सीरवी समाज - ब्लॉग

अगर कोई व्यक्ति एक जगह या एक संगठन के साथ टिककर नहीं रह सकता है वह समाज को दिशा नहीं दे सकता है क्योंकि वह खुद दिशाहीन है। - प्रस्तुति - कवी केवल राम पंवार- चेन्नई
Posted By : Posted By seervi on 25 Aug 2019, 04:02:17

हमारे यहाँ एक दिक्कत है हम अपने आप को छोड़कर दुसरो को सपोर्ट करने में विश्वास रखते है, जबकि अगर आप अपने आप को जबतक सक्षम नहीं बनाएंगे तब तक आप कैसे किसी की सहायता कर पाएंगे। अगर मैं भटक जाउंगा तो आप क्या करेंगे, सवाल करेंगे या नहीं। यही हम गलत हो जाते है। अगर हम भटक गए तो आप पहले समझिये अच्छी बात है लेकिन आप जबतक मुझसे सवाल नहीं करेंगे तबतक मुझे अपनी गलती का एहसास नहीं होगा। जब आप पूछेंगे तो मैं सोचूंगा ना उससे पहले तक तो मुझे पता है मैं सही हूँ। क्योंकि किसी ने अभी तक सवाल नहीं किया, हम पहले अपने अंदर गलती ढूंढने लगते है। क्योंकि जहाँ आपने यह सोचा की समझने का प्रयत्न करेंगे वही आप उसके प्रति सही सोचने लगे, की वह सही हो सकता है।

जबतक आप पूछेंगे नहीं उसको सही गलत का फर्क पता नहीं चलेगा, अगर आप पूछेंगे तो आपको जवाब मिलेगा। हो सकता है वह सही हो लेकिन उसको अभी तक सोचने का मौका ही नहीं मिला। क्योंकि आपने ऊँगली उठाई तो उसको सोचने का मौका मिलेगा। जब सवाल जवाब होता है तो एक भावार्थ निकल कर आता है जिससे पता चलता है क्या सही है क्या गलत, हो सकता है आपने सवाल किया वह गलत है तो सामने वाला आपको बताएगा कि मैं नहीं आप गलत है तो सोचिये एक आदमी अभी तक गलत था जो अब दोनों सही होने जा रहा है।

जी हां इसमें कोई दो राय नही है लेकिन जब आप बात करते है तो बहुत सारी बाते पता चलती है। जिस दिन हम किसी भी बात के मंथन से दूर भागना बंद करेंगे उसी दिन हम सही मायने में आगे बढ़ पाएंगे, उससे पहले नहीं क्योंकि हमें किसी बात की दार्शनिक मंथन रुचिकर नहीं लगने से ऐसा करते है जो जाने अनजाने हम अपने आप की सहायता नहीं कर रहे है। सामाजिक काम में कभी कभी आपको नीरसता का सामना करना पड़ सकता है जिससे यह मतलब नहीं की उस बात का समाज पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। बस सोचने की बात है जिससे समाज में फैली अलग अलग भ्रांतियों को मिटाया जा सकता है।

किसी भी विषय को आप रुचिकर नही बनाएंगे तब तक आप सफल नहीं हो सकते है। रुचिकर तभी होगा जब समाज के अंदर बैठे आखिरी पंक्ति में बैठे लोग उसमे अपनी रूचि ना दिखाई दे।
यह अवश्य है कि एक नायक होता है जो उनलोगो में जोश भरता है किसी भी विषय के प्रति और उसका अगुआ होने का सही मायने में अपने आप को साबित करता है।