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छगन नहीं चल पाएगा अपने पैरों-आपसे मदद की अपील
Posted By : Posted By कानाराम परिहार(कालापीपल) on 17 Oct 2012, 21:50:1
छगन चोयल अब नहीं चल पायेगा अपने पैरों पर- पालीः- घटना 24 जून 2012 की है जब छगन मुम्बई से अपने परिजनों को मिलने हेतु रेल से सोमेसर स्टेशन पर उतरा कि अचानक पैर फिसल गया और छगन के दोनो पैर शरीर से अलग हो गए। रेल के निकल जाने के बाद छगन ने हिम्मत रखकर अपने परिजनों को मोबाइल से इस घटना से अवगत कराया, स्टेशन पर भीङ जमा हो गई समाज सेवियों द्वारा उसे नजदीकी अस्पताल पहूंचाया फिर उसको जोधपुर रेफर किया जहां उसके पैर चमङी से जुङे हुए थे काटकर अलग कर दिए गए। घटना से लेकर आज तक छगन बिस्तर पर अपनी जिन्दगी जी रहा है अभी छगन पाली सिंधी कॉलोनी मे अपनी बहन के घर बहनोई श्री ज्ञानारामजी सांवलता के सहारे से जी रहा है । गरीब परिवार से तालुक रखने वाला छगन चोयल मारवाङ मे जीवन्द खुर्द गांव का है सबसे पहले दुःख का पहाड़ टुटा जब छगन 3 वर्ष का था उसकी मां का देहान्त हो गया । तब छगन को शिक्षा व पालन पोषण के लिए बहन ने पाली लाकर 10 वी तक की शिक्षा दिलाई फिर कमजोर आर्थिक स्थति की वजह से पढाई छोङकर 2006 मे मुम्बई कमाने के लिए चला गया । छगन के पिता श्री पेमारामजी मजदूरी करके अपनी जिन्दगी गुजर कर रहे है । ऐसी स्थति मे 24 जून 2012 का दिन छगन के परिवार के लिए अभिशाप का कलंक बनकर आया इस घटना से छगन इतना टूट गया कि अब जिन्दगी जीएं या नहीं छगन को पुरे दिन यही बात सताती है कि मै शरीर से लाचार होकर अपनी जीजी व जीजा को अनावश्यक तकलीफ दे रहा हूं । इस छगन की मदद को आगे आए श्री गंगासिंहजी राजपुरोहित रुघङी वाले जिन्होने छगन को आगे पढने के लिए प्रेरित किया तथा अपने खर्चे से 12 वी परीक्षा दिलवा रहे है। आप सभी के समक्ष यह जानकारी दी जा रही है ताकि छगन को कुछ सहायता मिल सके और वह अपने को सहज महसुस करने लग जाएं । आज 22 वर्षिय छगन दयनीय स्थति मे है असको समाज के भामाशाहों द्वारा आर्थिक सम्बल देकर जरुर मदद की जानी चाहिए। अधिक जानकारी के लिए रमेश करणवा सीरवी छात्रावास पाली से सम्पर्क करें 02932-225451 Posted by Kanaram Parihar (Kala papal)