सीरवी समाज - ब्लॉग

गोपाराम पंवार राष्ट्रीय समन्वयक नशा मुक्ति एवं समाज सुधार अभियान।
Posted By : Posted By on 24 Jul 2019, 12:36:25

सीरवी समाज विकास सेवा समिति द्वारा जारी सामाजिक सुधारों के दिशा निर्देशों के प्रति मेरे निजी विचार

सीरवी समाज विकास समिति बिलाड़ा के द्वारा पिछले पचास सालों से चल रहे समाज सुधार के परिपेक्ष में वर्तमान समय की मांग को देखते हुए चाहे गये बिन्दुओं पर सहमत / असहमत का बिन्दु वार उत्तर एक नजर में

1. सहमत - सोब 50/-
2. सहमत - ओरना 100/-
3. सहमत - वेष 200/-
4. सहमत , डीजे बन्द हो
5. असहमत - कोण की बैठकों में भोजन पूरा बन्द होना चाहिये।
कोण की बैठकों में मुश्किल से 10 या 20 मिनट का समय ही लगता हैं ज्यादा समय पेट पूजा में लगता हैं।

अतिविशेष परिस्थितियों में 50 किलोमीटर से ज्यादा दूरी से आने वाले विशेष मेहमान जिनका 4 घंटे से अधिक समय तक रूकना आवश्यक हैं
दोपहर के भोजन की व्यवस्था की जा सकती हैं। अन्यथा बिल्कुल नहीं हो।
6. असहमत - भाईपा के सदस्य जिनका दिनभर रूकना आवश्यक है उनके लिए सिर्फ दोपहर के भोजन की व्यवस्था की जा सकती हैं।
7. सहमत - पीहर व ससुराल पक्ष का ही ओरना हो
8. सहमत - काँचली की जगह सिर्फ 10/- रुपये।
9. सहमत - बहन या सहासणी को केवल ओरना औडाना, वेष नहीं हो।
10. असहमत - रोने पर सभी के लिए पूरी पाबंदी हो।
11. सहमत - अफीम मनुहार पर समाज द्वारा पिछले पचास सालों से पाबन्दी की हुई हैं, पालना सुनिश्चित हो।
12. सहमत - सभी अवसरों पर सभी प्रकार के भातों पर रोक हो।
13. सहमत - सादगी के साल बाहरवें की रश्म, जोकि 7 दिन से ज्यादा की अवधि की नही हो तथा उसमें किसी भी प्रकार के पंचक को लेकर अवधि को आगे नहीं बढाया जावें तथा उसी दिन सोग की भी रश्म सादगी के साथ अदा की जावें।

तीये के उठावणा पर भी विचार किया जाना चाहिए।

14. सहमत - राजस्थान मृत्युभोज निवारण अधिनियम 1960 को मध्य नजर रखते हुए 100 व्यक्तियों से अधिक की भोजन दाल - बाटी, बिना फोंड़े की व्यवस्था नहीं हो।

इसके अलावा नये सुझाव

15. चिलम व्यवस्था बन्द हो।
16. माथा धोने की रश्म में बदलाव हो।
17. मृत्यु पर स्नान रश्म केवल परिवार वालें ही निभाये, शेष सभी पुष्प अर्पित करें।
18. मृत्यु पर रात्रि में जमीन पर सोने की रूढि बन्द हो।
19. काण पर आने वाले नजदीकी रिश्तेदार घी, आटा व दाल लाने की बजाय सहयोग राशि देवें।
20. मृत्यु पर प्रवासियों के इन्तजार में शव को नहीं रोका जाना चाहिए।
21. किसी की मृत्यु प्रवास स्थान पर हो जाती हैं तो दाह संस्कार की व्यवस्था वहीं हो तो अच्छा रहता है।

अधिकाशं गावों में सफलतापूर्वक चल रही
एक मोके की व्यवस्था पर भी मंथन किया जाना चाहिए।

आवश्यकता होगी तो और सुझावों पर मंथन कर सकते हैं।

राष्ट्रीय समन्वयक
नशा मुक्ति एवं समाज सुधार अभियान।