधन हो चुका है त्रुटिवस जिनका नाम हमने बासनी में लिखा वे श्री अर्जुन जी पंवार सीसरवादा सोजत में प्रधानाचार्य पद पर कार्यरत हैं, एवं तुलसाराम जी अध्यापक है और वोरारामजी नेत्रहीन होते हुए अध्यापक पद पर हैं। यहां से राजनीति में मांगीलाल जी जोजावर के पूर्व सरपंच रहे हैं, जिनका श्री आई माताजी मंदिर निर्माण एवं प्राण प्रतिष्ठा में भी सराहनीय योगदान रहा है। इनके अलावा मगना राम जी पंवार भी उप सरपंच रहे थे। इस गांव से दक्षिण भारत में भी सीरवी बंधु अपने गांव का नाम रोशन कर रहे हैं जिनमें सर्वप्रथम भीमाराम जी पंवार, नारायण जी भायल,घीसाराम जी ने मुंबई, मोहनलाल जी पंवार हरिद्वार, भीकाराम जी पंवार उड़ीसा, सज्जाराम जी काग एवं चुन्नीलाल जी काग जामनगर तथा बोहरा रामजी खंडाला ने नाम कमाया। इन सब में गुजरात के नवसारी नगर के डायमंड किंग, सबसे घुल-मिल कर सदैव हंसते और ओरों को हंसाते, सबको साथ लेकर चलने वाले श्री वजाराम जी हाम्बड़ का कोई समय में नवसारी में डायमंड किंग के रूप में डंका बजता था, आप अपने क्षेत्र के कई सीरवी बंधुओं के व्यवसाय गुरु है। यहां से सीरवी बंधु सूरत, नवसारी, मुंबई, पुणे, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद, हरिद्वार, जामनगर और उड़ीसा में अपनी सफलता के झंडे गाड़ रहे हैं। जोजावर कस्बे में भैल के आगमन पर पूरे कस्बे में जबरदस्त उत्साह देखा गया पूरे बाजार में सभी ने नतमस्तक होकर स्वागत किया, आज दिन में धर्म सभा का आयोजन किया जिसमें माता बहनों और बांडेरुओं ने श्री आई माताजी के इतिहास दीवान रोहितदास जी एवं दीवान हरिदास जी के परचे सती कागण माजी, जति भगा बाबा जी पंवार बगड़ी के एक साथ तीन जगह जीवित समाधि लेना और मीडिया भैलिया के इतिहास को पहली बार पूर्ण मनोयोग से सुना तथा अपने आप को धन्य भागी माना इसमें अन्य जाति के श्रद्धालु भी उपस्थित रहे एवं माताजी की अवतार कथा सुनकर भैल पर मस्तक नवाया। जोजावर में भैल आगमन पर भव्य बधावे एवं शानदार सुविधाओं के लिए सीरवी समाज जोजावर का बहुत बहुत आभार- दीपाराम काग गुड़िया।