सीरवी समाज - मुख्य समाचार

अफीम के सार्वजनिक सामूहिक रूप से सेवन को विशेष अभियान के द्वारा रुकवाने बाबत गोपारामजी ने लिखा संभागिय आयुक्त,कलेक्टर व एस पी को पत्र व आवश्यक कार्यवाही की मांग की
Posted By : Posted By कानाराम परिहार कालापीपल on 14 Jul 2013, 17:15:01
नशामुक्त एवं समाज सुधार अभियान (कुरीतियां एवं रूढिवादी परम्पराओं के अधीनहोना कायरता है और विरोध करना पुरूषार्थ है-राष्ट्रपिता महात्मा गांधी) सेवामें माननीय संभागीय आयुक्त महोदय जोधपुर। विषय :- अफीम के सार्वजनिक सामूहिक रूप से सेवन को विशेष अभियान के द्वारा रुकवाने बाबत। महोदय उपरोक्त विषयान्तर्गत निवेदन है कि पषिचम राजस्थान मेंअफीम के नशे के प्रचलन की सामूहिक रूप से सेवन की परम्परा रूढिवादिता मनुहार अधिकांष गाँवो में वर्तमान में भी प्रचलित है। सामाजिक स्तर पर रोकथाम के बावजूद भी इसमें निरन्तर बढोतरी होतीजा रही है। शादी-समारोह हो या मौत-मृतक त्यौहार हो या कोर्इ अच्छा दिन अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रो में लोगों को सार्वजनिक सामूहिक रूप से अफीम का सेवन करते हुए आसानी से देखा जा सकता है। ऐसे अवसरों की भनक लगते ही तस्कर केरियर चोरी छुपे आयोजकों को प्रतिबंधित वस्तुऐं (अफीम तिजारा डोडा-पोस्त) आसानी से उपलब्ध करवा देते हें तथा चोरी छुपे प्राप्त इन प्रतिबनिधत वस्तुओं का लोग खुले आम सामूहिक रूप से सेवन ऐसे करते हैं जैसे उन्होने कानून से स्वीकृति प्राप्त कर रखी हो। ऐसी प्रतिबंधित चीजों का चाहे गरीबहो या अमीर सरकारी मुलाजिमहो या जनप्रतिनिधी उन्हें कही न कही पर सामाजिक रूढिवादी परम्पराओं के नाम पर से वन करना करवाना बाध्यकारी होता जा रहा है। प्रतिबंधित नशीली वस्तुओं से सम्बनिधत कानून का आम जन में किसी भी प्रकार का डर नहीं होने से सख्त कानून को लेकर पुलिस प्रषासन व तस्करों की मिली भगत का गलत संदेश आम जन तक पहुँच रहा है तथा बड़े-बुढ़ो के साथ-साथ युवा वर्ग भी नशे की गिरफ्त में आते जा रहे है जिसका कुप्रभाव विशेष कर महिलाओं एवं बच्चों पर पड़ता है जिससे उनके स्वास्थ्य शारीरिक विकास एवं शिक्षा प्रभावित होती है। थोडे़ से लालच में लोग तस्कर केरियर बनकर अपना जीवन बर्बाद कर समाज एवं राष्ट्र विकास में बाधक बन कर खडे हो रहे हैं। 1.सीरवी समाज के धर्मगुरू एवं पूर्व केबिनेट मंत्री राजस्थान सरकार माननीय श्रीमान माधव सिंह दीवान साहब के द्वारा भी राजस्थान सरकार को दिनाँक 14.5.2011 को पत्र प्रेषित कर पुलिस प्रषासन से आग्रह किया कि पाली जिले में मृत्यु उपरान्त आयोजित शोक सभा बैठकों में पुलिस की जीप चक्कर लगाकर अफीम सेवन को प्रतिबनिधत करने तथा कही पर भी सार्वजनिक रूप से अफीम का सेवन पाए जाने पर सबनिधत पुलिस थाने वालों को सख्त से सख्त कार्यवाही करने बाबत लिखा। (पत्र की फोटोप्रति संलग्न) 2. मेरे स्वयं के द्वारा भी आमजन हितार्थ प्रतिबनिधत मादक पदार्थ की रोकथाम में जागरूकता के साथ मृत्युभोज गंगा प्रसादी के विरोध में भी जागरूकता लाने के बारे में सामाजिक कार्यकत्ता के रूप में कार्य किये जा रहे है । इसी सम्बन्ध में श्रीमान जिला पुलिस अधीक्षक महोदय पाली को दिनाँक 30.5.2011 श्रीमान जिला कलेक्टर महोदय पाली को दिनाँक 09 .04.2012 व 18.4.2012 तथा श्रीमान संभागीय आयुक्त महोदय जोधपुर व श्रीमान क्षेत्रीय निदेषक नारकोटिस कन्ट्रोल ब्यूरों जोधपुर को दिनाँक 22.4.2012 एवं अन्तर्राष्ट्रीय मादक पदार्थ मुकित एवं तस्करी विरोध दिवस 26 जून 2012 को महामहिम राष्ट्रपति महोदया को ज्ञापन श्रीमान क्षेत्रीय निदेषक महोदय नारकोटिक्स कंन्ट्रोल ब्यूरो जोधपुर के मार्फत पे्रषित कर इन प्रतिबनिधत नषीली वस्तुओं की रोकथाम हेतु विषेष अभियान चलाकर आम जन को राहत पहुँचाने हेतु समय-समय पर जनहित में विनम्र निवेदन किया गया। (पत्रों की फोटोप्रति संलग्न) उक्त सम्बन्ध में अभी तक किसी के भी द्वारा किसी भी प्रकार की प्रतिबनिधत नषीली वस्तुओं की रोकथाम हेतु प्रभावी तौर पर कार्यवाही नहीं किए जाने से इन वस्तुओं का प्रचलन ग्रामीण क्षेत्रों में दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है शादी हो या मौत मृतक के अवसर पुलिस थानो के नाक के नीचे गांवों मे भी बड़ी मात्रा मे (एक से 3 किलो तक) बड़ी मात्रा मे अफीम का सामुहिक रूप से सेवन आमबात हो गर्इ है । तथा ग्रामीण जनता तस्करो की सांजिश के कारण नषे के चंगुल में फँसती जा रही है एवं पीडि़त परिवारों की आर्थिक सिथति दिनो-दिनों विकट दयनीय होती जा रही है। अगर समय रहते इन प्रतिबनिधत वस्तुओं के सामुहिक रूप से उपयोग किये जाने को पूर्ण रूप से प्रतिबनिधत तौर पर रोकथाम नहीं की गर्इ तो यह एक बहुत ही विकट सामाजिक समस्या का रूप नक्सली समस्या का रूप धारण कर उभर सकती है।जो की प्रगतिषील समाज राष्ट्र के हित में बहुत ही घातक सिद्ध हो सकती है। अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों में शादी समारोह के अलावा मुख्यत: मृत्यु से सम्बनिधत शोक सभा की बैठको में अफीम तिजारा व तम्बाकू से सम्बनिधत नषीली वस्तुओं का बड़ी मात्रा में सामूहिक रूप से सेवन किया जाता है। अत: राजस्थान मृत्युभोज निवारण अधिनियम 1960 की कठोरता से पालना करवाकर भी सामुहिक रूप से नशीली वस्तुओं के बड़े पैमाने के सेवन को रोका जा सकता है। तथा अफीम तिजारा के सामूहिक रूप से सेवन को राजस्थान अफीम धूम्रपान प्रतिषेध अधिनियम 1950 के तहत भी रूकवा कर आम जन को राहत पहुचार्इ जा सकती है । प्रतिबंधित तौर पर नशीली वस्तुओं के खिलाफ विशेष अभियान चलाने से लोगों को कानून की जानकारी के साथ-साथ उक्त नषीली वस्तुओं के सेवन का भय भी बना रहेगा। तथा लोग नशीली वस्तुओं की ओर अग्रसर होने से भी बचेंगे एवं सार्वजनिक सामूहिक रूप से अफीम तिजारा का उपयोग नहीं होने से इस की मांग में भी भारी मात्रा में कमी आने के साथ तस्करी में भी कमी आएगी। जो की समाज व राष्ट्रहित में आवष्यक भी है। अत: आपसे विषेष अनुरोध है की उक्त दोनों अधिनियमों के अन्तर्गत विशेष अभियान के द्वारा बडे़ पैमाने पर लोगो को नशे के साथ कुरीतियों एवं रूढ़ीवादी परंम्पराओें से मुक्त करवाने की एवं जनता की अरबों रूपये की राशि जो कि तस्करों केरियरों के पास जाती है की रोकथाम की प्रभावी कार्यवाही की माँग की जाती है ।ताकि गरीब मध्यम वर्गीय परिवारों सहित आम जन को राहत पहुँचार्इ जा सके। भवदीय संलग्न:-उपरोक्तानुसार (गोपाराम चौधरी) 24.5.2013 (राष्ट्रीय समन्वयक नषा मुकित एवं समाज सुधार अभियान) प्रतिलिपि:-सूचनार्थ एवं जनहित में आवष्यक कार्यवाही की मांग बाबत 1.श्रीमान पुलिस महानिरिक्षक महोदय जोधपुर रेंज जोधपुर 2.श्रीमान क्षेत्रीय निदेषक महोदय नारकोटिक्स कन्ट्रोल ब्यूरों जोधपुर 3.श्रीमान जिला कलेक्टर महोदय पाली जोधपुर। 4.श्रीमान जिला पुलिस अधीक्षक महोदय पाली जोधपुर (ग्रामीण)। भवदीय ( (गोपाराम चौधरी) ((राष्ट्रीय समन्वयक नषा मुकित एवं समाज सुधार अभियान) पता:- 206 राजीव नगर बासनी प्रथम फेज जोधपुर- 342005 सम्पर्कसूत्र:- 9414412815 , 9929717343