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"प्रेरक प्रसंग" नत्थू.......से " नाथालाल शेठ " बनाता है यह !!
Posted By : Posted By Mangal Senacha on 07 Feb 2014, 10:40:17
पुराने ज़माने की बात है। किसी गांव में एक शेठ रहेता था । उसका नाम था नाथालाल शेठ । वो जब भी गांव के बाज़ार से निकलता था तब लोग उसे नमस्ते - सलाम करते थे , वो उसके जवाब में मुस्कुरा कर अपना सिर हिला देता था और बहुत धीरे से बोलता था की " घर जाकर बोल दूंगा " एक बार किसी परिचित व्यक्ति ने शेठ को यह बोलते हुए सुन लिया । तो उसने कुतूहलवश शेठ को पुछ लिया कि शेठजी आप ऐसा क्यों बोलते हो कि " घर जाकर बोल दूंगा " तब शेठ ने उस व्यक्ति को कहा, में पहले धनवान नहीं था उस समय लोग मुझे 'नाथू ' कहकर बुलाते थे और आज के समय में धनवान हूं तो लोग मुझे ' नाथालाल शेठ ' कहकर बुलाते है। ये इज्जत मुझे नहीं धन को दे रहे है । इसलिए मैं रोज़ घर जाकर तिज़ोरी खोल कर लक्ष्मीजी (धन) को ये बता देता हूं कि आज तुमको कितने लोगों ने नमस्ते व सलाम किया । इससे मेरे मन अभिमान या गलतफहमी नहीं आती कि लोग मुझे मान या इज्जत दे रहे है । इज्जत सिर्फ पैसों की हैं इंसान की नहीं .......!!! https://www.facebook.com/SENACHAMANGAL