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बार कौंसिल ऑॅफ राजस्थान द्वारा किसानो की सुनिष्चित आय एवं मूल्य का अधिकार विधेयक 2012 क्या - क्यो - कैसे पर कार्यशाला
Posted By : Posted By Mangal Senacha on 14 Oct 2012, 20:50:28
जयपुर, 14 अक्टूबर, 2012 आज किसानो की सुनिष्चित आय एवं मूल्य का अधिकार विधेयक 2012 क्या - क्यो - कैसे पर राजस्थान उच्च न्यायालय के सतीष चन्द्र अग्रवाल सभागार में कार्यषाला का आयोजन किया गया, जिसमें बार काउंिसंल ऑफ इण्डिया के सदस्य बीरीसिंह सिनसिनवार एवं बार काउसिंल ऑफ राजस्थान चैयरमैन इन्द्रराज सैनी द्वारा संयुक्त रूप से प्रस्ताव प्रस्तुत कर सरकार से इस विधेयक को संसद में प्रस्तुत करने की मांग की गई तथा सभी राजनैतिक दलो से इसे पारित करने में सहयोग करने का आग्रह किया गया । इसके साथ ही केन्द्र सरकार एवं राजनैतिक दलो, सभी सासदो, प्रत्येक बार एसोसियेषन को पत्र के साथ विधेयक की प्रति भेजकर व्याख्यान आयोजित करने, एवं सभी लोक सभा क्षेत्रो के जन प्रतिनिधियों को विधेयक की प्रति पहुॅचाने तथा ग्राम स्तर तक जनजागरण करने के लिए स्वयं सेवी संस्थाओ को इस कार्य में सम्मिलित करने का आग्रह किया जिसे कार्यषाला में उपस्थित सभी प्रतिनिधियों ने दोनो हाथ ऊचे कर ऊॅ की ध्वनी के साथ सर्वसम्मति से पारित किया । कार्यषाला के उद्धाटन सत्र में पूर्व न्यायाधिपति श्री विनोद शंकर दबे ने दीप प्रज्वलित अपने उद्बोधन में विधेयक की महत्ती आवष्यकता पर प्रकाष डालते हुये इस विधेयक को देष के किसान के हितो को पोषित करने वाला बताया । बार कौसिल ऑफ इण्डिया के सदस्य श्री बीरी सिंह सिनसिनवार ने अपने स्वागत भाषण में प्रदेष के आये सभी किसान संगठनो के प्रतिनिधियो को हार्दिक बधाई देते हुये कहा कि यह विधेयक देष की खाद्य सुरक्षा के लिए आवष्यक है । जिसे संसद में प्रस्तुत करवाने के लिए निरन्तर प्रयास आवष्यक है। इसी क्रम में विधेयक के लेखक श्री रामपाल जाट ने विधेयक की प्रस्तावना रखते हुये बताया कि किसी भी देष की आजादी की रक्षा के लिए खाद्य सुरक्षा प्रथम गारन्टी है जिसके लिए वर्तमान में कृषि पर मॅडराते संकट को दूर करने के लिए किसानो की आय सुनिष्चित करने तथा उनकी उपजों का लाभकारी मूल्य दिलाना समय की मांग बताया है। इसी क्रम में बार कौसिल ऑफ राजस्थान के अध्यक्ष इन्द्रराज सैनी ने अपने अध्यक्षीय भाषण मंे स्वयं की गोभी की खेती में घाटा होने से गांव छोडने व अमेरीका के राष्ट्रपति के मूॅगफली उत्पादक किसान होने की चर्चा करते हुये उन्होने इस विधेयक को केन्द्र सरकार द्वारा प्रस्तुत कर संसद में पारित करवाना अपरिहार्य है । विवेचन सत्र मंे अध्यक्षता करते हुये पूर्व मुख्य न्यायाधिपति श्री वाई. आर. मीणा ने इस विधेयक की प्रष्ंासना करते इसे किसान हितो के लिए अपरिहार्य कदम बताया । उन्होने रोष प्रकट किया कि देष की संसद में अधिकतर किसान होते हुये भी किसान हित के विषयों पर गंभीर चर्चा होती । इस कार्यषाला में पी.पी. चौधरी-सीनियर एडवोकेट उच्चतम न्यायालय, माणक चन्द सुराणा - वरिष्ठ अधिवक्ता, प्रो0 बी.एल वर्मा - पूर्व कुलपति कोटा विष्वविधालय, जे.पी चंदेलिया - आई.ए.एस. (सेवानिवृत्त), महावीर सिंह - आई.ए.एस. (सेवानिवृत्त) , प्रो0 विजय वषिष्ठ - सेवानिवृत्त प्राचार्य राज. महा. विधालय, बी0आर0 ग्वाला-सेवानिव्ृत्त पुलिस महानिरीक्षक, षंभूदयाल बडगुर्जर - एडवोकेट एवं पूर्व विधायक, मंगल सेणचा - पत्रकार ने भी सम्बोधित किया जिसमें सभी ने यह राय व्यक्त की कि घाटे की खेती के कारण किसान वर्ग लाचारी में खेती कर रहा है और नई पीढी का खेती की ओर रूझान समाप्त हो रहा है और जिसके दुष्परिणास्वरूप अपराध बढ रहे है। जिसके कारण आतंकवाद एवं नक्सलवाद जैसी बुराईयॉ पनपने की संभावना बढ रही है। इसे रोकने के लिए भारतीय संविधान के अनुसार भेदभाव एवं आय की असामानताओं को समाप्त करने के लिए इस विधेयक जैसे कानून पारित करना राज्यो का कर्तव्य है। समाज में बढती विषमताओं को समाप्त किया जा सके । इस किसान विधेयक के हिन्दी एवं अंग्रेजी प्रारूप व आज की कार्यषाला की कार्यवाही सहित अन्य जानकारियॉ विष्व मंे उपलब्ध करावाने के लिए किसान महापंचायत डॉट कॉम नाम की बेवसाईट भी लॉन्च की गई । जो मंगल सेणचा द्वारा तैयार की गई थी । प्रताप सिंह सिरोही एडवोकेट ने किसान क्षेत्र मंे उत्कृष्ट शोधकर्ताओं, खेतो पर फसलो में विषेष प्रयोग करने वाले, कृषि सम्बन्धित विषयों में दक्षता प्राप्त करने वाले, कृषि एवं किसानो के लिए संघर्ष करने वाले जैसे व्यक्तियों को प्रोत्साहित करने के लिए किसान महापंचायत फाउण्डेषन ट्रस्ट तैयार होने की घोषणा की । इस कार्यषाला में भारतीय किसान संघ के महामंत्री बद्री नारायण चौधरी ,भारतीय किसान यूनियन प्रदेषाध्यक्ष राजपाल पूनिया, राजस्थान किसान विकास संस्थान के अध्यक्ष ताराचन्द बगडवा, राजस्थान किसान कामगार कल्याण समिति के प्रदेषाध्यक्ष शेर सिंह पूनिया, राजस्थान किसान कल्याण परिषद के प्रदेषाध्यक्ष हरिनारायण गठाला, मेंहन्दी उत्पादक किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष भॅवर सेणचा, कोषाध्यक्ष भरत चौधरी, हाडौति किसान यूनियन के फरीदुल्लाह खान, प्रषांत पाटनी सरपंच, नन्द किषोर शर्मा सहित कई किसान संगठनों के पदाधिकारियों ने भाग लिया । इन्द्रराज सैनी चैयरमैन