सीरवी समाज - मुख्य समाचार

महासभा का म.प्र. प्रान्त का प्रान्तीय सम्मैलन ऊर्जा के स्रोत रुप मे उमंग के साथ सम्पन्न।
Posted By : Posted By कानाराम परिहार (कालापीपल)on 01 Nov 2012, 22:54:3
अखिल भारतीय सीरवी महासभा का चौथा प्रांतीय सम्मैलन समाज को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने वाला सीरवी समाज का सशक्त संगठन अखिल भारतीय सीरवी महासभा का चौथा प्रांतीय सम्मैलन श्री आईजी धाम इन्दौर में दिनांक 28.10.12 को मध्यप्रदेश के सैकङो जागरुक सेवाभावी कार्यकर्ताओं के साथ राष्ट्रीय कार्यकारिणी व संरक्षक मण्डल के सदस्यों की उपस्थिति में शानदार सफल आयोजन हुआ। इससे पूर्व दिनांक 17 जून को पाली मे (राजस्थान,दिल्ली,उत्तर भारत प्रान्त ) प्रांत की कार्यकारिणी का गठन किया गया। उसके बाद 29 जून 2012 को बेंगलोर में कर्नाटक, केरल व गोआ प्रान्त की कार्यकारिणी का गठन किया गया। दिनांक 11 अगस्त 2012 को महाराष्ट्र प्रान्त की कार्यकारिणी का गठन किया गया। अब ये चौथा प्रान्तीय सम्मैलन मध्यप्रदेश छत्तीसगढ प्रान्त का 28.10.2012 को इन्दौर मे सम्पन्न हुआ। इस आयोजन को सफल बनाने के लिए बहूत से सेवाभावी कर्मठ कार्यकर्ता एक दिन पूर्व ही इन्दौर पहूंच गए थे। इनके लिए महेश्वरी समाज भवन मे ठहरने की शानदार व्यवस्था की गई थी जब काफी संख्या मे कार्यकर्ता शाम को ही पहूंच गए थे तो पूर्व संध्या पर भी एक बैठक का आयोजन रख लिया गया। आगन्तुक मेहमानों का परिचय हुआ कल के कार्यक्रम की रुपरेखा बताई तथा नई बनी महासभा के बारे में जिज्ञासा व इनकी योजनाओं के बारे मे जानने की उत्कंठ इच्छा जताई जिसे राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमान पी.पी. चौधरी ने बहूत ही सुन्दर ढंग से समझाया कार्यक्रम का संचालन बङवानी डाइट के लेक्चरार श्री हीरालालजी देवङा ने किया । श्रीमान पी.पी.चौधरी अपने देश के सिनियर एडवोकेट है 40 न्यायाधीशों की कमेठी सिनियर एडवोकेट को तय करती है यह सीरवी समाज का गौरव है कि श्रीमान पी.पी.चौधरी 40 न्यायाधीशो की राय पर खरे उतरे व देश के नामी बङे बङे वकिलों की उच्च श्रेणी मे स्थान पाया यह दर्जा अरुण जेठली,कपिल सिब्बल व राम जेठमलानी की तरह हो गया है। जब आपकी राय लेकर देश की बङी बङी कम्पनियां, बङे बङे राजघराने लाखों नही करोङो कमाते है तब पी.पी.साहब के मन मे विचार आया कि मेरी सलाह, मशविरा या राय से ये इतने आगे बढ रहे है तो क्यो नही मेरी राय मेरा दिशा निर्देश अपने समाज को भी दिया जाय आपने सोचा कि जिस समाज मे मैने जन्म लिया उसका सर्वांगिण दिकास कर देश मे राष्ट्रीय स्तर पर एक पहचान बनाई जाय यह सोचकर पी.पी. साहब समाज सेवा मे उतरे मां आईजी को भी शायद यही मंजूर था इसलिए कही सालों के महासभा मजबूत नही हो रही थी वह संयोग से चुनाव हो गए ओर सर्व सम्मती से श्रीमान पी.पी. चौधरी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनकर महासभा को एक नई दिशा दिला दी ओर अब एक नई असिमित ऊर्जा भरकर नई उमंग नया जोश पैदा कर दिया अब मात्र तीन चार माह मे ही लोगो को लगने लग गया, यह विश्वास हो गया कि महासभा एक मजबूत संगठन बनने जा रहा है और समाज का सर्वांगिण विकास कर नयी ऊचाई प्रदान करेगा । जो महासभा पाली ओर राजस्थान मे सिमटकर रह गई थी वह अब पूरे देश मे विस्तार से अपने बुलन्द हौंसलों से पांव फैलाने लगी पूरे देश के 7 प्रान्त बनाये गए जिसमे से 1. राजस्थान,दिल्ली,उत्तर भारत प्रान्त 2. कर्नाटक, केरल व गोआ प्रान्त 3. महाराष्ट्र प्रान्त इन तीन प्रान्तों की कार्यकारिणी बन चुकी है ओर यहां पर चौथे प्रान्त मध्यप्रदेश छत्तीसगढ प्रान्त की बनने जा रही है। शेष तीन प्रान्त रहेंगे 1.गुजरात 2.आन्ध्रप्रदेश 3. तमिलनाडू । वहां भी दिसम्बर तक पुरी कार्य कर देने की योजना है यहां सभी गठन आम सहमति यानी सर्व सम्मति से हुए सर्व सम्मती से होने वाले चयन की विशेषता होती है यहां सभी पक्षों की विजय होती है कोई भी पक्ष हारता नहीं है ओर जहां कोई भी पक्ष हारता नहीं है वहां विकास की गुंजाइश सबसे अधिक है। मनोनयन के लिए आम सहमति बनाना समाज के हित मे अपना हित का त्याग करने का सबसे बङा उदाहरण है जो तीन प्रान्तों के बन्धुओं ने पेश किया है ओर मध्यप्रदेश भी ऐसा होगा। ( जो अगले दिन हो गया) हमे विश्वास है 1.गुजरात 2.आन्ध्रप्रदेश 3. तमिलनाडू मे भी मां आईजी की कृपा से वहां के कार्यकर्ता भी आम सहमती बनाकर अनूठा उदाहरण पेश करेंगे क्योकि हम सभी का लक्ष्य व उद्देश्य समाज का सर्वांगिण विकास करना समाज की राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाना है इसमे मतभेद हो सकते है परन्तु मनभेद बिल्कुल नही । श्रीमान पी.पी.चौधरी ने इस अवसर पर बताया कि अपने समाज के लगभग 600 बडेर के संगठन बने हुए है जो अलग अलग बिखरे हुए है उनकी एक ताकत बनानी है हिन्दूस्तान भर में हिरे मोती बिखरे पङे है मै एक धागा लेकर आया हूं और उन सभी हिरे मोती जवाहरात सभी को धागे मे पिरोकर एक बनाकर एक सुन्दर बेशकिमती हार दूंगा। हम संख्या मे कितने है ये मायना नहीं रखता मायना यह रखता है कि हम संगठित कितने है। पूर्व मे महासभा का गठन था 1993 से 2012 तक यह महासभा एक मजबूत संगठन नहीं बन पाया इसका कारण बताते हुए श्रीमान पी.पी. चौधरी ने बताया कि 11 व्यक्तियों का ढांचा बना हुआ था 11 आदमी पूरे भारत मे कार्य नहीं संभाल पाते उनके स्थान पर मै भी होता तो कार्य नहीं कर पाता इसलिए अब 11 के स्थान पर 2200 पदाधिकारियों की महासभा होगी हर गांव तक पहूंच होगी एक बहूत बङा ढांचा बनेगा एक प्रकार से यह एक विशाल हवन होगा समाज के हर घर से श्रदा अनुसार आहूती ली जाएगी । कोई भी सुझाव समाज के बारे मे अच्छा होगा समाज का कोई भी व्यक्ति देता है चाहे वह पदाधिकारी है या नहीं हम हर अच्छै सुझाव को जरुर मानेंगे। हम कभी भी यह नहीं सोचेंगे कि जो हमने कह दिया वो सही है चाहे सुझाव देने वाला व्यक्ति एक सदस्य हि क्यों नहीं हो या साधारण व्यक्ति हि क्यों नहीं हो यहां तक की अनपढ भी क्यो न हो हम हर अच्छै सुझाव का स्वागत करेंगे। श्रीमान पी.पी.चौधरी ने आगे बताया कि अगर मेरा कोई विरोधी है ओर वह समाज का रत्न है तो मै सबसे पहले उसे लुंगा। इस अवसर पर इन्दौर के श्री नारायणजी काग ने बताया कि समाज आम सहमती से मनोनयन करे वे माता के सेवक होते है जिन्है हम पद देते है अध्यक्ष भी सेवक है हमे सेवक चुनना है बचा हुआ काम करने के लिए सेवक चुनना है अतीत की बाते भुल जाइये अतीत के कारण हम बिखरे हुए है हमारा नाम नहीं है अब हम भारतीय संस्कृति संस्कार द्वारा आम सहमती से सेवक बनाएंगे। दिनांक 28.10.12 को श्री आईजी धाम इन्दौर मे प्रात: जल्दी ही चहल पहल शुरु हो गई वहां पर विशाल शामियाना सजाया गया सभी के बैठने की सुन्दर व्यवस्था की हुई थी बाहर गाङियों के पार्किंग के लिए भी अच्छी व्यवस्था थी जैसा शामियाना वैसा ही विशाल मंच बनाया गया मंच के ठीक पास बांयी ओर मां आईजी का फूल मालाओं से सुसज्जित कर तस्वीर स्थापित कर अस्थायी मंदिर बना दिया गया । पाण्डाल के मुख्य द्वार पर ही आगन्तुक मेहमानों का स्वागत के साथ रजिस्ट्रेशन किया जाता है और पास मे ही आईजी धाम के लिए अपनी स्वेच्छा से दान देने वालों के लिए रसीद काउण्टर की व्यवस्था थी। पाण्डाल के नजदीक ही एक तरफ चाय नाश्ते की व्यवस्था है आगन्तुक मेहमानों के लिए पोआ,नमकीन जलेबी का सुन्दर नाश्ता है । थोङी ही देर मे जो कुर्सिया खाली पङी थी भर गई । इस सम्मैलन मे मातृ-शक्ति( महिलाओं) की भागीदारी बेहतर रही थी ऐसा आभास हो रहा था कि यहां जागृति बहूत है। जब पाण्डाल लगभग भर गया था तभी राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमान पी.पी.चौधरी व उनके साथ पधारे विशेष मेहमानों का महिला मण्डल द्वारा भारतीय परम्परा अनुसार भाव भीना स्वागत किया गया, फूलों की वर्षा करते हुए मंच तक पधारे बालिकाओं द्वारा ,दिल से स्वागत करते है दिल से, गीत के साथ भाव भरा स्वागत किया गया मंचासीन अतिथियों के नाम की घोषणा के साथ श्री पी.पी.चौधरी, डॉ.आर.एस.चौहान, श्री जगदीशजी काग, नेनारामजी परिहार, भंवरलाल चौहान, फाऊलालजी परिहारिया,हेमन्तकुमार सेपटा, फूटरमलजी काग, चंदारामजी भायल, पूनारामजी भायल, झालारामजी देवङा, विरमरामजी सोलंकी, गेनारामजी परिहार,हरिरामजी गहलोत, हिरालालजी सैणचा, रुपारामजी सैणचा, भंवरलालजी सैणचा, मंगल सैणचा, तेजारामजी लचेटा, (पूना) सी.आर चौधरी दिल्ली,चुन्नीलालजी लचेटा, सी.ए. मोडारामजी नाशिक, मांगीलालजी अध्यक्ष नाशिक, तारारामजी बासना, अभयरामजी परिहारिया,गोपारामजी समन्वयक नशामुक्त समाज, महेन्द्र राठौङ कापसी,संपादक, कानाराम परिहार कालापीपल, नाथुरामजी मुम्बई, भोमारामजी सैणचा, आदि गणमान्य महानुभव मंच पर आसीन हुए इनके अलावा भी काफी विशेष अतिथि थे जिन्हे पाण्डाल मे अग्र पंक्ति मे स्थान दिया गया जिनमे मध्यप्रदेश से राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य तथा हरिदास स्मारक ट्रस्ट के अध्यक्ष, उज्जैन ट्रस्ट के अध्यक्ष, पृथ्वीसिंहजी, डॉ. दिनेश सतपुङा,नेमाजी बर्फा राजगढ,मांगीलालजी कोटवाल,बाबूलालजी चौधरी राजगढ, और अन्य मेहमान भी अग्रिम पंक्ति मे विराजमान हुए। सभी मेहमानों के स्थान ग्रहण करने के बाद अध्यक्ष महोदय, उपाध्यक्ष महोदय व खास मेहमानों द्वारा मां आईजी की पूजा अर्चना की गई ओर श्रीमान विरमरामजी सोलंकी के साथ मां आईजी की स्तुती व आरती का भावपूर्ण सस्वर वाचन किया गया। महिला मण्डल द्वारा भी स्वागत किया गया इसके बाद इन्दौर आईजी धाम के अध्यक्ष श्री जगदीशजी काग द्वारा स्वागत भाषण हुआ जो इस प्रकार है- श्री जगदीशचन्द काग अध्यक्ष इन्दौर सीरवी समाज- सर्व प्रथम मां आईजी के चरणों मे वन्दन अतिथियों को सादर प्रणाम सभा मे उपस्थित आई भक्तों को सादर वन्दे आज का दिन बङा ही गौरवशाली दिन है आईजी धाम पर महासभा का प्रान्तीय सम्मैलन होने जा रहा है हमे समाज के भामाशाहों , पथ प्रदर्शक समर्पित स्वजनों से आशीर्वाद प्राप्त होगा उनके श्रीमुख से अमृतवाणी सुनने को मिलेगी, आज प्रान्तीय कार्यकारिणी का गठन होने जा रहा है सामाजिक कल्याणकारी समाज के विकास का अवसर मिलेगा एवं इससे एकता स्थापित होगी जुझारु,ज्ञानवान,सेवाभावी कार्यकर्ताओं की आवश्यकता है इन्दौर ट्रस्ट मे मध्यप्रदेश के साथ पुरा भारत शामिल हो जायेगा यहां 25 वर्षों से प्रयासरत संगठन 2008 से व्यवस्थित प्लेटफार्म पर चल रहा है । स्वार्थ,कुण्ठा इर्ष्या को पाताल मे दबाकर ट्रस्ट प्रेम सौहार्द व त्याग की भावना से ओत-प्रोत पुरी टीम का सहयोग मिल रहा इस इन्दौर की पावन धरा पर पुरे समाज की ओर से आप सभी का हार्दिक स्वागत करता हूं। डॉ. आर. एस. चौहान – सर्व प्रथम आईमाताजी को नमन ,आईमाता धाम की धरा को नमन यहां के ऊर्जावान कार्यकर्ताओं ने विशाल आयोजन किया है इन्हे धन्यवाद बहूत ही सरहानीय काम है आप सभी ने जिस उद्देश्य से हमे खङा किया समाज को एक गुच्छ मे बांधा है इन पुष्पों को सूत मे पिरोकर एक दूसरे का सहयोग ले आगे बढेगा 1980 मे बेंगलोर सीरवी समाज ने हमे डॉ. चम्पालालजी पुंजापूरा वालों के साथ आमन्त्रित किया हम वहां गए सम्पर्क बना फिर समाज को दिशा देने के लिए उज्जैन मे जगह ली मंदिर बना, राजगढ मे स्कुल बना, यहां प्रजापति नगर मे मंदिर हेतु जगह ली यहां आईजी धाम हेतु बङी जगह ली भामाशाह पधारे है मध्यप्रदेश के लोगो का साहस बढावे यहां प्रान्तीय कार्यकारिणी मे पदों के चयन मे सर्व सम्मति बनावे ध्वनी मत से पदाधिकारी चयन करे श्रीमान पी.पी. साहब के सपने को साकार करने मे एकजुटता दिखाएं। भगवान लचेटा सी.ए.- मंच के सम्मान के बाद आपने बताया कि आज का दिन म.प्र. ही नही पुरे भारत के लिए महत्वपूर्ण है इस सभा मे पधारे व्यक्ति समाज का निचौङ है समाज को भारतीय स्तर पर संगठित करने का सपना श्री पी.पी.चौधरी साहब ने देखा उसे साकार करना है मां आईजी शक्ति प्रदान करेगी यहां पर 2009 मे बाबूलालजी मुकाती की अध्यक्षता मे नारायणजी काग, संजीव चोयल तथा कहीं कार्यकर्ताओं की अगवानी मे ट्रस्ट का गठन किया गया धार्मिक व सामाजिक स्तर पर समाज संगठित हुआ । हिम्मत साहस व कार्यकर्ताओं के उत्साह कङी मेहनत से यह जमीन ली गई है और यहां विशाल भवन ,मंदिर,स्कुल,छात्रावास बनेंगे। यहां दीवान साहब भी पधारे उन्होने भी मार्ग दर्शन दिया ओर टीम का हौसला बढाया। यहां काम करने वाले सभी कार्यकर्ता कही भी आना जाना हो संस्था का पैसा खर्च नहीं करते है स्वयं की जेब से सारा खर्च करते है। हम सभी सेवक है आप सभी सहयोग करे । साथ ही आपने सम्पूर्ण आय व्यय का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया। सहयोग की इस अपील पर निम्न महानुभावों ने दिल खोलकर दान दिया जो इस प्रकार है 51000/- स्व. श्री मांगीलालजी की स्मृती मे 101000/-नेनारामजी पेमाजी परिहार देसुरी पुना 51000/- फाऊलालजी परिहारिया बेंगलोर 51000/- भंवरलालजी चौहान किसान केशरी पाली 111111/- श्री पी.पी.चौधरी साहब 51000/-मांगीलालजी 51000/-जीवारामजी 51000/-जोगारामजी चोयल 51000/-सैणचा भगत जॉनरायजी भगवान मंदिर पिपलाज 51000/- हरिरामजी गहलोत धामली 51000/- नाथारामजी मुम्बई 51000/-चुन्नीलालजी सी.ए. मुम्बई 111111/- धन्नालालजी मुकाती बङवानी 11000/-उमादेवी भायल बङवानी उर्मिला पंवार प्रवक्ता महीला मण्डल- मंच को सम्मान देने के बाद मातृ शक्ति संगठन इन्दौर द्वारा पधारे मेहमानो का स्वागत हमारे यहां ऐसा प्रथम सम्मैलन हो रहा है पीछले 4 वर्षों से महिला संगठन कार्य कर रहा है महिलाओं को समाज के प्रति जागरुक करना नवरात्री का गरबा आयोजन किया भादवी बीज समारोह मे सहयोग किया महिलाओ को समाज के विकास मे आगे आना चाहिए क्योकि समाज का आधा भाग महिलाएं होती है महिलाओं के आगे आने पर ही समाज का विकास होगा। पूनाराम भायल—सम्मनित मंच हमे बङा हर्ष होता है बङा गर्व होता है कि आज इन्दौर मे इतनी बङी उपलब्धी के साथ एक मिशाल कायम हो रही है। अब समाज मे राजनैतिक जागृती की आवश्यकता है जिस तरह व्यवसाय मे झण्डा गाढा इस महासभा के माध्यम से शक्ति प्रदान कर राजनिती मे आगे बढे आपसी मनमुटाव दूर कर कन्धा से कन्धा मिलाकर समाज का विकास करे। सी.आर चौधरी दिल्ली—आपने कहा हम लोग दिल्ली मे बहूत कम है 10-15 परिवार है हमने संगठन बनाया सोचा हमारे पास भी समाज की जगह हो राष्ट्रीय राजधानी है रहने की जगह नहीं है राजघानी मे हमारी जगह होनी चाहिए हमारे पास धन की कमी है ङम तन मन से सहयोग कर सकते है 10-15 कमरे छोटा सा मंदिर बन जाय तो अच्छा रहे। आप सभी को बधाई चन्दारामजी भायल—आज का ये अखिल भारतीय सीरवी महासभा का प्रान्तीय सम्मैलन भाई जगदीशजी व उनकी पूरी टीम द्वारा सुव्यवस्थित आयोजन किया भुखण्ड खरीदकर पूनीत कार्य किया पुरे भारतवर्ष से यहां मेहमान पधारे लोनावाला मे भी प्रांतीय सम्मैलन हुआसमाज का एक बहूत बङा संगठन समाज को अखण्ड बनाता है एक सुव्यवस्थित नेटवर्क तैयार होने जा रहा है। राष्ट्रीय अध्यक्ष की सुझ बुझ द्वारा हम विकास के पथ की और अग्रसर है इन्दौर के सभी कार्यकर्ताओं को धन्यवाद हमने जिस समाज मे जन्म लिया उसका हम पर ऋण है अच्छा सहयोग कर हम ऋम पुरा कर सकते है। गेनाराम परिहार निम्बेङा कलां—तेजारामजी के समय से महासभा डेमोक्रेसी के हिसाब से गठित हुई मार्गदर्शन की कमी रही नेनारामजी स्वयं सेवी दानदाता है। सह मनुष्य जीवन बार बार नही मिलता है कर्म करते रहे समाज संगठित हो रहा है शिक्षण संस्था का गठन है दिल्ली की पंचायत मे अपना आदमी नहीं है इसलिए अपनी पहचान नही है बनी बनाई खीचङी का क्या खुद बनाओं खुद खाओंआप किस पद पर है उसके क्या कार्य है यह ध्यान जरुर रखे और कार्य करे। फाऊलाल परिहारिया – आज यहां म.प्र. प्रान्त की प्रान्तीय कमेठी बनेगी एडवांस मे बधाई 1940 मे महासभा बनी वो राजस्थान तक थी इस बार श्री पी.पी.चौधरी साहब ने नया फार्मुला बनाया राष्ट्रीय स्तर, प्रान्तीय स्तर, फिर परगना स्तर हमने कर्नाटक मे प्रयोग किया बहूत सफल रहा आप सभी से सहयोग की पूर्ण आशा करता हूं। हरिरामजी गहलोत—आपने मन्त्र जाप किया फिर कहा हमे पूर्ण रुप से सशक्त होना है प्रेम त्याग व सेवा ये तीन चीज हमारे मे हो हम सफल होंगे भगवान हमारी मदद करेगा एक व्यक्ति कुछ काम का नहीं संगठित बनों सूत का एक तन्तु टूट जाता है लेकिन बहूत से तन्तु मिलकर रस्सा बनाते है तो हम हाथी को बान्ध सकते है ईमानदारी व मेहनत ये सफलता के मूलमन्त्र है। झालाराम देवङा—आज यहां अपनों को देखकर खुशी होती हैसीरवी समाज एक मंच पर बैठकर प्रेम भाव रखे समाज जाजम पर एक एक होना चाहिए अपना समाज ईमानदार व सभ्य समाज है एकता रहनी चाहिए। गोपारामजी पंवार—जैसा उद्घघोषक महोदय ने कहा क्रांतीकारी मै तो सामान्य कार्यकर्ता हूं धर्मगुरु दीवान साहब के सानिध्य मे 6 साल से नशा मुक्त आन्दोलन चला रहा हूं कुरितीयों एवं रुढीवादी परम्पराओ के अधीन रहना कायरता है और विरोध करना पुरुषार्थ है मेरा मुख्य एजेन्डा है सार्वजनिक स्थल पर नशा का उपयोग नहीं हो किसी भी सामाजिक आयोजन मे नशा नही करे 12 वां नही उठावणा करे मृत्युभोज नही उपवास करे। फूटरमलजी काग—इन्दौर सहर मेप्रान्तीय सम्मैलन हो रहा है मारवाङ मेवाङ एक दूसरे के नजदीक आने के प्रयास है सफलता मिली हैकिसी भी योजना के तीन चरण होते है 1.योजना निर्माण 2.योजना का क्रियान्वयन 3.मुल्यांकन हम कार्यशील व श्रद्धावान रहे तो कोई कार्य नही जो पुरा नहीं कर सकते शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण है समाज की पहचान है बालक बालिका भावी नागरिक है समाज की धरोहर है उन पर ध्यान देवे उन्हे संस्कार दे। भोमारामजी सैणचा—जटे तक ओपोणी आवाज नी निकले, मन री आवाज निकले तो फतेह है मध्यप्रदेश की धरा पर आज सुनहरा अवसर है जितना कहा जाय उतना कम है धागा आप लाए है फूल है ही वो एकता की बात है जोधपुर के पास शिकारपुरा धाम है आंजना समाज का है उप चुनाव होने जा रहे थे वहां से एक आवाज निकली वहां की आवाज का समर्थन हुआ सारे वैमनस्य मिटाकर अपने आदमी को राजस्थान विधानसभा मे पहूंचाया समाज की एकता को बरकरार रखना है हिन्दुस्तान के किसी भी क्षैत्र मे सीरवी की बात आती है सब एक हो जाओं माताजी आपका बेङा पार करेगी। चुन्नीलालजी सी.ए.—मां भगवती के चरणों मे कोटी कोटी वन्दन आपसे अनुरोध है समाज की एकता अखण्डता के लिए हर संभव प्रयास करे मनमुटाव नहीं रखे जिस तरह 10 मिनट मे प्रस्ताव को हर्ष ध्वनी से मंजूर किया उसी ढंग से मर्यादा को बनाए रखे आप महाराष्ट्र पधारे हम यथा योग्य सेवा करेंगे। विरमरामजी सोलंकी—मेरा मध्यप्रदेश से 1983 से लगाव है महासभा के कार्य हेतु मै तीन दिन से यहीं हूं प्रयास अच्छै हुए मै लक्ष्मणजी बर्फा के यहां ठहरा हूं प्रान्तीय कार्यकारिणी के गठन मे एकता का परिचय दे । ये कलयुग है इसमे तीन चीजे कल कला व कलदार है वही सफल है कल(मशीन),कला(दीमाग),व कलदार (पैसा) इनका जमाना है कम्प्युटर का युग है इन्टरनेट के जरिये विकास की गौरवगाथा लिख सकते है । भंवर चौधरी (किसान केशरी) – जो रथ नेनारामजी ने श्री पी.पी.चौधरी साहब को सौंपा है मै उसका सारथी हूं हमारी इच्छा है पाली से एक सीरवी एम.पी. बने और दिल्ली जाए अपने मे छोटी छोटी कमी हो जाती है संयम रखकर त्याग की भावना से समाज की एकता बनाएं रखे अपनी पहूंच आगे बढाएं शिक्षा का विकास जरुरी है भंवरलाल सैणचा—आज म.प्र. के इन्दौर मे प्रान्तीय सम्मैलन हो रहा है बङा ही खुशी का पल है यहां प्रान्तीय कार्यकारिणी का चुनाव होगा दिल बङा रखकर समन्वय से समाज की एकता के लिए सहमति देंगे तब हमारा आना सफल होगा हमारे सैणचाओं के 400 परिवार है 6 करोङ का निर्माण कार्य किया और 5 करोङ बैलेन्स है 3 साल से जब भी चुनाव होते है बिना किसी मनमुटाव के काम होता है छोटी छोटी बातों को छोङना होगा संगठन के नाम पर कांग्रेस बी जे पी दोनो पार्टियां सोचने लग जाय सीरवी के बारे मे, राष्ट्रीय पार्टीयों को लग जाना चाहिए कि सीरवी एक होकर पाली मे ही नहीं इन्दौर या मद्रास मे भी हमे हरा सकते है आप इस संगठन को सर्व सम्मती से बनाएं और ये साबित करे की महासभा बहूत बङा मजबूत संगठन है। नारायणलालजी काग—मां आईजी के चरणों मे वन्दन आप सभी आईमाताजी के दूत हैयह भीङ नही है धर्म सभा है माताजी के11 नियम है नियमों का पालन करे हमने एक प्रतीक चिन्ह बनाया डायारामजी ने उसका रजिस्ट्रेशन करवाया उन्हे धन्यवाद, दान स्वैच्छिक होता है1 रु. का सिक्का डाले तो भी खुशी है व्यसन से हमे नुकसान होता है गोपारामजी पंवार पुखराजजी वैद्य हमारे समाज के संत है जो समाज सुधार का काम करते है। यह आईजी धाम का प्रोजेक्ट है दिल खोलकर दान दीजिए यहां दीवान साहब भी पधार चुके है उन्होने इस भुमी को नमन किया है। इसके बाद जिसे सुनने के लिए लोग सुबह से आतुर थे श्री पी.पी.चौधरी साहब राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिल भारतीय सीरवी महासभा को उद्बोधन के लिए आमन्त्रित किया गया । श्रीमान पी.पी.चौधरी साहब का भाषण आपको कल प्रस्तुत किया जायेगा। श्रीमान पी.पी.चौधरी- मंच को सम्मानित करने के बाद आपने कहां कि यहां पर पीले साफे बांधे हुए अगर वो ज्यादा दिखते तो मुझे ज्यादा खुशी होती, म.प्र मे 99% किसान है समाज के साथ उनका उत्थान नही है। तो समाज का उत्थान नही होगा। जगदीशजी काग भगवानजी लचेटा का शुक्र गुजार हु उनकी टीम का आभार साथ ही आभार म.प्र सीरवी समाज का, जो अपना सहयोग कर इसे ऐतिहासिक सम्मैलन बना दिया समाज मे स्फुर्ति भरने के लिए जरुरी है। जहां भी प्रोग्राम तय होते है मेरे पास फोन आते है यहां महासभा का विरोध होगा मैने कभी परवाह नही की गलत बात को कभी महत्व मत दो सही बात लेकर चलो आपको कोई नही रोक सकता, समाज को किसी पूलिस से प्रशासन से या राजनीति से खतरा नही है खतरा है अपने ही समाज से जो टांग खिचाई मे लगे हुए है मै मध्यप्रदेश से ज्यादा परिचित नही हू फिर भी 1982 से रणछोङजी परमार अंजङ से परिचित था रणछोङजी जो अब नही रहे उनके साथ विजयसिंहजी गहलोत डॉ.आर एस चौहान भैरुलालजी ने समाज को एक करने की जो कोशिश की भुलाया नही जा सकता। यहां के राजघरानो ने सीरवियों को उनकी किसानी से प्रभावित होकर बुलाया मै यहां के बक्शी खुमानसिंहजी व भवानीसिंहजी को नमन करता हू जिन्होने उस जमाने मे सीरवी समाज का नाम रोशन किया अब मै आपको बता रहा हू कि महासभा कब व कैसे बनी आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि सर्व प्रथम 1939 मे मारवाङ किसान सभा के नाम से महासभा बनी वह रजिस्टर्ड नही थी उसके अध्यक्ष गुमनारामजी सीरवी थे जो किसानों के हितो को ध्यान मे रखकर बनाई फिर 1973 मे भारतीय सीरवी महासभा बनी जिनके अध्यक्ष दीवान साहब बने वर्तमान महासभा 10 जून 1993 को तेजारामजी व भूरारामजी सुरायता के प्रयासो से अखिल भारतीय सीरवी महासभा नाम से कानूनी रुप से सही महासभा बनी और दिल्ली से रजिस्टर्ड करवाई गई जो यहां सी. आर . चौधरी बैठे है जो मेरे अच्छै दोस्त है मेरे मार्गदर्शक है उनके घर दिल्ली मे महासभा का पंजिकृत कार्यालय बना फिर 2000 मे नेनारामजी अध्यक्ष बने अब 2012 मे चुनाव का प्रोसेस शुरु किया गया हर प्रान्त हर गांव मे पत्र भेजे मै रिकॉर्ड के मुताबिक कह सकता हूं तय दिनांक को चुनाव हुए किसी नाराजगी की वजह से किन्ही का रिप्रजेन्टीव नही हुआ मेरा दायित्व है मै उनकी भ्रांती निकालू 8व 9 जून को चुनाव का प्रोग्राम बना 1200-1300 प्रतिनिधि आए 64 सदस्यो की कार्यकारिणी बनी अध्यक्ष उपाध्यक्ष महासचिव के चुनाव हुए इसमे कमियां रह सकती है आगे नही रहेगी आगे की पीढी बढिया काम करेगी अबकी बार महासभा का गठन ऊपर की और से हुआ पुरे भारत के लिए पहले 11 सदस्यो की कार्यकारिणी थी वो सभी 7 प्रान्त नही संभाल पाते पहले के अध्यक्ष की जगह मै भी होता तो काम नही कर सकता हमने इसका विकेन्द्रिकरण किया आपको सीरवी सन्देश के माध्यम से पता चला होगा अब इसका स्वरुप बदलना है तो पाली मे मिचिंग रखी जिसमे सर्व सम्मति से प्रस्ताव पास किया गया कि इसे तीन भागों मे बांटा जाय 1. राष्ट्रीत स्तर, 2.प्रान्तीय स्तर, 3. परगना स्तर हर स्तर पर संरक्षक होंगे 32 विभिन्न प्रकोष्ट होंगे उन सभी के दायित्व होंगे कुल सात प्रान्त व 60 परगना होंगे परगनों मे वही संरचना होगी इस प्रकार अब 2200 पदाधिकारी होंगे । कर्नाटक से सुझाव आया हमारे बडेर है अध्यक्ष है ट्रस्ट है उनका क्या होगा । देखिए 600-700 बडेर व संस्थाए ट्रस्ट बने हुए है सभी अलग अलग अस्तित्व मे है एक दुसरे से जुङाव नही है हमारी कोई पहचान नही है क्या हम नही चाहते कि हमारी राष्ट्र स्तर पर पहचान हो यदि हमे राष्ट्र स्तर पर पहचान बनानी है एकता दिखानी है तो सभी को आपस मे जोङना होगा वे सभी बडेर रहेंगे लेकिन परगने से जुङकर एक दुसरे से जुङे हुए रहेंगे एक अखण्ड सीरवी समाज बनेगा अबी स्वदेशी जागरण मंच की सेमिनार हुई मै स्रोता के रुप मे वहां गया उन्हे पता चला कि मै अखिल भारतीय सीरवी महासभा का अध्यक्ष हूं तो मुझे बुलाया महासभा के अध्यक्ष की हैसियत से बुलाया गया यह सीरवी समाज की पहचान बनी जहां कोई भी समाज को नही बुलाया गया और पी.पी.चौधरी को बुलाया तो ये सीरवी समाज की पहचान है हमने खेती मे उदाहरण पेश किया हमारे जैसी खेती कोई नही कर सकता महासभा के 32 प्रकोष्ट मे आपके सुझाव ही मानेंगे महासभा कोई भी सुझाव थोपेंगे नही आपको ही तय करना है। दिसम्बर तक सभी कार्य कर एक सुव्यवस्थित कार्यालय खोलेंगे जो कम्प्युटर नेटवर्क से जुङा रहेगा हर समस्या का समाधान होगा किसी समस्या का समाधान हमारे पास नही होगा तो हम उस विभाग के एक्सपर्ट से राय लेंगे ओर समाज को देंगे एक बैंक की स्थापना करेंगे मै आपको बता दूं कि पुना मे अपने समाज के लोगो ने लोकमत बैंक को खरीद लिया है मै मोडारामजी से काफी प्रभावित हूं दुसरी पास है बालिकाओ के लिए आईजी विद्यापीठ खोला है हमे छात्रावास स्कुल कालेज खोलने है गरीब मेधावी छात्रों की मदद करनी है हम चुनीन्दा शहरो मे भले ही शहर से दूर मिले बङी जगह लेंगे जयपुर मे हमारा प्रयास चल रहा है मुख्यमंत्री महोदय के सचिव निरंजन आर्य का अपने समाज से प्रेम है । मातृ शक्ति के कोटे की बात है मै कहता हू आप जितना सहयोग कर सकती है करे आप आगे आवे क्योकि हर सफल पुरुष के सफलता के पीछे महिला का हाथ होता है । इसके बाद पी.पी.चौधरी अध्यक्ष महोदय ने उपस्थित महानुभावो के सवालों का संतोषजनक जवाब दिए सवाल जवाब भी काफी रोचक रहे सवाल पुछने वालों मे मुकेश गहलोत डेहरी,डॉ.दिनेश सतपुङा,विनोद राठौङ,बाबूलाल चौधरी सोहनलाल सोलंकी अनुराधा राठौङ आदि थे कार्यक्रम का सफल संचालन हिरालालजी देवङा बङवानी व मंगल सैणचा बंगलौर ने किया। अधिवेशन में सिर्वी महासभा के म.प्र.प्रान्त अध्यक्ष पद पर बड़वानी के मनोहर मुकाती (मास्टर सा.) नियुक्त किए गए। कार्यक्रम में सर्वसम्मति से प्रान्तीय कार्यकारिणी का गठन किया गया। इसमें महासचिव भगवान लचेटा इंदौर, उपाध्यक्ष नारायण पंवार गुमानपुरा, कोषाध्यक्ष डोंगरसिंह खंडाला रतनपुरा, सहसचिव गजानंद नंदगांव तथा प्रांतीय मीडिया प्रभारी कैलाश मुकाती मनावर को बनाया गया। न्याय सचिव सीताराम सोलंकी नर्मदानगर, समन्वय सचिव रणछोड़ पटेल राजपुर को नियुक्त किया गया। हीरालाल देवड़ा बड़वानी, पन्नालाल मोगरे मंडवाड़ा, देवीसिंह पटेल हतोला शंकर परिहार नांदिया बड़वाह, हरेसिंह पिता दामाजी पटेल बड़वाह, सोहनलाल परिहार सुरपाला सदस्य मनोनीत किए गए। इसी इकार भगवान चौधरी लोनसरा, जगदीश राठौर रेहगुन, मांगीलाल गेहलोत बड़गांव, बाबूलाल गेहलोत नांगलवाड़ी, जगदीश राठौर बोरलाय, राजेन्द्र सोलंकी अंजड़, मदनलाल हम्मड़ बड़वाह, डॉ. चंपालाल पंवार बड़वाह, डॉ. एमएफ् काग करही आदि संरक्षक के रूप में मनोनीत किए गए । समाचार प्रस्तुती - कानाराम परिहार (कालापीपल) 9829358181