
जयपुर/ *समाज की प्रेरणास्रोत नारी श्रीमती कविता सीरवी।*
*जय माताजी री सा*
*वर्तमान समय मे सीरवी समाज एवं समस्त नारी शक्ति की महान विभूति के रूप मे उभरी हुई ।*
बहन श्रीमती कविता सीरवी का संक्षिप्त परिचय
*नाम*>कविता सीरवी
*पति*> स्व. श्री ओमप्रकाश जी चंदावत
*व्यवसाय*> स्क्वायर बाथ स्टुडियो जयपुर
*मूल निवासी*> बेरा पोलियावास,, बिलाङा,जोधपुर।
आपके जीवनसाथी की शुरुआत 21मई 2004 को हुई।
कहते हैं कि जब समय का पहिया चलता है तब मानव उस पर नियंत्रण नहीं कर सकता, कविता बहन की घर घरगृहस्थी अच्छी खासी चल रही थी की तभी अचानक कोविड-19 के समय में मानो उनके जीवन पर संकटकालीन आसमान टूट पड़ा। कुछ ही क्षणों में जीवन के अंतिम सत्य मृत्यु ने ओम प्रकाश जी (कविता बहन के पति )को अपनी गोदी में सुला दिया,और 21 मई 2021 को ओम प्रकाश जी ने भयानक सुंदरी मृत्यु का वरण कर लिया।
जिस प्रकार भूकंप आने के पश्चात पृथ्वी की आंतरिक स्थिति उथल-पुथल हो जाती हैं,उसी प्रकार कविता बहन का जीवन असंतुलित हो गया, उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करें अपने बच्चे को पालना, सास ससुर की सेवा, अपने पति के व्यवसाय को संभालना आदि। इस विषम परिस्थिति में उन्होंने परमेश्वर से आशीर्वाद लेकर बिल्कुल प्रथम कक्षा के विद्यार्थी की भांति अपने व्यवसायिक जीवन में पहला कदम रखा।
परिस्थितियां बहुत ही विकट थी उन्हें समझ नहीं आ रहा था की शुरुआत कैसे करू,कहां से करू परंतु शास्त्रों में लिखा है कि जब मनुष्य दृढ़ संकल्पित होकर किसी कार्य को करने की ठान ले तो दैवीय शक्तियाँ स्वयं उसकी सहायता करने आती है। ऐसा ही हुआ बहन कविता के साथ हर शाम वह थक, हार के घर लौटती तो विचारों की आंधी उन्हें चारों ओर से घेर देती, परंतु उन्हें अपने पति को दिया हुआ वादा याद था, इसलिए हर सुबह वह नए जोश,नई उमंग व नई चेतना से काम पर जाती।
इस विषम परिस्थिति में अपनी बेटी का हौसला बढ़ाने उनके पिता श्री *मेघाराम जी सीरवी* जो वर्तमान में सीरवी समाज जोधपुर संस्थान के अध्यक्ष/राजस्थान सरकार के GST अतिरिक्त आयुक्त ने भी बेटी के साथ आ खड़े हुए,और सास-ससुर सभी ने उनका हौसला बढ़ाया हालांकि समाज द्वारा उनको अनेक कटु वचन भी सुनने पड़े तू औरत है, हाथों में चूड़ियां पहनी है, जब औरतें व्यवसाय संभालेगी तो घर का काम कौन करेगा आदी अनेक प्रकार की बातों को सहन कर अपने लक्ष्य की ओर ध्यान केंद्रित करके बहन कविता अपने बुलंद हौसलों से आसमान की ऊंचाइयों को छूने में लग गई।
हर पल, हर क्षण,उनका इंतिहान ले रहा था कदम-कदम उनको फूंक-फूंक कर रखना था क्योंकि एक गलत कदम उठाया तो समाज में उनकी इज्जत धूमिल हो जाएगी। इस प्रकार लगातार 2 वर्षो तक कठिन संघर्ष व दृढ़ निश्चय से संपूर्ण बाजार को अपने नेक व्यवहार व सद्चरित्र से जीत लिया।कविता बहन का कहना है कि आज भी मेरे हर सांस में पतिदेव जिंदा है,वो मेरे साथ नही दे सकते पर हर समय साथ रहते है,हमारा सपना का घर तो बन गया था, पर हम उसमे साथ रह नही पाए। जयपुर आने का फैसला मेरा था,कुछ मेरे पतिदेव का वेल- विसर्स जिन्होंने सिर्फ यह कहा आप आजाओ बहुत सोच समझकर सिर्फ यह फैसला लिया मुझे अपना घर जाना है।जँहा मेरा सपनों का घर है,जँहा प्यार की मीठी यादें है, जिसका सहारा में जीवन को गुजार सकती हूं।शुभ ने बोला बी एड कर रखा है,अध्यापक की तैयारी कर सकती है,पर ऊपर बातों का साथ मेरा स्टाफ की भी जिम्मेदारी थी,जो ओम मेरे ऊपर छोड़कर गया था, मेने सोचा सिर्फ एक ही रिश्ता है ऑफिस।। पतिदेव के दोस्तों ने मेरा साथ दिया,जो आज भी मेरे साथ खड़े है,धन्यवाद दोस्तों में आज भी बहुत मिस करती हूं मेरे पतिदेव को पर वो सब मेरा हौसला बढ़ाते हैं।
अपने व्यवसाय के प्रति संघर्ष इतनी मेहनत और लगन इतनी कि इनकी मेहनत से प्रभावित होकर हाल ही में 10,11,12 अप्रैल 2023 को गोवा में *CERA कंपनी* ने इनको अपने वार्षिक सम्मेलन में आमंत्रित किया, तथा इन्हीं की भांति भारतवर्ष के 600 से अधिक महानतम व्यापारियों को भी इसमें आमंत्रित किया। इन सभी महानतम विभूतियों के समक्ष सीरवी समाज की गौरव व नारी जगत की प्रेरणा शक्ति श्रीमती कविता बहन को *सुपर वुमन अवार्ड*( सर्वोच्च महिला पुरस्कार) से नवाजा गया।
इसी के साथ भारतीय नारी की प्रेरणा शक्ति के रूप में बहन कविता अपने लक्ष्य की ओर निरंतर बढ़ रही है।
कविता बहन के साहसिक कार्य से भारत की प्रत्येक नारी को यह सीख लेनी चाहिए, की प्रकृति ने भले ही लिंग के आधार पर भेदभाव किया हो परंतु प्रकृति ने बुद्धि,विचार,साहस, मनोबल एवं आत्मबल देने में कोई भेदभाव नहीं किया, सभी स्त्री पुरुषों को प्रकृति ने समान रूप से अधिकार दिए हैं। इसलिए शक्ति स्वरूपा भारतीय नारी को चाहिए कि वे समाज की रूढ़िवादिता की बेड़ियों को तोड़कर अपनी सांस्कृतिक मर्यादाओं में रहकर बहन कविता की भांति समाज के सामने प्रत्यक्ष रूप से अपने आप को एक मिसाल के रूप में पेश करें। ये जानकारी दुर्गारामजी पंवार कोयम्बटूर के द्वारा दी गई।
कविता बहन को *सुपर वुमन अवार्ड*( सर्वोच्च महिला पुरस्कार) से नवाजे जाने पर चेत बंदे पत्रिका परिवार/राष्ट्रीय सीरवी किसान सेवा समिति/सीरवी समाज डॉट कॉम व अखिल भारतीय सीरवी समाज की ओर से आपको बहुत बहुत हार्दिक बधाई व उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं।हमारे लिए गर्व का पल।🙏🙏
प्रस्तुति: *कानाराम सिरवी (गुड़ा दुर्जन)*