सीरवी समाज - ब्लॉग

अनावश्यक दखलअंदाजी के कारण घर बर्बाद होता है : मनोहर सीरवी
Posted By : Posted By गोविन्द सिंह पंवार on 26 Aug 2020, 01:13:22

मैसूरु के एक किराणा व्यवसायी मनोहर सीरवी का मानना है की जिस स्त्री का ध्यान मायके की तरफ विशेष हो समझ जाएं उस परिवार में महाभारत निश्चित है। बहुत लोगो का ये तक मानना है कि ज्यादातर तलाक का कारण भी लड़की के माता-पिता होते हैं। पर ये कहाँ तक सही है। मेरा मानना है कि लड़की के माँ बाप हो या लड़के के माँ बाप हो दोनो के अनावश्यक दखलअंदाजी के कारण घर बर्बाद होता है। ससुराल भी लड़की की मायके की तरह बन जाये तो महाभारत की नौबत ही नहीं आएगी। हर बात पर बेटे को बहकाना उसके कान भरना आज बहु ने मेरे साथ ऐसा किया। पति के जीवन मे भी अगर उसकी माँ की ज्यादा भूमिका होती है तो वो घर बिखर जाता है। सास हमेशा अपने बेटे बहु को अलग करने की कोशिश में लगी रहे । अगर सास अपनी बहू के साथ अच्छा व्यवहार करे तो बहू भी ऐसा ही करेगी। अगर ससुराल वाले हर बात पर बहु को टोके नही उसे खुलकर अपने तरीके से जीने दे । शादी के शुरुआत में पति पत्नी को एक दूसरे को समझने में समय लगता है पर सास का हर बात में दखल अंदाजी करना ये बहु को अच्छा नही लगता । और ज्यादातर सास को तो ये डर होता है कि कहीं मेरा बेटा जोरू का गुलाम न बन जाये। वो भूल जाती हैं कि कल वो भी किसी की बहू थी। अगर बेटे बहु में झगड़ा हो जाये तो आग में घी डालने का काम करती हैं ज्यादातार सास। मेरे बेटे को खाने में ये पसन्द है ये नही पसंद है तुम उसका ख़याल अच्छे से नही रखती हो। ये सास की हद से ज्यादा हस्तक्षेप करने की आदत से बेटे बहु के रिश्तो में दरार ला देती है। लड़की के भी कुछ सपने होते हैं, वो भी अपना घर अपने तरीके से सजाना संवारना चाहती है। बेटे के शादी के बाद भी माँ अपनी जिम्मेदारियों को नही छोड़ती, बेटे के ऑफिस जाने के समय बेटा तुमने रुमाल लिया मोबाईल रख लिया लंच रख लिया, बेटे की हर छोटी बड़ी जरूरतों का ध्यान रखती हैं। यहाँ तक कि ऑफिस के लिए दरवाजे तक छोड़ने जाना , अपनी बहू को एक मौका न देना। और किसी भी पत्नी को अपने पति के जीवन मे माँ की इतनी भूमिका देखकर बुरा तो लगेगा ही। कोई भी पत्नी अपने पति के ये सब काम खुद करना चाहेगी, पर सास उसे कोई मौका ना दे तो गुस्सा तो आएगा ही। और ज्यादा दिक्कत तो तब होती है जब पति भी माँ माँ ही जपते रहे। अपनी माँ के डर से पत्नी को ज्यादा महत्व न दे। परिवार में हर सदस्य को अपनी अपनी भूमिका में रहना चाहिए तथा सभी रिश्तों को आदर देना चाहिए। यदि सब एक दूसरे का सम्मान करेंगे तो घर में खुशहाली होगी।