सीरवी समाज - मुख्य समाचार

अपराधियों के हौसले बुलन्द-सावधान सीरवी समाज
Posted By : Posted By कानाराम परिहार कालापीपल on 21 Jul 2013, 09:37:12
सदियों से सीरवी समाज अपना परम्परागत कर्म खेती करता आ रहा है एक सीधे साधे भोले भाले समाज के रुप मे सीरवी समाज की पहचान है अपनी मेहनत ईमानदारी की वजह से आज थोङी बहूत उन्नति की है अपना घर बार छोङ सेठ साहुकारों के यहां नौकरियां करके जीवन गुजारा करके अब कही व्यापार मे कुछ सीखा है व्यापार मे भी मेहनत , ईमानदारी व धार्मिक आस्था के साथ काम किया और उन्नति की और अग्रसर है लेकिन यह उन्नति अपराधियों गुण्डागर्दी करने वालो भुमाफिया लोगो जैसे असामाजिक तत्वों को खल रही है उन्है सीरवी समाज की उन्नति से जलन हो रही है कि क्यों एक भोला भाला समाज आगे बढ रहा है,क्यो इस समाज के पास पैसा हो रहा है।हाल ही हो रही घटनाओ से ऐसा लग रहा है। जगह जगह हत्या,चोरी,लूट,बलात्कार का शिकार सीरवी समाज के लोग हो रहे है । जगह जगह हत्या हो जाना आम बात हो गई कांग्रेस नेता दुर्गारामजी की हत्या अपराधियो का अता पता नही,खिवाङा बलात्कार की घटना,कुशालपुरा के पास मासुम के साथ दुष्कर्म व हत्या की घटना बगङीनगर के मासुम बालक की हत्या,पाली मे टीपुदेवी की हत्या किसी भी घटना के अपराधियो का नही पकङा जाना तो दुर, पता भी नही लग पाना आखिर ऐसा क्युं हो रहा है? क्या सीरवी समाज इतना सीधा है कि कुछ नही कर पाता। अभी दादाई मे अपनी स्वयं की खातेदारी जमीन से बेदखल करने के हमले का मामला हुआ है पुलिस को शिकायत की पुलिस का कोई सहयोग नही अपराधि औरतो के साथ मार पीट कर अधमरा करके भाग गए नामजद रिपोर्ट पर भी कार्यवाही नही मजबूरन समाज के लोगो को आन्दौलन करना पङा क्या घटना हो जाने के बाद आन्दोलन करना समाज की आदत बन जाएगी? क्यो नही हम पहले से ही सावधान रहे ? अपने संगठन को मजबूत बनाए कि अपराधियो मे अपने संगठन का डर हो हमे सोचना होगा पुलिस व प्रशासन का सहयोग सीरवी समाज को क्यों नही मिलता है ? क्या आज अपराधिक व गुण्डात्तवों का ही बोलबाला है? उन्है पुलिस प्रशासन व राज का कोई डर नही । डरने वाला केवल सीरवी समाज ही है क्यों ऐसी घटनाओं पर कार्यवाही नहीं हो पाती है? सोचना होगा । हमे घटनाए हो जाने के बाद संगठन याद आता है हम पहले से ही अपना संगठन मजबूत क्यो नही बना लेते ? क्यो अपन लोग अपने सामाजिक संगठन का सहयोग पहले ही नही कर लेते क्यो अपन लोग अपने संगठन को कमजोर समझते तथा उसकी आलोचना करते है। क्यो अपने ही लोग या अपने द्वारा सर आंखो पर बैठाए लोग ही यह कह देते कि महासभा से कुछ होने वाला नही है क्या हम इतने कमजोर है? जब अपने पर बीतती है तब ही संगठन क्यो याद आता है पहले क्यो नही? उपर्युक्त जो भी घटनाएं हुई उनमे सीरवी समाज के लोगो का कोई अपराध नही कोई गलती नही फिर भी वो शिकार बने आखिर क्यों? डायलाणा मे महासभा का अधिवेशन हुआ कितने लोगो ने सक्रिय भागेदारी निभायी क्या ये सब पी पी साहब के अकेले का काम है या कुछ पदाधिकारियों का ही काम है क्यो हम उनकी बातों पर अमल नही करते। क्यो हम घर बैठे ये आशा करे कि संगठन एक ऑटोमेटिक मशीन की तरह काम कर लेगा जब सहयोग देने की बात आती है तो तैयार नही ओर सहयोग लेने की डिंगे हांकते रहते है । ये होना चाहिए वो होना चाहिए । ये करेगा कौन ? ये कोई नही कहते है हम आपका सहयोग करेंगे। यदि लोगो की भावनाएं संगठन के प्रति इस प्रकार की रही तो संगठन के पदाधिकारियों का क्या कसुर है। क्यो अपन अपने संगठन के पदाधिकारियों की जरा सी कमि को बात का बतंगङ बना देते है ओर अपनी भारी कमियों को भी देखते ही नही है। पोस्टर लगाने के मामुली बात को लेकर हम आपस मे उलझ जाते है दुसरों को क्या करना चाहिए ये सबको याद है खुद को क्या करना है किसी को याद नही एसा क्यो जबकी खुद अपना अपना काम करले तो संगठन मे कोई कमी नही रह पाती है। अभी समय है सावधान हो जाय अन्यता समय बहूत खऱाब आने वाला है आपकी कोई पहचान नही रहेगी समाज के हर संगठन मे सक्रीय भागेदारी निभाए कमिया नही अच्छाइयां देखे धार्मिक मुद्दो को समाज मे बिखराव के लिए काम मे नही ले बल्कि समाज की एकता के लिए काम मे ले लोगो की धार्मिक भावनाओ के साथ खिलवाङ नही करे। पद के लिए नही समाज के लिए काम करे अपने स्वार्थ व अपने नाम के लिए नही समाज के हित को सोचकर सहयोग करे व सक्रीय भागेदारी निभाए। नही तो वो दिन दूर नही जब आप अपना किसी प्रकार का बचाव नही कर पायेंगे अपराधियो के हौसले मे आपका सहयोग ही होगा और एक दिन आप खत्म कर लिए जायेंगे कोई बचाने वाला नही मिलेगा। आपका कानाराम परिहार कालापीपल