सीरवी समाज - मुख्य समाचार

दुनिया में हर 40 सेकंड में एक शख्स खुदकुशी कर लेता है.
Posted By : Posted By Mangal Senacha on 10 Sep 2012, 17:53:03
आज विश्‍व आत्महत्या रोकथाम दिवस, सालाना 10 लाख लोग उठाते हैं आत्मघाती कदम मनोवैज्ञानिक डॉ. लीना ने बताया कि थोड सतर्कता से जिंदगियां बचाई जा सकती हैं. उन्होंने कहा कि खुदकुशी की घटनाएं तभी रोकी जा सकती हैं जब हताशा के शिकार इंसान को भरपूर भावनात्मक सर्मथन मिले. उन्होंने बताया कि जब कोई व्यक्ति अवसाद में हो तो उस पर नजर रखी जानी चाहिए और उसे जल्द से जल्द मनोवैज्ञानिक परार्मश दिलाना चाहिए. हताशा के शिकार व्यक्ति से बात करनी चाहिए और जितना मुमकिन हो सके उसे अपने दिल की बात कहने देना चाहिए. इससे उसका मन हल्का होगा और संभव है कि वह धीरे-धीरे हताशा से बाहर निकल आए. नई दिल्ली । 9 सितंबर (ब्यूरो) दुनिया में हर 40 सेकंड में एक शख्स खुदकुशी कर लेता है. विश्‍व स्वास्थ्य संगठन के आंकड.ों के मुताबिक, दुनिया भर में हर साल तकरीबन 10 लाख लोगों की जान खुदकुशी की वजह से जाती है. हर साल 10 सितंबर को आयोजित किए जाने वाले 'विश्‍व आत्महत्या रोकथाम दिवस' के लिए जारी अपने संदेश में वाशिंगटन स्थित अंतर्राष्ट्रीय आत्महत्या रोकथाम संघ (आईएएसपी) के अध्यक्ष लैनी बर्मन ने यह जानकारी दी है. विश्‍व स्वास्थ्य संगठन के आंकडे. भी यही कहते हैं. इसका मतलब है कि दुनिया भर में औसतन हर 40 सेकंड में एक व्यक्ति खुद ही अपनी जान ले लेता है या इसे इस तरह देखा जाए कि रोजाना करीब 3,000 लोग आत्महत्या करते हैं. खुदकुशी की तादाद में हो रहे इजाफे की बाबत मनोवैज्ञानिक लीना चतुर्वेदी ने बताया कि आत्महत्या की प्रवृत्ति सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी एक बहुत बड.ी समस्या है. आए दिन सुनने, देखने और पढ.ने में आता है कि किसी ने परीक्षा में फेल हो जाने की वजह से खुदकुशी कर ली तो किसी ने प्यार में नाकाम रहने पर खुदकुशी कर ली. अंतर्राष्ट्रीय आत्महत्या रोकथाम संघ के मुताबिक, हत्या और युद्ध के कारण हर साल जितने लोग नहीं मारे जाते होंगे उससे कहीं ज्यादा जानें सिर्फ खुदकुशी से जाती हैं. from lokmat samachar