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स्वर्ण आभूषण पर ऋण देने के नियम और सख्त
Posted By : Posted By Mangal Senacha on 17 Sep 2013, 20:05:45
( मित्रों यह खबर जानेमाने अखबार "बिज़नेस स्टैंडर्ड" ने देश की सबसे बड़ी एजेंसी PTI के हवाले से दी है । मेरा आप लोगों को सदमे में डालने का कोई उदेश्य नहीं हैं मगर दुनिया का दुसरा सबसे प्राचीन व्यापार "गिरवी" संकट के दौर से गुजर रहा हैं और आप को भी सवाधानी बरतनी चाहिए - मंगल सैंणचा) भाषा / मुंबई, सोने की मांग पर शिकंजा और कसने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोने के जेवरात को गिरवी रखकर दिए जाने वाले ऋण के नियम को सख्त बना दिए हैं। गिरवी रखे जाने स्वर्ण आभूषण का मूल्यांकन पिछले 30 दिन के 22 कैरेट के सोने की औसत कीमत के अनुसार किया जाएगा। वैश्विक संकेतों से सोना वायदा सुधरा यह कीमत बॉम्बे सर्राफा संघ (बीबीए) की कीमतों पर आधारित होगी। आरबीआई ने एक अधिसूचना में कहा, 'मूल्यांकन के मानकीकरण और इसे ऋण लेनेवालों के लिए अधिक पारदर्शी बनाने हेतु गिरवी रखे जाने वाले स्वर्ण आभूषण का मूल्यांकन बॉम्बे बुलियन एसोसिएशन द्वारा जारी पिछले 30 दिन के 22 कैरेट सोने के बंद मूल्य के औसत के आधार पर किया जाएगा।' फिलहाल ऐसे आकलन के लिए कोई मानक तय नहीं है। आरबीआई ने कहा कि गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को ऋण के लिए स्वर्ण आभूषण गिरवी रखते समय अपने लेटर हेड पर ग्राहक को सोने की शुद्धता और वजन का प्रमाण पत्र देना होगा। केंद्रीय बैंक ने कहा कि यदि सोने की शुद्धता 22 कैरेट नहीं है तो एनबीएफसी को 22 कैरेट में तब्दील करना होगा और गिरवी रखे जाने वाले जेवरात का सही वजन बताना होगा। दूसरे शब्दों में कम शुद्ध सोने वाले जेवरात का आकलन उसी अनुपात में होना चाहिए। आरबीआई ने कहा कि ग्राहक को सोने के जेवरात के मूल्य के 60 प्रतिशत के बराबर ऋण दिया जा सकता है। रिजर्व बैंक ने कहा कि सोने को गिरवी रखकर ऋण देने वाली एनबीएफसी को पांच लाख रुपये से अधिक के सभी लेन-देन पर ग्राहक के पैन कार्ड की प्रति लेनी होगी। एक लाख रुपये और इससे अधिक का ऋण सिर्फ चेक के जरिए दिया जाना चाहिए। साभार - बिज़नेस स्टैंडर्ड http://hindi.business-standard.com/storypage.php?autono=76735