सीरवी समाज - मुख्य समाचार

वीर रस के कवि मुकेशजी मोलवा ने बालीपुर वाले बाबा का स्मरणकर ओजस्वी शैली में राष्ट्रभक्ति का शंखनाद करते हुए अपना रचना पाठ किया
Posted By : Posted By KAILASH MUKATI VIP MANAWAR on 14 Dec 2012, 17:00:22
''काले धन का मौसम आदमखोर दिखाई देता है'' मनावर में सफल कवि सम्मेलन संपन्न् मनावर। 3 दिसंबर को गुलाबी ठण्डी रात को 9 बजे जब मेला मैदान में कैबिनेट मंत्री रंजनाजी बघेल के जन्मदिन के उपलक्ष्य में आयोजित कवि सम्मेलन का जब आगाज हुआ तो काव्य रस प्रेमियों का उत्साह देखते ही बनता था हजारों की संख्या में मौजूद श्रोताओं ने काव्य रस की गंगा में अवगाहन किया। कार्यक्रम के आरंभ में मॉ शारदा की रचना मंजुजी दीक्षित ने पेश की। हरेन्द्रजी चौहान कुक्षी के रचना पाठ के बाद इंदौर से पधारे वीर रस के कवि मुकेशजी मोलवा ने बालीपुर वाले बाबा का स्मरणकर ओजस्वी शैली में राष्ट्रभक्ति का शंखनाद करते हुए अपना रचना पाठ किया तो अंदाजा हो गया कि इस कवि सम्मेलन को नई उुंचाइयां जरूर मिलेगी। श्ािवाजी और बाबा रामदेवजी पर के्रन्द्रित कविता के बाद दोगले नेताओं पर कटाक्ष करते हुए मोलवा ने कहा''कायर कभी कायरता से विरक्त नहीं हो सकता है। जयचंद का वंशज कभी देशभक्त नहीं हो सकता है है'' ने खूब तालियां बटोरी। वीर रस के कवि मनवीरजी की रचनाओं को भी खूब सराहना मिली। मंजूजी दीक्षित ने एक-दो कविता सुनाकर श्रोताओं को निराश किया। ब्रजेन्द्रजी चकोर के चुटीले व्यंग्य और अथश्रीमहाभारत कथा को अच्छा प्रतिसाद मिला। विष्णुजी सक्सेना ने छोटे-छोटे मुक्तकांे को बहुत ही सधी हुई शैली में बुलंद आवाज में पेश कर सबकों मंत्रमुग्ध कर दिया। उनकी बानगी देखिए''बरसात भी नहीं पर,बादल गरज रहे हैं।''सुलझी हुई है जुल्फें पर हम उलझ रहे हैं। सच तो यह है कि तालों के शहर से आये अलीगढ वाले ने अपनी रचनाओं से ताला बंद कर श्रोताओं को लूट लिया। हिन्दुवादी छबि युक्त प्रकाश पटेरिया रचनाओं में भी इससे मुक्त होते नहीं दिखे। सूत्रधार प्रवीणजी पाल ने भी चुटकुलों और हास्य घटनाओं पर केन्द्रित कुछ रचनाएं सुनाई। एक दौर में हुए इस कवि सम्मेलन में प्रसिद्ध कवि हरिओमजी पंवार को सबसे आखिर में पेश किया गया। श्री पंवार ने अपने दमदार आवाज से चिरपरिचित बेबाक शैली में जब अपना काव्य पाठ शुरू किया तो घड़ी के कांटे 2:30 का वक्त बता रहे थे। उन्होंने कई मार्मिक रचनाएं सुनाकर देश के सियासतदारों को जगाने का प्रयास किया। काले धन पर केन्द्रित उनकी कविता''काले धन का मौसम आदमखोर दिखाई देता है''ने श्रोताओं को झकझोर दिया। तडके 3 बजे जब इस कवि सम्मेलन का समापन हुआ तो कई श्रोता तब भी सुनने के मूड में दिखे। अंत में आभार प्रदर्शन नपा अध्यक्ष राजकुमारजी जैन ने माना।